एक पेड़ मां के नाम
एक पेड़ मां के नाम की ,है रोपणि।
लें संकल्प रहने को ,रक्षिणी ।।
जीवन दायिनी, प्राणवायु प्रदायिनी ।
जग के जीवों की ,जीवन तारिणी ।।
एक पेड़ मां के नाम की,है रोपणि....
तेरी शीतल छांव,शरण दायिनी।
बेघरों बेसहारों,की निवासिनी।।
एक पेड़ मां के नाम की, है रोपणि ।
लें संकल्प रहने , को रक्षिणी ।। मीजान मंजरी ,प्रभूभोज दायिनी ।
मंदिरों देवालयों, की शोभायणि।।
आराधकों साधकों की ,तपो स्थली।
किट पतंगों विहगों की, शरण स्थली।।
एक पेड़ मां के नाम की ,है रोपणि।
लें संकल्प रहनें ,को रक्षिणी।।
मां वसुंधरा के ,आंचल की शोभायणि।
मां सी महिमा हैं, तेरी धरा पोषीणि।।
एक पेड़ मां के नाम की , है रोपणि।
लें संकल्प रहने ,को रक्षिणी।।
स्मृति ,मां की सम्मान मे रोपणि।
संरक्षण संवर्धन,को संकल्पणि।।
मां के सम्मान में , मां के नाम की।
है अर्पित समर्पित,धरा धाम को।।
है नमन एक पेड़ ,मां के नाम को।
है अर्पित समर्पित, धरा धाम को ।।
रचनाकार
गोपी राम सेन
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