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उत्कृष्ट शिक्षिका की संघर्ष गाथा अपनी जुबानी - नवाचार ने बदल डाली स्कूल की तस्वीर

उत्कृष्ट शिक्षिका की संघर्ष गाथा अपनी जुबानी - नवाचार ने बदल डाली स्कूल की तस्वीर


नवाचारी शिक्षक–पुष्पा पारेश्वर की शिक्षण विधि





पुष्पा पारेश्वर वर्तमान में शासकीय प्राथमिक शाला वीरेंद्र नगर संकुल –मंदिर सरायपाली विकासखंड– सरायपाली जिला महासमुंद में कार्यरत है। प्रारंभिक कक्षा के बच्चों के लिए भाषा की दक्षताओं जैसे बोलना ,सुनना, समझकर पढ़ना आदि के लिए छोटी-छोटी गतिविधि उनकी ज्यादातर गतिविधियां श्यामपटट् पर करती हैं। जैसे शब्द ढूंढ कर गोला लगाओ, चित्रों के नाम लिखो, फलों का नाम लिखो, शब्द सुनकर लिखो और बहुत सी ऐसी छोटी-छोटी विधियां, जिससे बच्चे उत्साहित होकर उत्तर देते हैं, और बच्चों में पढ़ने बोलने की क्षमता विकसित होती है। बच्चें प्रतिदिन अलग-अलग प्रार्थना ईश वंदना, छात्रों को मंच देना, माइक में बोलना, मौखिक संप्रेषण, स्थानीय गीत कविताऔर स्थानीय खेलो द्वारा मानसिक शारीरिक विकास में मेरे छात्रों की सक्रिय भागीदारी रहती है। 

हमारे स्कूल में बच्चों की उपस्थिति के लिए एक नवाचार करते हैं जिसमें बच्चों की कक्षावार  महीनों की 100%उपस्थित देखा जाता हैं। जो बच्चा अपनी उपस्थिति 100% देता है। उन्हें उपस्थिति स्टार चुनकर ईनाम देकर प्रोत्साहित करते हैं। जिससे बच्चों की उपस्थिति में सुधार हुआ है। और साथ में प्रतिदिन का कार्य जैसे, गृहकार्य ,कक्षाकार्य, मौखिक, लिखित, पढ़ना ,लिखना विषय में जो छात्र  अच्छा प्रदर्शन करते हैं, उन्हें भी इनाम देकर प्रोत्साहित करते हैं। ताकि दूसरे बच्चे भी प्रेरित होकर सभी क्रियाओं में भागीदारी बन सकें। और शिक्षण में सुधार लाने के लिए ZIIEI और दीक्षा एप का उपयोग मोबाइल बॉक्स के माध्यम से कक्षा को रुचिकर बनाने के लिए उपयोग करती हैं। जिस बच्चें मजे से सुनकर दोहराते हैं, और उन्हें याद भी हो जाता है। बच्चों की स्थिति जानने के लिए सदैव पालक संपर्क करती रहती हैं। बच्चों के द्वारा खिलौना निर्माण ,टीएम निर्माण करवाती है, जिससे बच्चों में कल्पना शक्ति और सृजनात्मक गुण का विकास हो सके।

राज्य स्तर पर हमारे नायक के रूप में सौभाग्य प्राप्त हुआ है। नवाचारी गतिविधियां समूह द्वारा राष्ट्रीय नवाचारी शिक्षा रत्न सम्मान स्कूल विभाग शिक्षा सचिव माननीय आलोक शुक्ला जी से सम्मानित हो चुकी है। और साथ में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान , शिकसा रत्न सम्मान, FIN विकासखंड स्तरीय प्रशस्ति पत्र और ZIIEI aapद्वारा सुनने निवेश नवाचार से सम्मानित हो गई है। और कई ऐसी संस्थाओं से प्रशस्ति पत्र मिल चुके हैं।

इस सत्र में मेरा एक नए नवाचार है–मैं अपने शाला के प्रत्येक बच्चों का जन्म दिवस मनाती हूं। और साथ में उनके पालकों अभिभावकों को भी स्कूल बुलाती हूं। और साथ में सभी हर्षोल्लास के साथ जन्मदिवस मना कर मैं अपनी तरफ से छोटा सा तोहफ़ा देती हूं जिससे बच्चे इतने खुश हो गए है। और पालक भी भावुक हो गए थे क्योंकि उन्होंने बच्चों का जन्म दिवस घर में नहीं मनाते। कुछ के घरों में जन्मदिवस नहीं मानते हैंऔर उन्हें पता भी नहीं होता कि उनके बच्चे का जन्म दिवस है इसलिए ऐसा भावुक और खुशी मैंने देखी बच्चों में और पालकों में। जो मुझे संतोष और सुकून मिला है।

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