सदाचार एक नैतिक गुण
सदाचार का अर्थ है सज्जन का आचरण या शुभ आचरण। सत्य, अहिंसा, मैत्री भाव आदि बातें सदाचार में गिना जाता है। सदाचार को धारण करने वाले सदाचारी कहलाते हैं। सत्य भाषण उदारता, विनम्रता और सहानुभूति का गुण जिस व्यक्ति में होता है सदाचारी कहलाते हैं । सदाचारी व्यक्ति का समाज में कुछ विशिष्ट स्थान होता है वह हमेशा पूजनीय होता है। एक कहावत के अनुसार धन हानि होने से मनुष्य का विशेष हानि नहीं होता परंतु चरित्र के नष्ट होने से मनुष्य का सर्वस्व नष्ट हो जाता है। समाज में व्यक्ति सदाचारी नहीं होते तो उसका पतन निश्चित होता है इसलिए सदाचार को सर्वोत्तम पूंजी माना गया है।
सदाचार मनुष्य को सभ्य बनाता है मनुष्य के मन से काम, क्रोध ,मोह लोभ आदि बुराइयां नष्ट हो जाता हैं। सदाचार से बड़ी से बड़ी कठिनाइयों का सामना करने से वह सरल हो जाता है। हमें महापुरुष जैसे राम,कृष्ण, गांधी के आचरण को आदर्श मानकर न्याय प्रिय आचरण करना चाहिए। सभ्य आचरण से एक सशक्त राष्ट्र निर्माण होता है।
सदाचार मनुष्य के व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं ।हमें सर्वथा लोगों के साथ-साथ पशु ,पक्षी ,जीव ,जंतु के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए हमे ऊंचे स्वर में किसी से बात नहीं करना चाहिए ।कई बार लोग हमें नाम से ज्यादा व्यवहार से जानते हैं इसलिए हमें सर्वथा सदाचारी होना चाहिए।
✍️ पुष्पेंद्र कुमार कश्यप सक्ति
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