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हमारे नायक /our hero

 

Satyendra prakash Chauhan

                             

                        

     हमारे नायक

 शालाओं का अवलोकन एवं अकादमिक सहयोग करने वाले संकुल शैक्षिक समन्वयक

 

श्री सत्येन्द्र प्रकाश चौहान

संकुल शैक्षिक समन्वयक

संकुलसकरेली(बाराद्वार)

विकासखंड-सक्तीजिला-जांजगीर चांपा(..)

 

हम सभी को यह भली भांति विदित हैकि संकुल शैक्षिक समन्वयक जमीनी स्तर पर प्रत्यक्ष रूप से विभिन्न विद्यालयों,शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से जुड़े होते है |

आज "हमारे नायककी कड़ी में एक ऐसे नायक श्री सत्येन्द्र प्रकाश चौहान(CAC-सकरेली बाराद्वार)से मिलवाने जा रहे हैं ,जो अपने दायित्वों का निर्वहन बहुत ही जिम्मेदारी एवं पूरे मनोयोग के साथ करते हैं | अपने संकुल के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर में सुधार के लिए एवं इस कोरोना संकट काल में शिक्षकों को विद्यार्थियों से जोड़े रखने का निरंतर प्रयास जारी रखें हुए हैं | "पढ़ई तुंहर दुआरके संकल्प को पूर्णता देने में इन्होंने शिक्षको के साथ मिलकर अपनी सहभागिता निभाई है | संकुल की शैक्षिक गतिविधियों की कमान  स्वयं संभाल कर प्रत्येक बच्चे को शिक्षा से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं | संकुल में विभिन्न प्रकार के कार्य इनके द्वारा किए जा रहे हैं |

ऑफलाईन एवं ऑनलाइन शिक्षा :- श्री चौहान जी ने बताया कि सकरेली संकुल के शिक्षकों ने इस कोरोना संकट काल के दौरान ऑनलाइन एवं ऑफलाईन दोनों ही प्रकार के कक्षाओं का संचालन किया है तथा वे स्वयं जब कभी भी उन्हें समय मिलता हैऑफलाईन कक्षाओं में अध्यापन कार्य करते हैं |

मिस्ड काॅल गुरूजी :- चौहान जी ने बताया कि सूरजपुर जिले से शुरू हुए मिस्ड कॉल गुरूजी नवाचार माडल से प्रेरित होकर उन्होंने अपने संकुल में विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों ने मिलकरजिन बच्चों के पास कीपैड मोबाइल है,उन बच्चों के लिए "मिस्ड काॅल गुरूजी 'पैनल' "बनाया हुआ है | पैनल के सभी सदस्यों के नंबर संकुल के सभी बच्चों को उपलब्ध करवा कर उनके प्रश्नों के उत्तर या उनकी पठन-पाठन से संबंधित प्रत्येक समस्या का समाधान किया जाता है | श्री चौहान जी ने भी "मिस्ड काॅल गुरूजी पैनलके एक सक्रिय सदस्य के रूप में कई विद्यार्थियों के समस्याओं का समाधान किए हैं |

शून्य निवेश नवाचार :- शिक्षा को  सरलसहज एवं रूचिकर तरीके से विद्यार्थियों तक पहुंचाने के लिए वे शून्य निवेश नवाचार के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के टी.एल.एम.बनाकर सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को अधिक कारगर,सहज एवं सरल बनाने के लिए शिक्षकों  का उत्साहवर्धन करते हैं |

शिक्षा सारथी सम्मान :- कोरोना संकट काल में जब विद्यालय बंद हुए,तब दसवींबारहवीं एवं उच्च कक्षाओं में अध्ययनरत कुछ उत्साही युवाओं ने शिक्षा सारथी के रूप में प्राथमिक एवं माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों को निशुल्क एवं निस्वार्थ भावना से "पढ़ई तुंहर पारा"के अंतर्गत पारामोहल्लो में जाकर पढ़ायाउन शिक्षा सारथियों का उत्साहवर्धन करने के लिए उन्हें उच्च अधिकारियों के हाथों से सर्टिफिकेट प्रदान करवाकर सम्मानित किया गया है |

खिलौनों द्वारा सहज शिक्षा :- श्री चौहान जी ने बताया कि बच्चों को खिलौने बनाना सिखा कर उन खिलौनों को गिनतीजोड़घटाना आदि सिखाने में उपयोग करने के लिए शिक्षकों को प्रोत्साहित करते है |

अप्रवेशी बच्चो की जानकारी : - श्री चौहान जी के द्वारा संकुल  के अंतर्गत  सभी अप्रवेशी बच्चों की पहचान कर उन्हें शाला में प्रवेश करवाने के लिए शिक्षकों को प्रेरित किया जाता है |

शाला त्यागी बच्चों की जानकारी :- संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी शालाओं में शाला त्यागी बच्चों की जानकारी मिलने पर उनके द्वारा ऐसे बच्चों एवं उनके अभिभावकों से मिलकर उनकी समस्या की जानकारी हासिल करके समस्या को हल करके उन बच्चों को पुनः विद्यालय में प्रवेश दिलाने का प्रयास किया जाता है |

पाठ्यपुस्तक एवं गणवेश वितरण :- विषम परिस्थितियों के बावजूद उनके द्वारा संकुल के सभी शालाओं में समय पर पाठ्यपुस्तक एवं गणवेश वितरण कार्य करवाया गया है |

सूखा राशन वितरण:-  वैश्विक महामारी के कारण लाॅकडाऊन के समय बच्चों के अभिभावकों को मध्यान्ह भोजन के सूखा राशन का वितरण किया जा रहा था | जब कभी अभिभावक विद्यालय में आकर राशन सामग्री नहीं ले जा पाते थे,तब उन्होंने विद्यार्थियों के घर जाकर सामग्री वितरण करने के लिए शिक्षकों को प्रेरित किया है | सामग्री के गुणवत्ता की जांच भी इनके द्वारा समय-समय पर किया जाता है |

शैक्षिक गतिविधियों का अवलोकन :- वे संकुल के अंतर्गत आने वाले सभी शालाओं में भ्रमण करके बच्चों की पठन-पाठन एवं शिक्षा गुणवत्ता के स्तर पर शिक्षकों से परिचर्चा करते हैं।तथा स्तर में सुधार हेतु प्रोत्साहित करते हैं एवं उचित सुझाव भी देते हैं।

कान्फ्रेंस काॅल के माध्यम से अध्यापन:-"पढ़ई तुंहर दुआर "योजना के अंतर्गत ऑनलाइन कक्षाओं में अध्ययन करने के लिए जिन बच्चों के पास एन्ड्राॅयड फोन उपलब्ध नही हैंउन बच्चों को "कान्फ्रेंस काॅलके माध्यम से पढ़ाने के लिए उन्होंने शिक्षकों को प्रोत्साहित किया |

शिक्षा में विभिन्न नवाचारों का प्रयोग :- श्री चौहान जी शिक्षकों को नवीन टेक्नोलॉजी जैसे -आगुमेंटेड टेक्नोलॉजी ,दीक्षा एप आदि का प्रयोग करके ऑनलाइन एवं ऑफलाइन शिक्षा को रोचक बनाने में सहयोग प्रदान करते हैं | "पढ़ई तुंहर पारा " के अंतर्गत मोहल्ला कक्षाओं में "रीडिंग कैंपेनका संचालन भी किया जाता रहा है |

संकुल स्तरीय पीएलसी समूह का गठन :- इनके द्वारा संकुल स्तरीय पीएलसीसमूह का गठन करके शिक्षको को विभिन्न जानकारियां सीजीपोर्टल पर अपलोड करने के लिए प्रेरित किया जाता है |

सरल कार्यक्रम में सहयोग :-चौहान जी ने बताया कि उनके संकुल में हिंदी एवं गणित विषय में उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए "सरल कार्यक्रम"का संचालन किया गया है | इस कार्यक्रम में उन्होंने "मास्टर ट्रेनरकी भूमिका निभाई है | इसके अतिरिक्त वे "निखार "कार्यक्रम के भी "मास्टर ट्रेनर"रह चुके हैं | निर्वाचन कार्यों में बी एल  की भूमिका में आज भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं |

श्री चौहान जी चाहे ऑफलाईन कक्षाओं में अध्यापन कार्य हो या मास्टर ट्रेनर की भूमिकास्वयं प्रत्यक्ष रूप से शैक्षिक गतिविधियों में संलग्न रह कर सभी के लिए आदर्श प्रस्तुत कर रहे हैं | इसलिए वे सदैव किसी भी कार्य के सरल एवं सहज क्रियान्वयन में सफल होते हैं | उन्होंने बताया कि संकुल के प्रत्येक कार्य की सफलता में संकुल के कर्मठ ,सजग शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है एवं उच्च अधिकारियों का मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन सम्मिलित है |

"जो उड़ान का शौक रखते हैवो गिरने का खौफ नहीं रखते हैं |"

ब्लॉग लेखिका-श्रीमती टीविजयलक्ष्मी (व्याख्याता-जीवविज्ञानशा..मा.वि.दंतेवाड़ा(..)

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