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शिक्षक के असाधारण कार्यों व नवाचारों ने बदला विद्यालय के तस्वीर

शिक्षक के असाधारण कार्यों  व नवाचारों ने बदला विद्यालय के तस्वीर




 नाम- डॉ शिप्रा बेग 

पद-  सहायक शिक्षक 

शाला का नाम- शासकीय प्राथमिक शाला बैरन बाजार

विकासखंड- धरसींवा

जिला- रायपुर, छत्तीसगढ़ 

        

जीवन डगर, जीवन समर में ,प्रकाशपुंज बन राह दिखाते, शिक्षक ही हैं जो हर काम आसान बनाते, 

करते मुश्किलों को आसान ,आगे बढ़ाते पढ़ाते, खिलाते बच्चों को है राह दिखाते ।

     

एक ऐसा समय भी आया था जब छत्तीसगढ़ शासन शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ाई तुंहर दुवार  ऑन लाईन पोर्टल का प्रारंभ हुआ, यह ऐसा माध्यम था,जिसमे हम घर बैठे ही बच्चों जुड़ पाए उनके पढ़ाई, उनका मनोरंजन, व्यायाम,योगा, सांस्कृतिक कार्यक्रम सभी ऑन लाईन माध्यम से करवाया गया। अतः अधिगम को आसान औऱ रुचिकर बनाते हुए सीखने की प्रक्रिया को सरल औऱ सहज बनाना मुख्य ध्येय रहा। मोहल्ला कक्षा में जाकर बच्चों को कुछ नया बताना एवम सीखना ,ऐसे ही विकट परिस्थिति में SCERT द्वारा पाठ्यपुस्तक के पाठों का वीडियो बनाकर बच्चों तक पहुचाने का कार्य किया गया। जिसमे हिंदी विषय के पाठों का मेरे द्वारा SCERT जाकर वीडियो बनाये गये।

                  इसी दौरान समग्र शिक्षा छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा  बिग बुक की अवधारणा को लाया गया जिसमे प्राथमिक स्तर के शिक्षको को जोनवार कार्यशाला आयोजित कर प्रशिक्षित कर बिग बुक की प्रदर्शनी का आयोजन कर नई सोच औऱ नई दिशा का आगाज किया ।

 खिलौना निर्माण हेतु भी इसी प्रकार कार्यशाला का आयोजन  किया गया।

इको क्लब के माध्यम से वृक्षारोपण का महत्व औऱ पेड़ पौधों की देखभाल, तथा मौसम के अनुसार उगने वाले फल एवं फूलों के बारे में बच्चों को स्वयं पता करके अन्य बच्चों को बनाते कहा जाता है। जिसे पर्यावरण दिवस को बच्चों के साथ मनाया गया।

कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता पठन लेखन कौशल एवं गणितीय कौशल प्रतियोगिता ,हस्तपुस्तिका प्रतियोगिता , कला उत्सव, विज्ञान प्रदर्शनी , भाषा मड़ई सहायक सामग्री निर्माण, अंगना म शिक्षा, सीखने के प्रतिफल ,नवा जतन ,  ,इसके साथ ही  भाषा एवम गणितीय कौशल विकास हेतु FLN  के द्वारा प्रति सप्ताह गतिविधियों को बनाकर पुस्तिका बनाई गई।


               इस प्रकार अनेक शैक्षिक और सामाजिक कार्यक्रमों में सक्रिय सहभागिता निभाते हुए अध्ययन अध्यापन के वास्तविक उद्देश्यों को चरितार्थ करने का प्रयत्न किया। सबसे महत्वपूर्ण बात यह थी कि पालक और समुदाय के साथ जुड़कर बच्चों के लिए एक अच्छा वातावरण  तैयार करने महती भूमिका निभाने का अवसर मिला । इस प्रकार पूरे समर्पण के साथ छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान और कौशल को विकसित करने निष्ठा पूर्वक मेरे द्वारा शाला और बच्चों के हित में सौपे सभी  कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ किया गया।पालक और समुदाय से संपर्क स्थापित कर शाला की अन्य गतिविधियों के साथ उन्हें जोड़ते हुए उनकी सहभागिता को सुनिश्चित किया जाता है। जैसे, अँगना म शिक्षा, सांस्कृतिक उत्सव में भागीदारी,सामाजिक अंकेक्षण, SMC के कार्यों का क्रियान्वयन शाला की विभिन्न योजनाओं में उनको शामिल करना ये सभी कार्य शिक्षिका द्वारा किया जाता है। खेल खेल में बच्चों को गतिविधि के माध्यम से समझ विकसित करना। दिवार पत्रिका का निर्माण,बाल केंद्रित अध्ययन अध्यापन, शालामे प्रिंट रिच वातावरण का निर्माणआदि।नवोदय विद्यालय की परीक्षा हेतु विद्यार्थियों को अलग से समय देते हुए उनकी तैयारी करवाना।समुदाय एवम पालको के सहयोग से बच्चों की प्रगति को सुनिश्चित करना।शाला में बाल संसद के गठन के पश्चात सभी के कार्यो को बताते हुए उनकी ज़िम्मेदारी तय करना।चर्चा पत्र में पॉडकास्ट हेतु अपनी आवाज़ में एजेंडा का ऑडियो दिया गया। 

सम्मान एवं पुरुस्कार — मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण शिक्षदूत, उत्कृष्ट नवाचारी शिक्षक सम्मान, अविरल सेवा सम्मान, छतीसगढ़ रत्न सम्मान, जिलास्तरीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान।

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