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नक्शल प्रभावित क्षेत्र मे ज्ञान का दीप जलाने वाले शिक्षक तारक जी

 

नक्शल प्रभावित क्षेत्र मे ज्ञान का दीप जलाने वाले शिक्षक तारक जी


                     संतोष कुमार तारक 

सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक विद्यालय शुक्लाभाठा संकुल गोना विकासखंड मैनपुर जिला गरियाबंद छत्तीसगढ़ 8827582779



मैं घोर नक्सल प्रभावित गांव शुक्लाभाठा के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में पदस्थ हूं मेरे इस शाला में ऐसे बच्चे पढ़ने आते हैं जिनके माता-पिता शिक्षित नहीं है घर का माहौल शिक्षा के अनुकूल नहीं है बच्चे शाला से घर जाते हैं तो उनके माता-पिता यह नहीं पूछते कि आज शाला में क्या पढ़ाई हुई है शाला का परिसर भी गंदगी से भरा पड़ा रहता था शाला के आसपास के घरों में रहने वाले लोग अपने घर का कूड़ा कचरा साल के मैदान में देखे थे इन लोगों में जागरूकता की कमी थी सर्वप्रथम लोगों में जागरूकता लाना जरूरी था इसलिए लोगों को जागरूक करने का काम शुरू किया साथ ही उन्हें अपने बच्चों के पढ़ाई में ध्यान देने और नियमित साल भेजने के लिए पलक संपर्क शुरू किया लेकिन पलक तो घर पर रहते नहीं थे वह सुबह से ही अपनी रोजमर्रा की जीवन अपन के लिए वनों उपज और अन्य काम के लिए अपनी खाना लेकर घर से निकल जाते थे और शाम को आते थे इस समस्या के समाधान के लिए मैं अवकाश के दिन उनके खेतों में जाकर उनसे संपर्क करना शुरू किया मेरे इस काम में गांव के एक बुजुर्गों ने सहायता की गांव गांव वालों को उनके खेतों में जाकर संपर्क कर समझाया और शिक्षा के प्रति जागरूक करने का काम शुरू किया मुझे इस काम के लिए 4 माह लग गया धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता आनी शुरू हुई शाला में आयोजित होने वाले बैठकों में पालक या अन्य लोग बहुत कम आते थे इसलिए मैंने शाला को उनके बीच ले जाने का निर्णय लिया और शाला को ही गांव के बीच चौपाल में ले गया यानी की गांव के बीच में बैठक करना शुरू किया जिसका नाम रखा गुड़ी के गोठ परिणाम भी मुझे सार्थक मिला अब लोग जागरुक हो चुके हैं अब प्रतिदिन कोई ना कोई पालक शाला आते हैं और बच्चों से बातचीत करते हैं वर्तमान में बच्चों की उपस्थिति नियमित है पालक जागरुक है। माता को  जोड़ने के लिए मायके के सुरता कार्यक्रम चलाया जिससे महिलाएं शाला के प्रति आकर्षित हुए हैं माता के शाला के प्रति आकर्षण से बालिका शिक्षा में वृद्धि हो रही है एक समय था कि इस गांव में आठवीं के बाद बच्चे पढ़ाई छोड़ देते थे लेकिन वर्तमान में हर घर में एक उच्च शिक्षित व्यक्ति है और लोग अपने बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए गांव से शहर की ओर ले जा रहा है बच्चों को खेल-खेल में पढ़ना आनंद मय  शिक्षा देना स्कूल में बेहतरीन प्रिंट रिच वातावरण का का निर्माण किया हूं जो बहुत ही आकर्षक लग रहा है।विभिन्न नवाचार गतिविधियों से अध्यापन से शाला का माहौल बहुत अच्छा है बच्चे मजेदार गतिविधियों से सीख रहे हैं मेरे इस नवाचारी पहल से मुझे मुख्यमंत्री गौरव सम्मान छत्तीसगढ़ के महामहिम राज्यपाल द्वारा राज्य शिक्षक सम्मान जिला स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए सम्मान साथ-साथ में और सम्मान प्राप्त हुआ है।

इस गांव की साक्षरता बहुत ही काम कम थी भारत शासन द्वारा चलाए जा रहा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत मैंने गांव के लोगों को साक्षर बनाने के लिए दो साक्षरता केंद्र खोला जिसमें गांव के जो लोग पढ़े-लिखे नहीं है वह पढ़ना लिखना सीख रहे हैं जिसे गांव की पढ़ी-लिखी महिलाएं पढ़ रही है इसकी आती रिक्त मुझे विकासखंड की भी जिम्मेदारी मिली है जिस पर मैं काम करते हुए विकासखंड के स असाक्षरों को पढ़ने के के लिए प्रेरित किया जिसका परिणाम भी बहुत ही अच्छा मिला।

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