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दिव्यांगता को पछाड़ा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हिमकल्याणी सिन्हा

 दिव्यांगता को पछाड़ा बहुमुखी प्रतिभा की धनी हिमकल्याणी सिन्हा





शासकीय प्राथमिक शाला सैगोना में सहायक शिक्षक के पद पर कार्य जिला बेमेतरा की शिक्षिका कुमारी हिमकल्याणी सिन्हा शारीरिक रूप से 75 फीसदी दिव्यांग है, बावजूद इसके कक्षा में बच्चों के साथ इनका काम 100 प्रतिशत है । शासन की समस्त योजनाओं को  बहुत लगन रुचि एवं आत्मविश्वास से करती है।कोरोना काल में  भी शिक्षिका नियमित रूप से बच्चों से जुड़ी रही अपने स्कूल ग्राम सैगोना के माँ शीतला माता के प्रांगण में बच्चों को ऑफलाइन क्लास लगाकर साबित किया की व्यक्ति यदि मन से मजबूत है तो उसकी शारीरिक दियांगता आगे बढने में कोई बाधा नहीं है । ऑन लाइन क्लास के दौरान इन्होने गाँव में नेटवर्क की समस्या होने के बावजूद मुश्किलों का सामना करते हुए छत पर जाकर ऑनलाइन क्लास लेती थी। जिससे बच्चों को उनकी  पढ़ाई  से  जोड़ा रखा जा सके। इनके ऑन लाइन क्लास में जिले ही नहीं दूसरे राज्य के अन्य जिलों के बच्चों और शिक्षकों से जुड़कर बच्चों को मोटिवेट होते रहें है। बेमेतरा,रायगढ़, जाजंगीर चांपा, रायपुर, कबीरधाम, दुर्ग, राजनांदगाँव जिलों के बच्चें इनकी कक्षा में जुडने के लिए आतुर रहते थे।

नवाचारी शिक्षिका के रूप में पहचान बना चुकि हिमकल्याणी सिन्हा शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचार की कबाड़ से जुगाड़ कर उपयोगहीन वस्तुओं से बहुत कम लागत में 150 से अधिक सहायक सामग्री और खिलौना निर्माण के साथ स्वयं से खिलौना कार्नर बनावाकर शाला को प्रदान की है जिसका नियमित उपयोग कक्षा में होता है, आर्गमेटेड रियालिटी से बच्चों को आभासी दुनिया से परिचय करायी, टॉकिंग टैड, पॉडकास्ट वीडियो, लाईव लोकेसन, करेंट लोकेशन, कैलकुलेटर का उपयोग से छोटे बच्चों को डिजिटल पढ़ाई से जोड़ने का प्रयास की पीएलसी अंतर्गत हिंदी, गणित, अंग्रेजी, पर्यावरण सम्बंधित बिग बुक निर्माण की, स्वयं गीत, कहानी, कविता की रचना कर बच्चों को पढ़ाती है, बाल पत्रिका किलोल, एफ एल एन बुक, पर्यावरण संरक्षण बुक, खिलौना बुक, शिक्षा के गोठ, चर्चा पत्र, अभ्यास पुस्तिका, एफ एल एन सफल एप्रोच बुक में इनके कार्यों को स्थान मिला है, साथ ही इनकी शाला के बच्चों की रचना, कविता को भी बाल पत्रिका किलोल, विश्वसनीय समाचार पत्रों में स्थान मिला है, बच्चों को समय -समय में पुरस्कृत करती है जिससे बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना जागृत हुआ, बच्चें आगे आकर हर एक कार्यक्रम में भाग लेने लगे,आर्ट क्राफ्ट, ओरेगामी पेपर आर्ट बच्चों को सिखाती रहती है, शिक्षिका  स्मार्ट शाला बनाने के लिए विशेष योगदान दी है, समाज में जरूरतमंद लोगों की हमेशा मदद की है, दिव्यांग, जिनके माता पिता नहीं या आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों की पढ़ाई में मदद करती है, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करती है

सामाजिक क्षेत्र में भी शिक्षिका का विशेष योगदान रहा है, गंभीर बीमारी से ग्रसित जरूरतमंद के लिए चिकित्सिय सेवा में हमेशा तत्तपर रहती है फोन पे के माध्यम से निरंतर सहयोग करती है, पहाड़ी कोरवा बस्ती के लिए बेटियों की शादी और उनके घर बनाने को लेकर शिक्षकों के टीम के साथ लोगों की मदद की है, स्वयं रक्तदान कर लोगों को जागरूक करती है, अभी तक तीन बार रक्तदान कर ली है, कोरोना काल में कोरोना पीड़ितों के लिए शिक्षिका अपने एक माह का वेतन 29791 रु.मुख्यमंत्री राहत कोष में दान की, गाँव के कोरेन्टाइन सेंटरो में प्रवासी मजदूरों के लिए दो बार दैनिक जरूरतों की वस्तुओं की सेवा दी है, जिसे वह स्वयं अपने मॉडिफाई गाड़ी में सामग्री रखकर सेंटरो तक पहुँचाती थी, बच्चों और गाँव वाले को स्वयं के व्यय से तीन बार मास्क और सैनेटाइजर वितरण की है 

वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण, 2021में कोरोना योद्धा, सम्मान, 2022 में उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान, 2022 पढ़ई तुहर दुवार में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए सम्मानित हो चुकि है, अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पर सम्मानित हुई है साथ ही सी जी पोर्टल में दो बार हमारे नायक भी रही है, शिक्षिका को राज्य पाल पुरस्कार मिलने को लेकर गाँव व पूरे जिले में खुशी की लहर है, शिक्षिका 17 वर्ष तक शासकीय प्राथमिक शाला सैगोना में कार्यरत थी वर्तमान में 16 अगस्त 2024 को शासकीय प्राथमिक शाला अकोला में प्रधान पाठक के पद पर कार्यभार ग्रहण की है। शिक्षिका प्रतिदिन 20 किलोमीटर का सफर तय करते हुए शाला पहुँचती है।

शाला को स्मार्ट शाला बनाने में शिक्षिका का योगदान 

शासकीय प्राथमिक शाला सैगोना में शिक्षिका स्वयं के व्यय से बच्चों की बैठक व्यवस्था हेतू तीन ग्रीन मेट दी, 10,000 तक नकद राशि प्रदान की, एक कक्षा में टाइल्स लगवाई, शाला को लगभग 12 हजार लागत से खिलौना कॉर्नर प्रदान की इसके अलावा शाला सजावट हेतू गमला प्रदान की है, शिक्षिका सैगोना स्कूल में कक्षा एक से पाँच तक के सभी बच्चों को दो बार टाई बेल्ट वितरण की है, पूरे शाला परिवार को अभी तक दो बार न्योता भोज भी कराई है।


प्रधानपाठक के पद में कार्य ( दिनाँक 16/08/2024 से )

स्कूल जाने वाले रास्ते में गाँव का नाली टूट जाने के कारण आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही थी जहाँ से होकर सभी बच्चें स्कूल आते थे उन्हे भारी असुविधा का सामना करना पड़ता था, कई बच्चें कीचड़ में गिर जाते थे, वहाँ से होकर लगभग 10 गाँव के लोग गुजरते थे हिमकल्याणी सिन्हा सर्वप्रथम गाँव के नाली को स्वयं के व्यय से बनाई, आज सभी लोग वहाँ से गुजरते है तो हिमकल्याणी कों याद करते है  ।शाला में प्रधानपाठक के पद में पदोन्नति होने पर प्रधान मंत्री पोषण योजना अंतर्गत न्योता भोजन की आयोजन की जिससे बच्चों में भावनात्मक रूप से अपनेपन की भावना का विकास हो सके बच्चों को विभिन्न त्योहारों के बारे में जानकारी देना एवं प्रत्येक त्योहार को बच्चों के साथ शाला में मनाना, अंगना म शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन कर माता उमुखीकरण को बढ़ावा देना, बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतू स्वयं के व्यय से बालिकाओं को कॉपी, पेन कम्पास बॉक्स, टाई, बेल्ट, आई कार्ड प्रतिवर्ष वितरण करना, बाल दिवस के उपलक्ष में कक्षा 1 से 5 तक  सभी बच्चों का जन्मदिन मनाती है, सभी बच्चों को उपहार अपने स्वयं के व्यय से देती है, प्रधान पाठक के प्रयास से समाजसेवी संस्थान शाला के बच्चों  को स्वेटर प्रदान किए, दान दाताओं के द्वारा प्रत्येक कक्षा के सामने स्टील के रेलिंग लगाए गये, किचन गार्डन हेतू ग्रामीण मिट्टी प्रदान किए, नगद राशि, पानी टंकी रैम्प निर्माण में सहयोग प्रदान किए, हिमकल्याणी सिन्हा के मार्गदर्शन में बच्चों की रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रही है, और अच्छे अंक लेकर उत्तीर्ण हो रहे है प्रधान पाठक के रूप में कार्य करते हुए शाला परिसर जहाँ वीरान थी वहाँ फूल, पेड़, पत्ती आदि से परिसर में सुन्दरता बिखर रही है उन्होंने स्वयं के व्यय से विशेष आवश्यकता वाले शौचालय निर्माण कराई, 15/08/2025 स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कक्षा 1 से 5 तक सभी बच्चों कों स्वयं के व्यय से टाई बेल्ट, आई कार्ड वितरण की है जिससे शाला में सभी बच्चों के ड्रेस में एकरूपता आयी है, साथ ही बच्चों को डिजिटल रूप से पढ़ाई कराने के उद्देश्य से 16000 रु. कीमत की स्मार्ट टी वी लगवाई, जिसका लाभ बच्चें ले रहे है, हिमकल्याणी सिन्हा जिनको बोला जाता था की प्रधान पाठक का कार्य करना आपके लिए बहुत ही कठिन है आप मत लीजिये पर हिमकल्याणी सिन्हा प्रधान पाठक का कार्य बहुत ख़ुशी के साथ कर रही है जिससे दूसरे शिक्षक भी प्रेरणा ले रहे है, इन्होने कई पुस्तके भी लिखी है जिसमें नारी शक्ति, पर्यावरण संरक्षण समय की मांग, FLN कविता एवं कहानी पुस्तिका, संवेदनाओं के झरते मोती, दिव्यांगता अधिकार, अवसर और आशा  शामिल है, शिक्षिका अपने दिव्यांगता को ताकत बनाकर कार्य कर रही है यही कारण है की सैगोना के ग्रामीण के साथ ही अकोला गाँव के लोग भी भूरी भूरी प्रशंसा करते है, 2024 में महामहिम राज्यपाल के हाथों हिमकल्याणी   राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित हुई है।

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