करवाचौथ
एक तरफ करवा चौथ था , दूसरे तरफ पति देव से हमारी लड़ाई चल रही थी, ओर हमारा मौन व्रत चल रहा था, पर मैंने मन ही मन करवा चौथ व्रत करने की ठान ली । ओर मैंने करवा चौथ ब्रत का उपवास रख लिया पति देव भी कहां कम थे , वो मेरे मन को भाप गए ,ओर उन्होंने भी करवा चौथ व्रत का उपवास रख लिया,मै किचन जाकर खाने के लिए कुछ बानाती ,वो पर पेट दर्द का बहाना करके ऑफिस चले गए ।उधर से लौटे तो उन्होंने मेरे पसंद की साड़ी चूड़ी बिंदी ओर सिंगार का सारा सामान लाकर रख दिए ,बिना कुछ मुझसे बोले वहां से चल दिए मुझे तो जोरो से गुस्सा आ रहा था, आखिर क्यूं कर रहे हैं वो मेरे लिए इतना सबकुछ ,जब मुझसे बात ही नहीं करते , अब शाम होने को चला था ओर थोड़ी देर मै चांद भी निकलने वाला था , इसलिए मै पूजा की तैयारी करने लगी ओर जल्दी से इनको नया कुर्ता पैजामा लाकर इनके सामने रख दिए , ओर खुद भी तैयार होने चली गई। थोड़ी देर मै हम दोनों तैयार होकर एक दूसरे के सामने खड़े थे ओर दोनों अपने अपने कपड़े में बहुत अच्छे लग रहे थे , पर तारीफ करता कौन हमदोनो एक दूसरे से रूठे हुए थे , वो अपना चेहरा आइना मै निहार रहे थे , ओर मै अपना निहार रही थी। अब चांद भी निकल चुका था , मै छत पर जाकर पूजा करने लगी , जैसे ही मैंने चलनी निकाल कर चांद की ओर देख रही थी ,तब तक ये चांद के सामने खड़े हो गए , फिर मैंने इन्हे चलनी से देखा ओर इनके पैर छुए ,ओर मुझे सदा सुहागन का आशीर्वाद दिया । हम दोनों ने करवा चौथ व्रत का पालन अच्छे से किया ,पति होकर भी ,वो मुझसे पीछे नहीं रहे , अब मै पूजा करके छत से नीचे की ओर आ रही थी तभी मेरे पांव फिसल गए इन्होंने ने मेरा हाथ थाम लिया ओर मुझे सांभल लिए । मुझे तो जोरो से गुस्सा आ रहा था , ओर मेरा गुस्सा इनपर फूट पड़ा ओर मै बोल पड़ी आखिर क्यूं कर रहे हो ,मेरे लिए ये सब । तभी उन्होंने मुझसे पूछा तुम क्यूं कर रही मेरे लिए ये सब ,मै रोने लगी ओर बोली मैंने तो पत्नी होने का धर्म निभा रही हू । तभी इन्होंने मुझसे कहा किस ग्रंथ में लिखा है , पत्नियां ही पति के लिए धर्म निभा सकती है सी , पति नहीं। अगर पत्नी का धर्म है पति का खयाल रखना , तो पति का भी धर्म बनता है , पति का खयाल रखना , साथ जीने मरने की , ह्मदोनो ने कस्मे खाई है , फिर मै अकेला तुम्हे कैसे छोड़ दी, जितना अहमियत तुम्हारी ,जिंदगी। मै मेरा है ,उतना ही अहमियत मेरी जिंदगी मै तुम्हारा है , फिर कैसे सोच लिया कि मै तुम्हे तुम्हारे हाल पर छोड़ दूंगा। ये सब सुनकर अपनी पति से लिपट कर जोरो से रोने लगी ,। तभी पति देव मेरी ओर देखे ओर बोले सुक्रिया अदा karo इस की करवा चौथ व्रत का , जो हम दोनों को ओर करीब ले आया ,ओर हमारे मन के कड़वाहट को मिटाकर मिठास ले आया।
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