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पर्यावरण संरक्षण पर राज्य स्तरीय ऑनलाइन निबंध स्पर्धा*

 पर्यावरण संरक्षण पर राज्य स्तरीय ऑनलाइन निबंध स्पर्धा


                         पुष्पेन्द्र कुमार कश्यप सक्ति

अखिल भारतीय साहित्य मंथन शोध संस्थान,नई दिल्ली (पंजीकृत) की छत्तीसगढ़ ईकाई द्वारा पर्यावरण संरक्षण पर आज निबंध लेखन स्पर्धा का आयोजन किया गया।जिसमें निम्नलिखित उपशीर्षकों के साथ में निबंध भेजे गये हैं -

वृक्ष लगाओ ,पर्यावरण बचाओ।,पर्यावरण संरक्षण हमारा दायित्व,पर्यावरण संरक्षण हेतु वृक्षारोपण की आवश्यकता एवं महत्व,प्रदूषण का पर्यावरण पर दुष्प्रभाव एवं बचाव के उपाय,पर्यावरण का हमारे जीवन में महत्व,भारतीय संविधान पर आधारित पर्यावरण नीति आदि विषयों पर निबंध भेजे गये हैं। छत्तीसगढ़ के सभी जिलों के विद्यार्थियों ,शिक्षकों व अन्य की सहभागिता रही है।आज छत्तीसगढ़ से कुल 152 से अधिक निबंध प्राप्त हुए हैं।बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से शैक्षिक गतिविधियां कराई जा रही है।जिसमें छत्तीसगढ़ के 2 शिक्षकों श्री देवेश कुमार "भारती" वि• खंड बेरला, बेमेतरा और श्री पुष्पेंद्र कश्यप वि• खंड. सक्ति,जांजगीर चांपा की महत्ती भूमिका है।आप दोनों के अथक प्रयास से ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी बच्चों, शिक्षकों व पालकों को निरंतर शिक्षा से जोड़े रखा है।पूर्व में भी देवेश भारती और पुष्पेंद्र जी ने "15 दिन,15 कहानी" का आयोजन किया था।


देवेश कुमार भारती बेमेतरा


         संस्था की संस्थापिका व राष्ट्रीय अध्यक्षा डॉ• ज्योति कुशवाहा जी एवं महासचिव श्री संजय "शाफी" जी से महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है।साहित्य मन्थन शोध संस्थान के कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी को ई प्रमाण पत्र दिया जा रहा है।आज आयोजित कार्यक्रम भाग लेने पर देवेश भारती और पुष्पेंद्र कश्यप ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया है।

राज्य स्तर के बच्चे और शिक्षको ने निम्न निबंध लिखकर भेजें
































निबंध - *पर्यावरण संरक्षण :समय की मांग*



*एक वृक्ष सौ पुत्र समाना* यह कहावत आज पर्यावरण हेतु सही सिद्ध होती है। आज वृक्ष कटते जा रहे हैं। हमारा पर्यावरण खतरे में है। तभी तो *वृक्ष लगाओ पर्यावरण बचाओ* का नारा केवल नारा बनकर रह गया है । सड़क चौड़ीकरण करनी हो तो बहुत सारे वृक्षों को काटना पड़ता है पर उनके एवज में मनुष्य कहां इतनी पेड़ लगाता है।
आज हर मनुष्य का दायित्व है कि वह पेड़ लगाए अपने हर जन्मदिन पर पेड़ लगाएं। तभी वह कुछ अच्छा कर पाएगा। इजराइल  कभी एकदम बंजर देश था, वहां के लोगों ने मिलकर निर्णय लिया कि किसी व्यक्ति की मृत्यु पर वह कब्र ना बनाकर पेड़ लगाएंगे, उनके इस सराहनीय प्रयास का नतीजा है कि आज इजराइल एक हरा भरा देश है ।ऐसे ही कुछ कदम हमें भी उठाने होंगे।
पर्यावरण के संरक्षण और सुरक्षा हेतु सरकार बहुत से कदम उठा रही है ,वन नीति बन रहे हैं। किंतु लोगों में जागरूकता की आज भी कमी है। हमारे बुजुर्गों ने आम के पेड़ लगाए थे ,आज आम हम खा रहे हैं। अब आम के पेड़ नहीं लगाये तो हमारी आने वाली पीढ़ी केवल किताबों में आम को पढ़ेंगी।
वृक्ष हमें छाया देते हैं।
फल देते हैं। जीवनदायिनी ऑक्सीजन देते हैं,
फूल देते हैं। वृक्षों के कारण वर्षा होती है ।जमीन का कटाव वृक्षों कारण रुकता है। वृक्षों के  कारण समय पर मानसून आता है। आज आवश्यकता है हम पर्यावरण को सुरक्षित करने में अपना महती योगदान दें।
आज हर स्कूल और स्कूल के प्रांगण में वृक्षारोपण के साथ-साथ बच्चों को जागरूक करने की आवश्यकता है, क्योंकि बच्चे बहुत बड़े दूत होते हैं ।वे यदि पर्यावरण के लिए जागरूक रहे तो निश्चित ही पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा। जन-जागरण भी जरूरी है।
अंत में यही कहना चाहूंगा-
*मेरे देशवासियों ,लिख रहा हूं* *निबंध तुम्हें मौत के दहाने से,*
*छत्तीसगढ़ के किसी कोने से,*
*वृक्षों को समूल नष्ट करने को*
 *उद्यत है मानवीय अनाचार जिससे वृक्षों का हो रहा है संहार।*
*वृक्ष लगाइए पर्यावरण बचाइए।*

*सौभाग्य चौहान,*
*कांकेर, छग*

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    पर्यावरण संरक्षण हमारा दायित्व
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 पर्यावरण संवर्धन व संरक्षण हमारी सामाजिक, राष्ट्रीय व नैतिक जिम्मेदारी है ।प्रत्येक व्यक्ति को अपने आसपास का वातावरण हरा-भरा बनाए रखना चाहिए।  प्रकृति के प्रति कृतज्ञ होकर इसकी रक्षा के लिए हमें जागरूक रहना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण के बीच ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है ।स्वच्छ वातावरण के लिए अधिक से अधिक वृक्षारोपण करके वृक्षों की सुरक्षा भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए। वृक्ष कुदरत का एक अनमोल और बहुमूल्य उपहार है। वृक्ष धरती पर जीवन का प्रतीक है और वृक्षों के बिना धरती पर हमारा जीवन असंभव है ।कहा भी गया है --वृक्ष ही जल है, जल ही अन्न है और अन्न ही जीवन है।           पर्यावरणविद् श्री नवीन मल्होत्रा जी के अनुसार तुलसी का एक पौधा 9 मीटर की दूरी तक पर्यावरण को स्वच्छ रखता है। यह पौधा 24 घंटे ऑक्सीजन प्रदान करता है और औषधीय गुणों के अतिरिक्त हमें प्राणवायु देता है। मैंने भी इस बात को अनुभव किया और अपने विद्यालय शासकीय स्तर माध्यमिक शाला चोरिया जिला जांजगीर चांपा(छत्तीसगढ़) के शाला परिसर में तुलसी की 7 प्रजातियों के लगभग 350 पौधे लगाए हैं। इसके साथ ही छायादार, फलदार और फूलदार पौधे भी लगाए गए हैं। मेरे मार्गदर्शन में हमारे विद्यालय के छात्र -छात्राओं ने विद्यालय के अतिरिक्त अपने -अपने घरों की बाड़ी में भी वृक्षारोपण किए । पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हाथ बढ़ाने के लिए हमारे अन्नदाता किसान भाइयों को भी रासायनिक खाद के स्थान पर जैविक कृषि को अपनाना चाहिए। इससे वायु ,जल और भूमि को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है। सतत् विकास और भावी पीढ़ी की सुखद और‌ स्वस्थ जीवन के लिए भी पर्यावरण संरक्षण अति आवश्यक है ।
सभी शासकीय संस्थानों विशेषकर विद्यालय  परिसर में वृक्षारोपण करके वातावरण को हरा-भरा बनाया जा सकता है । इससे बच्चों की पढ़ाई में मन लगेगा और प्रकृति प्रेम का भाव जागृत होगा।जब हम पेड़ पौधों को संरक्षित रखेंगे तभी मानव जीवन सुरक्षित रह सकता है।
                अमृत लाल साहू   
                   ब्याख्याता
      शासकीय उच्चतर माध्यमिक    
             शाला चोरिया
              जिला जांजगीर चांपा
                     (छत्तीसगढ़)
         मोबाइल नं.9977020167













पर्यावरण संरक्षण हमारा दायित्व
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जीवन,कुदरत का दिया हुआ अनमोल तोहफ़ा है।प्रत्येक प्राणी को जीवित रहने के लिए भोजन,हवा ,पानी और आवास की आवश्यकता पड़ती है ,जो हमे पर्यावरण से प्राप्त होता है।
पर्यावरण दो शब्दो से मिलकर बना है, परि+आवरण अर्थात् हम बाहर से जिन-जिन चीजों से घिरे हुए है, वे चीजे एक साथ मिलकर हमारा पर्यावरण का निर्माण करता है।इसमें सजीव व निर्जीव चीजों को शामिल किया जा सकता है।
सजीव के अंतर्गत सभी जीवित प्राणी आते है जैसे-मनुष्य सहित अन्य जीव एवम् हरे पेड़ पौधे।
निर्जीव के अंतर्गत वे चीजें आती है जो जड़ होते हुए भी चेतना अर्थात जीवन के लिए जरूरी है जैसे- हवा,जल ,प्रकाश,मिट्टी आदि ।
उपरोक्त दोनों घटक (सजीव/निर्जीव) मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते है।
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पर्यावरण संतुलन बनाएं रखने में सजीव व निर्जीव घटक का महत्व
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हवा,कई गैसों का मिश्रण है जिसमे प्रमुख रूप से ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड सजीवों के लिए महत्वपूर्ण है।ऑक्सीजन के बिना जीवन की कल्पना नही की जा सकती ,यह जीवन का प्रमुख घटक है।जीव जंतु श्वसन क्रिया में इसी गैस का उपयोग करते है।और कॉर्बन डाइऑक्साइड छोड़ते है। कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग हरे पेड़ पौधे भोजन बनाने में करते है।
जिस प्रकार हवा प्राणियों को जीवित रखने में मदद करती है,उसी प्रकार जल,मिट्टी ,प्रकाश और आवास भी महत्व पूर्ण स्थान   रखता है प्राणियों के जीवन में।
जल ही जीवन है,अर्थात जीवित रहने के लिए जल की भी उतनी ही जरूरत होती है जितनी हवा की।पेड़ पौधों को विकसित होने में मिट्टी और प्रकाश मदद करती है।पेड़ पौधों से जीवों को अनेकों लाभ है,जैसे भोजन,पानी,शुद्ध हवा,जीव जंतुओं का आवास,औषधि,जलाऊ एवम् इमरती लकड़ी इत्यादि चीजे हमे पेड़ पौधों से ही प्राप्त होती है।इसके अलावा मिट्टी में कटाव को रोकना एवम् मानसून के लिए, अनुकूल वातावरण तैयार करना ,पेड़ पौधों से ही संभव है।
जब पर्यावरण से हमे निशुल्क उपयोगी चीजें मिल रही है तो हमारा भी दायित्व बनता है की इस सहेज कर रखें ताकि हमारे आने वाले पीढ़ियों को भी अनंत काल तक इसका लाभ मिल सके।

     मन्नू लाल वर्मा शिक्षक बेमेतरा




























🌳पर्यावरण संरक्षण पर निबंध 🌳     

      "पर्यावरण संरक्षण को अपनाएं, स्वस्थ और ख़ुशहाल जीवन पाएँ l"             
  1.🌳 प्रस्तावना _ पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है-  परि+आवरण l  इस शब्द में "परि" का अर्थ है "चारों ओर" तथा "आवरण" का अर्थ है "घेरा या परिधि"। अर्थात हमारी पृथ्वी के चारो ओर हवा का घेरा जिसे हम पर्यावरण कहते हैं।                                             2.🌳 पर्यावरण का महत्त्व- पर्यावरण का हमारे जीवन में महत्त्व है' मानव जीवन पूरी तर से पर्यावरण पर निर्भर है। पर्यावरण के द्वारा ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। पर्यावरण के बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। पर्यावरण के कारण ही हमें अन्न ,जल, हवा आदि मूलभूत आवश्यकताएँ पूरी होती है। स्वच्छ पर्यावरण हमे बेहतर जीवन जीने में मदद करता है। 🌳                             3.🌳 पर्यावरण पर मानव का प्रभाव- मानव प्रकृति द्वारा बनाया गया अनुपम उपहार है। माना जाता है कि मानव ने विज्ञान के क्षेत्र में काफी उन्नति कर ली है। जिसके फलस्वरूप उद्योगों से निकलने वाला दूषित धुआँ, दूषित पदर्थ आदि प्रदूषण को जन्म दे रही है। इस कारण जल प्रदूषण  , वायु प्रदूषण, हुआ है। जंगल की कटाई के कारण मिट्टी प्रदूषण फैल गया है। इस तरह यह प्रदूषण किसी गाँव, शहर की समस्या नही बल्कि विश्व की समस्या बन गई है। 🌳                4.🌳 पर्यावरण संरक्षण के उपाय- पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमे ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे। उद्योग से निकलने वाले दूषित पदार्थ को सही जगह निस्तारण करना होगा। पर्यावरण की साफ- सफाई पर ध्यान देना होगा। प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग करना होगा। प्लास्टिक का उपयोग बंद करना होगा। पर्यावरण दिवस पर लोगों को जागरूक करना होगा। 🌳                                        4 . 🌳पर्यावरण को बचाने के उपाय- 
 1. पर्यावरण को बचाने के लिए हमे अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए।  
              2. अपने घर के आस- पास को साफ रखना चाहिए।                              3. पानी में कूड़ा- कचरा नही फेकना चाहिए।                         4. वनों की कटाई पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। 🌳                                            
5.🌳 उपसंहार- पर्यावरण हमारे लिए अनमोल है । इस लिए पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने की जिम्मेदारी हमे निभानी होगी। 🌳                                      Smt. Indrani Thakur, Teacher L B, Govt. M. S. Tarighat, Black-Patan, Dist-Durg (c.g.) pin code-491111                          Mo. No. 9406398545                       gmail- indranithakur1972@gmail.com


निबंध

       *वृक्ष लगाओ पर्यावरण बचाओ*

हमारे देश में जंगल कम होते जा रहे है  जिसका कारण पेंड़ की कटाई है जंगल के कम होने से जंगली जानवर भी लुप्त होते जा रहे है पेड़ के न होने से शुद्ध हवा भी नहीं मिल पा रही है जिससे इंसानों को बीमारी हो रही है अगर इंसान अपनी जरूरतो के लिए पेंड़ काटता है तो उसे एक पेड़ काटने के बाद दूसरा पेड़ लगाना भी चाहिए जिससे पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके इंसान एक कालोनी बनाने के लिए हजारों पेड़ काट देता है जिससे पर्यावरण का बहुत बड़ा नुकसान होता है हर व्यक्ति को हर सप्ताह कम से कम एक पेड़ लगाना चाहिए ताकि इंसान पेड़ काटकर जो पर्यावरण का नुकसान करता है उसकी भरपाई  कर सके इंसान जंगल में बसे गावों को उजाड़ देता है और शहर बनाते जा रहा है आजकल बड़ी बड़ी कम्पनी में स्पेशल डाइनिंग टेबल, बेड, सोफा सेट, दरवाजा, टेबल, कुर्सी बनती जा रही है जिसके लिए तेजी से पेड़ काटा जा रहा है पैसे की लालच में इंसान अपना जीवन बिगाड़ रहा है प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो हमारे पर्यावरण को प्रदूषित करता है इसे अपघटित होने में कई साल लग जाते है इसका कम से कम उपयोग करे तथा इसे इधर उधर फेकने के बजाय या जला दे या रिसायकल के लिए दे दे।
हम अपने पर्यावरण को संरक्षित करेंगे तभी हमारा पृथ्वी और हम सुरक्षित रह सकेंगे।

कृष्णानंद सोनी
कक्षा 8 वीं
बचन बाई शास. माध्यमिक शाला सकरी
मोबाइल नंबर  - 9407740462






निबंध

विद्यार्थी वर्ग और शिक्षक समुदाय दोनों का पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि दोनों ही जन जागरूकता का सशक्त माध्यम है एवं भूमिगत स्तर से वे परिवर्तन कर सकते हैं हम सभी पॉलिथीन का न्यूनतम उपयोग करें पॉलिथीन का युक्तियुक्त उपयोग करें पॉलिथीन को यत्र तत्र फेंकने के स्थान पर वहां तक पहुंचाएं जहां उसे री साइकिल किया जा सके
प्लास्टिक के विभिन्न पदार्थों का जो बचते हैं का हम स्वयं कुछ ना कुछ उपयोग करें शासन स्तर से री साइकिल हेतु अनुसंधान किया जाए एवं प्लास्टिक अपशिष्ट को समुद्र में फेंकने के स्थान पर कुछ ना कुछ उपयुक्त उपयोग किया जाए
स्वयं वृक्षारोपण करें वृक्षों का संरक्षण करें यथासंभव आने जाने हेतु साइकिल का उपयोग करें पर्यावरण संरक्षण हेतु स्वयं की भूमिका के अनुरूप जो जो भी कार्य हो सकते हैं अवश्य करें पर्यावरण के संरक्षण में स्वयं का संरक्षण सन्निहित है।

       छात्रा जानवी बोड़ाना 
              कक्षा 5वी
शासकीय नवीन प्राथमिक विद्यालय नयापुरा माकनी जिला धार मध्यप्रदेश


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