जैसी करनी वैसी भरनी
एक गांव में एक वृद्ध किसान रहता था।उनके चार पुत्र थे किसान ने अपने पुत्र को पढ़ाया लिखाया और अपने पैरों में खड़ा किये। सभी पुत्र अपने अपने काम धंधे में ध्यान दे रहे थे। किसान अपने पुत्रों के काम करने की लगन को देखकर सही उम्र पर उनका विवाह कर दिया।
कुछ वर्षों बाद किसान का पोता पोती पैदा हुए उनको भी पूर्ण निष्ठा लगन के साथ शिक्षा दीक्षा दिए और बड़े होकर अच्छे पद पर आसीन हुए। जैसे-जैसे समय बीतता गया किसान के पुत्रों ने अपने आपसी विवाद में आकर अपने पिता को घर से बाहर निकाल दिए।
वृद्ध किसान गांव के बाहर खेत में एक झोपड़ी बनाकर जीवन यापन कर रहे थे उनका मन वहा नही लगता था अपने पोता -पोती को देखने के बहाने घर के आस पास आ जाते थे और उन्हे देख खुश होते । कुछ वर्षों बाद पोता पोती का विवाह हुआ विवाह के बाद पोता भी अपने पिता को घर से बाहर निकाल दिए। वृद्ध किसान के पुत्र अपने करनी को समझ गए और अपने वृद्ध किसान पिता के पास क्षमा मांगने गए ,पर किसान भूख प्यास के कारण अपने प्राण त्याग दिए थे। वृद्ध किसान के पुत्रों को अपने करनी पर बहुत पछतावा हुआ।
शिक्षा - हम जो बीज बोते हैं वही फल हमें प्राप्त होता है।
✍️ पुष्पेंद्र कुमार कश्यप सक्ति✍️
1 Comments
Nice story
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