अघोषित बिजली कटौती से जूझ रहे ग्रामीण – जोगाराम पोयाम ने प्रशासन से मांगी राहत
सरकार बनने के बाद से ही बिजली कटौती ने ग्रामीण इलाकों की कमर तोड़ दी है। बारुपाटा, मिचनार 02, मारीगुड़ा, गुमतुमड़ी सहित आसपास के गांवों में बिजली की भारी किल्लत है, जिससे आमजन त्रस्त हैं। मिचनार 02 के युवा सरपंच जोगाराम पोयाम ने बताया कि पिछले पांच महीनों से ग्रामीण लगातार बिजली संकट से परेशान हैं।
जोगाराम पोयाम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कभी आंधी-तूफान तो कभी मेंटेनेंस के नाम पर बिजली घंटों, कभी-कभी तो तीन से चार दिन तक गुल रहती है। स्थिति ये है कि 24 घंटे में मुश्किल से 3 से 5 घंटे ही बिजली मिल पाती है।
उन्होंने कहा कि बिजली नहीं रहने से पानी की भी गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। गांवों में हैंडपंप व मोटरपंप बिजली पर निर्भर हैं। स्कूलों में बच्चों के लिए मिड-डे मील बनाने हेतु पानी नहीं मिल पाता, जिससे एक से डेढ़ किलोमीटर दूर से झरनों से पानी लाकर खाना बनाना पड़ रहा है।
पोयाम ने स्मार्ट मीटर को लेकर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि उनके पंचायत मिचनार 02 में लगभग 7 बीपीएल परिवारों के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, जबकि इन घरों में न पंखा है, न फ्रिज, न टीवी। बावजूद इसके इनका बिजली बिल ₹14,000 से ₹15,000 तक आ रहा है, जो इन गरीब परिवारों के लिए अत्यंत बोझिल है।
उन्होंने शासन-प्रशासन से मांग की है कि स्मार्ट मीटर को हटाकर बीपीएल मीटर लगाया जाए ताकि गरीब परिवारों को राहत मिल सके।
सरपंच जोगाराम पोयाम ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए तत्काल सुधार की मांग की है और कहा कि यदि समय रहते समाधान नहीं किया गया, तो ग्रामीण मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
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