दिल्ली में बिखेरी छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति की छटा
दिल्ली में सीसीआरटी द्वारा राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन
सीसीआरटी दिल्ली में छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति का किया प्रदर्शन
बस्तर - सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी), दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका पर एक राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला आयोजित की जा रही है। जिसमें छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले से उमाशंकर साहू और तिलेश्वर साहू शामिल हुए। इस कार्यशाला में देशभर से शिक्षकों, कलाकारों एवं शिक्षा विशेषज्ञों की भागीदारी हो रही है। स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र (सीसीआरटी) दिल्ली द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर के कार्यशाला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शिक्षा में पुतलीकला की भूमिका पर 10 सितम्बर से संचालित है|
इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को पुतलीकला से संबंधित जानकारी करके सीखने की पद्धति से दी जा रही है। सीसीआरटी के विशेषज्ञ कलाकारों द्वारा कठपुतली निर्माण, संचालन तकनीक तथा शिक्षण प्रक्रिया में इसके प्रयोग पर विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रतिभागियों से विभिन्न प्रस्तुतिकरण भी कराए जा रहे हैं।
इसी कड़ी में आज छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने पीपीटी के माध्यम से अपने राज्य की भौगोलिक स्थिति, राजनीतिक एवं प्रशासनिक ढांचा, खानपान, रहन-सहन, भाषा, कला-संस्कृति और नृत्य का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया। विशेष आकर्षण के रूप में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद भी सभी प्रतिभागियों को कराया गया। यह प्रस्तुति इतनी शानदार रही कि 11 राज्यों से आए 68 शिक्षकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम में क्षेत्राधिकारी देवा सर, जुलिसा मैडम और कोमल मैडम बतौर कार्यक्रम प्रभारी उपस्थित रहे। छत्तीसगढ़ से कुल 10 प्रतिभागी उमाशंकर साहू, तिलेश्वर साहू, संध्या पैंकरा, गायत्री चंद्रवंशी, अर्चना साहू, रीता श्रीवास्तव, अनामिका चंद्रनान्हू, हेमंत श्रीवास,टिकेश्वर महिलांगे इस कार्यशाला में उपस्थित रहे।


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