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उत्कृष्ट शिक्षक की कार्य से अपने जिलों में पहचान बनाने वाली शिक्षिका

उत्कृष्ट शिक्षक की कार्य से अपने जिलों में पहचान बनाने वाली शिक्षिका






 नाम_श्रीमती ममता साहू

संस्था_शासकीय प्राथमिक विद्यालय बोरदा

विकासखंड__शक्ति

जिला__शक्ति

परिचय___ एक सामान्य शिक्षिका के रूप में

उपलब्धि

2020 में_उत्कृष्ट शिक्षिका एवं समाज सुधारक महिला के रूप में सम्मानित प्राप्त हुआ

2023 में__उत्कृष्ट शिक्षिका का सम्मानित प्राप्त हुआ



मैं श्रीमती ममता साहू सौभाग्य से मेरे द्वारा हुए कुछ कार्यों को विवेचना करती हूं।*शिक्षा का महत्व समाज और व्यक्तित्व दोनों ही दृष्टिकोण से अधिक है। यह केवल ज्ञान अर्जन करने का माध्यम ही नहीं, बल्कि यह समग्र विकास का आधार है*। हम शिक्षक वह माध्यम है जिनके द्वारा अर्जित ज्ञान को अगली पीढ़ी को स्थानांतरित करने का माध्यम बनती है। मेरा उद्देश्य सदैव से ही शिक्षिका बनने का रहा है प्रारंभ में पॉलिटेक्निक कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी मगर जैसे ही मुझे शिक्षिका बनने का अवसर मिला मैं अपनी पढ़ाई छोड़कर इस कार्य में तल्लीन हो गई क्योंकि यही एक माध्यम है जिसके जरिए हम समाज में व्याप्त गरीबी एवं अशिक्षितता को दूर कर सकते हैं। प्रारंभ में मैं भी सामान्य शिक्षकों की तरह स्कूल के कार्य को करती थी मगर 2020 में एक विद्यार्थी के साथ घटित घटना ने मेरे हृदय को परिवर्तन कर दिया जब वह बच्ची स्कूल नहीं आने के लिए लगातार रोए जा रही थी और उसकी मां उसे मार मार के स्कूल भेज रही थी उस दिन में उस बच्ची के घर गई उसको अपने साथ स्कूल लेकर आई उसे कक्षा में एक अलग ही माहौल देने का प्रयास किया उसका बर्थडे सेलिब्रेशन किया उसे स्पेशल फील कराया उस दिन के बाद वह कभी भी अनुपस्थित नहीं रही और स्कूल की सबसे बेस्ट विद्यार्थी बनी। तब मैंने महसूस किया कि बच्चों को हमसे अटेंशन चाहिए उन्हें अपने आप में स्पेशल होने का महत्व समझ में आता है।वर्तमान में मैं शासकीय प्राथमिक शाला बोरदा में पदस्थ वहां गए हुए मुझे मात्र 2 साल ही हुआ है और वहां पहले की अपेक्षा बहुत सारे परिवर्तन मेरे द्वारा हुए जिनमें से कुछ छोटे-छोटे कार्यों का वर्णन करती हूं।



महत्वपूर्ण कार्य

1,निशुल्क टाई बेल्ट वितरण -प्राथमिक शाला बोर्ड के विद्यार्थियों को सर्वप्रथम संस्था में ज्वाइन करते निशुल्क टाई बेल्ट एवं बैग वितरण किया गया ताकि बच्चे अपने स्कूली परिधान  में पूर्णता सुसज्जित लगे। 

2,डेस्क बेंच की व्यवस्था-विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण करते समय उन्हें नीचे तट पत्ते पर बैठना होता था तो उसके पश्चात मैंने उनके लिए बेंच और डेस्क की व्यवस्था कराई ताकि बच्चे अपना अध्यापन कार्य व्यवस्थित ढंग से कर सके। 

3,स्कूल मैदान का समतलिकरण-पूर्व में शालेय प्रांगण पूरी तरह से दलदल था। जिसमें विद्यार्थियों को खेलना तो दूर की बात है चलते भी ठीक से नहीं बनता था जिसका समतलीकरण करा कर बच्चों के लिए ग्राम सरपंच के माध्यम से खेलकूद का मैदान निर्माण किया गया। 

4,विद्यालय का सौंदर्यीकरण-

विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे एवं फूलों के पौधे लगाकर विद्यालय के वातावरण को शुद्ध एवं सुंदरता का दृष्टिकोण दिया गया। 

5,निजी विद्यालय की भांति विद्यार्थियों का यूनिफॉर्म में बदलावसरकारी स्कूल की विद्यार्थियों को प्रत्येक शनिवार को प्राइवेट स्कूलों की तरह ही लोअर टी-शर्ट में आने का नियम बनाया गया और उन्हें लोअर टी-शर्ट प्रोवाइड कराया गया ताकि वे बच्चे स्वयं को प्राइवेट स्कूलों की अपेक्षा कम न समझे एवं अपना कॉन्फिडेंस लेवल ऊपर रखें और यह बदलाव केवल अपने स्कूल में ही नहीं अपितु अन्य 15 स्कूलों में भी मैंने प्रेरित किया और वे स्कूल भी मुझसे प्रेरित होकर अपने विद्यालय में भी प्रत्येक शनिवार को लोअर टीशर्ट लागू किye एरिया कार्य अभी भी वर्तमान में चल रहा है ताकि और भी अन्य सरकारी स्कूलों में परिवर्तन ला सके।

विभिन्न समाज सेवकों द्वारा विद्यालय को लाभ दिलवाना-मारवाड़ी महिला जागृति शाखा द्वारा स्कूल के विद्यार्थियों को निशुल्क जूता_मोजा टाई _बेल्ट एवं अन्य खाद्य पदार्थ का वितरण करवाया गया ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार की आर्थिक कमी का महसूस ना हो।



 रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम - केवल प्राथमिक स्तर होते हुए भी संकुल के अन्य स्कूलों का भी साथ लेते हुए एक बड़े रूप में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम करवाया गया जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी ,विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं अन्य अधिकारियों को मुख्य अतिथि बनाया गया जिनके द्वारा एक छोटे से गांव के मात्र प्राइमरी स्कूल के इस प्रयास को विशेष सराहना दिया गया एवं तारीफ किए गए। एवं मेरे द्वारा सबसे महत्वपूर्ण कार्य जो कि मेरे विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए अति आवश्यक है विद्यालय का कक्षा उन्नयन करना वहां उसे पूरे गांव में एक भी माध्यमिक शाला नहीं है जिसकी वजह से मेरे प्यारे बच्चों को अपने स्कूल से अध्ययन हेतु दूर जाना पड़ता है मेरा यह प्रयास अभी भी जारी है मैं इस हेतु लगातार जिला शिक्षा अधिकारी एवं कलेक्ट ऑफिस में जाकर रिक्वेस्ट करती हूं।।इसी तरह स्वच्छता तथा पर्यावरण पर आधारित छोटे-छोटे नाट्य गतिविधि के द्वारा विद्यालय में अनेक प्रकार की छोटी-छोटी गतिविधियां मेरे द्वारा कराई जाती है जिनकी कुछ वीडियो नीचे है।

मेरे विद्यालय के लिए बड़े गर्व की बात है कि मेरे विद्यालय से अब लगातार 2 साल से पांचवी के विद्यार्थियों का एकलव्य विद्यालय में चयन होते आ रहा है।

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