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बच्चों को अनुभव आधारित शिक्षा व प्रकृति से जोड़कर सिखाने वाली शिक्षिका

 बच्चों को अनुभव आधारित शिक्षा व प्रकृति से जोड़कर सिखाने वाली शिक्षिका




श्रीमती रजनी गुप्ता अपने अनुभवों को विद्यार्थियों के अधिगम स्तर में निरंतर सुधार लाने में प्रयोग कर रही है वह अनुभवात्मक शिक्षण से सीखने का वातावरण निर्मित कर बच्चों के सीखने को सरल एवं सहज बनाने में सदैव सहभागिता निभाती हैं। श्रीमती रजनी गुप्ता वैश्विक महामारी के विषम परिस्थितियों में भी बच्चों के सीखने सिखाने की प्रक्रिया निरंतर जारी रखने एवं शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखने हेतु सदा प्रयत्नशील रही हैं।कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया है। कोरोना संकट काल में जब विद्यालय बंद थे तब बच्चों की शिक्षा में निरंतरता बनाए रखने हेतु ऑनलाइन पढ़ाई करवा कर शिक्षा गुणवत्ता को बनाए रखा।

 गतिविधि आधारित शिक्षण बच्चा अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन में विभिन्न गतिविधियों एवं क्रियाकलाप स्वयं करके सीखता है तो वह अपेक्षाकृत अधिक शीघ्रता से सीखता है।

पूर्व व्यावसायिक शिक्षण -बच्चों को भविष्य में व्यवसाय चुनने में मदद मिल सके, इस हेतु उन्हें कई पूर्व व्यवसायिक प्रशिक्षण दिए हैं। उन्होंने इसे विज्ञान से जोड़कर उसमें विद्यमान पौष्टिक पोषक पदार्थ जैसे- कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, बसा विटामिन, अम्ल, क्षार आदि की जानकारी भी दी है एवं अपने अनुभव के आधार पर पूर्व व्यवसायिक शिक्षण उपलब्ध करवाया है।

 शैक्षणिक भ्रमण- विद्यालय के बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि महाविद्यालय जगदलपुर ले जाया गया।कृषि महाविद्यालय में बच्चों को तालाब में मछली पालन, मशरूम उत्पादन, फलों की ग्राफ्टिंग करने की तकनीक समझाई गई।

बाल संस्कार- बच्चों को बाल संस्कार एवं नैतिक शिक्षा, यूट्यूब वीडियो के माध्यम से देती हैं।

योग शिक्षण- कोविड में प्रतिदिन शाम को ऑनलाइन योग शिक्षण की कक्षाएँ आयोजित कर बच्चों को योग शिक्षा प्रदान करती रही हैं।

कोरोना वॉरियर के रूप में जिला स्तरीय पुरस्कार, महिला दिवस पर उत्कृष्ट कार्य करने हेतु पुरस्कार, पीएलसी में उत्कृष्ट कार्य करने पर पुरस्कार,मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण ज्ञानदीप पुरस्कार एवं अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनके मार्गदर्शन में मोहल्ला क्लास के वालंटियर को राज्य स्तर पर आज के नायक में स्थान  दिया गया एवं कक्षा छठवीं की छात्रा भी इनके मार्गदर्शन में आज के नायक में स्थान पाने में सफल रही है।समय-समय पर सामाजिक कार्यों में भी इनका योगदान रहा है।

 विद्यालय में विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से शिक्षण कार्य करवाए जाते हैं जैसे:-

कोविड-19 के दौरान विभिन्न माध्यमों से पढाई सुचारू रूप से जारी रखना-

1.ऑनलाइन,ऑफलाइन कक्षाओं का संचालन करना।

2.WhatsApp group के द्वारा वीडियो बनाकर भेजना।

3.volunteer को मार्गदर्शन देकर मोहल्ला क्लास संचालन करवाना।

4.उत्कृष्ट कार्य हेतु volunteer को सम्मानित करना।5.डिजिटल प्लेटफॉर्म पर छत्तीसगढ़ शिक्षा विभाग द्वारा हमारे नायक में volunteer को स्थान मिला।

6.हमारे नायक में मेरे मार्गदर्शन में कक्षा 6th की छात्रा को स्थान प्राप्त हुआ।

7.विभिन्न एप के माध्यम से पढ़ाई- दीक्षा एप,डिजिटल भविष्य पर registration करना।

8.नवा जतन पर कार्य करना। (peer learning, group learning ,चुनौती देना,सेल्फी विद सक्सेस,विषय मित्रआदि)

9.दीक्षा एप पर प्रशिक्षण प्राप्त कर 18 modules पर 

certificate प्राप्त करना।

10.चर्चा पत्र के अनुसार अध्यापन।

11.शासन के निर्देशानुसार दिए गए कार्यों में रुचि लेकर कार्य करना ।

12.Bagless Saturday activities*

पेपर बैग बनाना,इको ब्रिक्स बनाना सिखाना,सीड बाॅल बनाना सिखाकर पर्यावरण संरक्षण हेतु सीख प्रदान करना,

क्रोशिया से doormats , स्वेटर बनाना सिखाना।

व्यवसायिक शिक्षा के अन्तर्गत पापड़,चिप्स,गोलगप्पे,समोसे,तिल लड्डू सिखाकर बनवाना तथा व्यावसायिक +आनंद मेले का आयोजन

13.समाज सेवा के क्षेत्र में रुचि पूर्वक कार्य करना जैसे- गर्मी में मीठा पानी,वृद्धाश्रम की बहनों के साथ रामायण पाठ, भजन कीर्तन कर समय बिताना तथा मातृ-पितृ दिवस पर सम्मान कर उपहार देना।समय समय पर अन्य सामाजिक गतिविधियों में शामिल होना आदि।

14.सम्मान तथा प्रशस्तिपत्र

विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने पर अनेक बार सम्मान तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए जैसे-- PLC में उत्कृष्ट कार्य कोविड में ऑनलाइन,ऑफलाइन, प्रशस्तिपत्र, मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण ज्ञान दीप पुरस्कार,माहेश्वरी समाज द्वारा अनेक प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। 

15.प्रकृति बचाने हेतु बच्चों को सीड बाॅल बनाना सिखाया गया,पौधे रोपण करने हेतु बच्चों तथा अभिभावकों को जागरूक करने हेतु रैली,बैठक आदि का आयोजन।

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