एक शिक्षक की लगन से बदली शिक्षा की तस्वीर
नवाचार शिक्षा में सफलता की कहानी
श्रीमती - सुनीता कुर्रे
मो. नं. 8319462548
शासकीय प्राथमिक शाला भनवारटंक
संकुल -आमागोहन विकासखंड-कोटा जिला-बिलासपुर
बिलासपुर जिले के एक दूरस्थ(70 किलोमीटर) ग्राम भनवारटंक विद्यालय में कार्यरत शिक्षक ने यह ठान लिया कि बच्चों की शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न रहे, बल्कि उनमें आत्मविश्वास, कौशल और सीखने की रुचि भी विकसित हो। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने कई नवाचारात्मक प्रयास किए।
शिक्षक ने विद्यालय में टीएलएम (शैक्षणिक सामग्री) स्वयं बनाकर बच्चों के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण शुरू किया। दीवार पत्रिका, खेल-आधारित शिक्षा, समूह कार्य और स्थानीय संसाधनों का उपयोग करके बच्चों को पढ़ाई में आनंद दिलाया। वे बच्चों को मोबाइल और लैपटॉप की मदद से डिजिटल सामग्री भी दिखाते हैं, ताकि वे आधुनिक तकनीक से जुड़ सकें।
इसके अलावा, उन्होंने वंचित वर्ग के बच्चों को कॉपी, पेन, जूते और कपड़े उपलब्ध कराए, जिससे किसी भी बच्चे की पढ़ाई आर्थिक अभाव के कारण न रुके। अपने जन्मदिन पर ग्रीन बोर्ड, स्टेशनरी और प्रेरक संदेश उपहार में देना उनकी विशेष पहल रही।
इन प्रयासों से विद्यालय का वातावरण पूरी तरह बदल गया। बच्चों की उपस्थिति बढ़ी, सीखने के स्तर में सुधार हुआ और समुदाय की भागीदारी भी मजबूत हुई।
आज यह विद्यालय और उसके शिक्षक पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणा बन गए हैं। यह सफलता कहानी बताती है कि एक समर्पित शिक्षक शिक्षा को नई दिशा देकर समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता हैं।

0 Comments