विभिन्न नवाचारो और खेल खेल मे पढाई से किया विद्यालय के बच्चो मे किया परिवर्तन
नवाचार ने बच्चो के स्तर मे किया सुधार
नवाचारी शिक्षक परिचय
कुमार वर्मा
सहायक शिक्षक
शासकीय प्राथमिक शाला - अतरगवा
जिला - बेमेतरा (छत्तीसगढ़)
930030204
ब्लाक मुख्यालय नवागढ़ से 12 किलोमीटर दूर और जिला बेमेतरा के अंतिम छोर में बसे गांव अतरगवा के शासकीय प्राथमिक शाला अतरगवा में विगत 16 वर्षों से शिक्षक नवाचारी शिक्षक कुमार वर्मा के द्वारा शाला में शाला प्रबंधन समिति पदाधिकारिओ व समुदाय के साथ कंधे से कंधे मिलाकर और विश्वास के साथ कार्य करते हुए विभिन्न नवाचारों व योजनाओं का क्रियान्वयन करते हुए आज पालको को शिक्षा और शाला से जोड़ने में सफलता मिली हैं।
शाला में शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार में SMC का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। SMC और समुदाय के बीच मे सेतु की तरह कार्य करता हैं। नए नए योजनाओं की शुरुआत वर्ष 2010-11 में हुई। गाँव में असाक्षर माताओ का सर्वे किया गया जिसमे 24 माताएं असाक्षर मिली। उसमे से 18 माताओ ने नियमित कक्षा में भाग लेकर साक्षर हुए । इस योजना का नाम *साक्षर अभियान (महिला जागरूकता अभियान)* रखा था। *दूसरा अभियान माताओ का उन्मुखीकरण कार्यक्रम* था। इस योजना से माताओ का शाला से जुड़ाव हुआ और बच्चों की नियमित उपस्थिति में बढ़ोतरी हुई और माताएं घर में कापी जांच करने लगी। इसका परिणाम यह हुआ कि सभी बच्चों के स्तर में सुधार आया और सीखने में सुविधा मिली। इनके साथ ही *शिक्षा के प्रति जागरूकता अभियान* चलाया गया जिसमे पालको का एक समिति गठन कर विद्यालय की गतिविधियों पर नजर रखना और गांव के बच्चों ,पड़ोसियों को शिक्षा के प्रति जोड़ने का काम करना था। इसमें भी सभी ने यथा संभव सहायता की और शत प्रतिशत बच्चे का शाला में नामांकन हुआ। *यूको क्लब* के गठन कर बच्चों को विभिन्न जिम्मेदारी देते हुए SMC व समुदाय के साथ मिलकर कुल 25 वृक्ष रोपित *( वृक्षारोपण*) किये गए , जिसमे से 18 वृक्ष तैयार होकर अपने यौवन काल का परिचय दे रहे है। आज बच्चे अपने हाथों से लगाये पेड़ो के छांव में खेलते-कूदते और बैठकर पढ़ाई करते है। *शाला विकास हेतु दान दाता योजना* चलाया जा रहा है जिसमे शाला में पदस्थ शिक्षक,शिक्षिकाओं के द्वारा स्वयं पहल करते हुए *₹ 1101 जमा* किया गया, उसके बाद SMC सदस्यों व पालको से अपनी क्षमता अनुसार स्वेच्छा से दान करने हेतु प्रेरित किया गया। इस योजना का अच्छा प्रतिसाद मिला और आज ₹ 12550 जमा हो गये है।
समुदाय प्रोत्साहन योजना शिक्षक के नवाचार को एक नई दिशा प्रदान करते हुए बालको के साथ साथ समुदाय को भी शिक्षा के प्रति जागरूक करने एवं सुचारू रूप से अपना प्रमुख स्थान बनाये रखने के लिए समुदाय प्रोत्साहन योजना प्रारंभ किया। इसमें गांव की बच्चों की माताओ को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से भाग लेने हेतु प्रेरित करते हुए उन्हें विभिन्न प्रकार से उपहार प्रदान कर विद्यालय से जुड़ने हेतु प्रेरित किया गया तथा शिक्षा के लिए गुणवत्ता एवं सुधार की आवश्यकता पर बल दिया। माताएं बड़ चढ़ का कार्यकर्मो में हिस्सा लेने लगे। *प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी* नवोदय विद्यालय प्रवेश हेतु आवश्यक तैयारी करवाया जाता है। अभी तक हमारे विद्यालय से तीन बालक बालिका का चयन नवोदय विद्यालय के लिए हो चुका है।
इस प्रकार से विभिन्न योजनाओ का सफर में शिक्षको को अप्रत्याशित सफलता मिली हैं SMC , समुदाय और शिक्षको के बीच सामंजस्य स्थापित कर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए तरह तरह के गतिविधियों,खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम,राष्ट्रीय कार्यक्रम,आदि का आयोजन सब मिलकर करते हैं। SMC के महत्व को समझते हुए उन्हें अपने भविष्य की योजनाओं में जोड़ा और उसी के अनुसार कार्य करते रहे पढ़ाई और अन्य गतिविधियों जैसे- शिक्षा में नवाचारी प्रयोग, सहायक सामग्री के रूप में विभिन्न मॉडलों का निर्माण के उपयोग कर शिक्षा के मुख्य धारा से बच्चों व पालको को जोड़े रखने के लिए सतत प्रयास रत रहना शामिल हैं। इसी का परिणाम है कि आज शास. प्राथमिक शाला अतरगवा विकासखंड नवागढ़ के साथ साथ बेमेतरा जिले में अपनी एक अलग पहचान रखता हैं।
वैश्विक कोरोना महामारी के दौर में 9 जगहों पर मोहल्ला क्लास 3 शिक्षक और 12 शिक्षा सारथियों के सहयोग से भी पूरे वर्ष भर बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़े रखते हुए पठन - पाठन और अध्यापन कराया गया जिससे 95% बच्चे को पढ़ने - लिखने की दक्षता अपने कक्षानुरूप प्राप्त कर चुके है।
हमे इस बात की खुशी है कि SMC,समुदाय और शिक्षको के सतत प्रयास से सीखने सिखाने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए बच्चों की दक्षता हासिल करने में सभी का सहयोग सराहनीय है।
हम गर्व महसूस करते हैं कि हमे SMC और समुदाय के रूप में सहयोगी व मार्गदर्शक मिले हैं और टीम भावना से कार्य करते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास की लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु अग्रसर है।
विशेष लाभ
- बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन व ठहराव
- अप्रवेशी व शाला त्यागी बच्चे निरंक।
- पालको का विद्यालय के प्रति लगाव।
- शिक्षक व पालको में मधुर संबंध।
- अब अभिभावकों का झुकाव निजी विद्यालयों के अपेक्षा सरकारी विद्यालयों की ओर हुआ।
- निरंतर बच्चे शिक्षक से जुड़े रहे।
- 95% बच्चे अपने कक्षानुरूप दक्षता हासिल कर चुके है।
- इनके अलावा नए नए नवाचारी गतिविधियों को अपनाकर बच्चों के समग्र विकास प्राप्ति हेतु दृढ़ संकल्पित है।
इनके अलावा शासन से प्राप्त सुविधाएं
(1) कम्प्यूटर
(2) प्रोजेक्टर
(3) प्रिंटर
(4) टेबल - बेंच
(5) कुर्सी
(6) खेल सामग्री
( 7) शिक्षण सहायक सामग्री
(8 ) पर्याप्त भवन
(9) पर्याप्त शिक्षक
(10) टीवी
(11) साउंड सिस्टम
(12) जिम्नास्टिक,झूला
(13) पेय जल

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