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मेरे द्वारा नामांकन के साथ शैक्षिक, भौतिक संसाधनों के लिए किए गए प्रयास


मेरे द्वारा नामांकन के साथ शैक्षिक, भौतिक संसाधनों के लिए किए गए प्रयास




गोपाल कौशल प्राथमिक शिक्षक शासकीय नवीन प्राथमिक विद्यालय नयापुरा माकनी जिला धार मध्यप्रदेश

मेरी पदस्थापना 27 फरवरी 1997 से शिक्षा गारंटी शाला नयापुरा माकनी में गुरुजी पद से प्राथमिक शिक्षक तक सफर में विद्यालय, बच्चों के लिए मेरे द्वारा किए गए निम्नानुसार है -


नामांकन -

जब मैंने 1997 में अपनी कर्मभूमि शासकीय शिक्षा गारंटी शाला नयापुरा माकनी में कार्य भार सम्भाला और मैंने सर्व प्रथम बच्चों के नामांकन बढ़ाने के लिए कार्य करना शुरू किया। मैंने अपने बसाहट में निवास करने वाले अविभावकों से संपर्क करना शुरू किया जो कि झुग्गी झोपड़ी बनाकर जीवन यापन करते थे। जो शिक्षा की मुख्यधारा से कोसों दूर थे, उन सभी बच्चों का नामांकन स्कूल में किया गया। नामांकन बढ़ाने के लिए शैक्षिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देकर उत्कृष्ट परिणाम प्रदर्शन करना। विद्यालय की हर गतिविधि से पालकों को रुबरु करवाना, बैठक, संगोष्ठी का आयोजन कर चर्चा करना। यही कारण है कि हमारे विद्यालय की दर्ज संख्या में स्थिरता बनी हुई है।

सरकारी स्कूल की खूबियों पर पालक के नाम शिक्षक की पाती का प्रकाशन कर घर-घर वितरण, प्रतिभावान बच्चों को पुरस्कृत करना

रैली, पोस्टर, घर- घर संपर्क, पालक-शिक्षक बैठक, बच्चों को पुरस्कृत करना संगोष्ठी कर पालकों को शालेय गतिविधियों से जोड़ा।


बच्चों अगल-बगल टोली भी अनियमित बच्चों को लाने में सहयोग कर रही है।


शैक्षिक गुणवत्ता -

विद्यालय का वातावरण आनंदमयी बनाने के लिए प्रयास किया जिसमें बच्चों को खेल विधि से शिक्षा देने का प्रयास किया। अनुभवात्मक शिक्षण करने का प्रयास किया, गीत और कहानी कविता को अपने शिक्षण गतिविधियों में शामिल किया, भयमुक्त वातावरण तैयार किया तथा बच्चों को उनकी ही बोली में (यानी उनकी ही मातृभाषा में) शिक्षा देने का प्रयास किया। परिणाम स्वरूप बच्चों का रुझान पढ़ाई के प्रति बढ़ना शुरू हुआ और वह खुशी खुशी विद्यालय आने लगे और विद्यालय में उनका ठहराव सुनिश्चित हुआ।


सह-शैक्षिक गतिविधियों का असर -

कुछ मैंने बच्चों का सर्वांगीण विकास करने के लिए अपने विद्यालय में उनका शारीरिक मानसिक बौद्धिक आध्यात्मिक सांस्कृतिक विकास करने के लिए प्रत्येक शनिवार को बाल सभा का आयोजन, शारीरिक शिक्षा का आयोजन, योग शिक्षा का आयोजन, प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का आयोजन किया। इसके लिए मेने बच्चों के लिए एक शिक्षा का कोना बनाया जिसमें बच्चे अपने कलाकृतियाँ बना-बना कर रखते थे, चित्र बना कर रखते थे, मिट्टी के बर्तन बना कर रखते थे, कुछ बच्चे अपने सुविचार भी लिख देते थे। प्रत्येक शनिवार को अंग्रेजी के शब्दों की अंताक्षरी कभी गीतों की अंताक्षरी, कभी-कभी कविता कहानी नाटक आदि की बालसभा का आयोजन किया। जिसमें बच्चों की प्रतिभा का निखार होता जा रहा था। किसी शनिवार को बच्चों को वॉलीबॉल, क्रिकेट, बैडमिंटन, कुस्ती, कभी दौड़ का आयोजन तो कभी कैरमबोर्ड का खेल खिला कर उनको मनोरंजन से परिपूर्ण शिक्षण कार्य करवाया। जिससे बच्चों की शारीरिक विकास भी हो रहा था। मेरे विद्यालय के अधिकांश बच्चे आनंद उत्सव में शामिल होकर प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने लगे।


राष्ट्रीय एकीकरण, एकता - अखंडता आयोजन -


बच्चो का सांस्कृतिक विकास करने के लिए मेने अपने विद्यालय में क्रांतिकारियों के बलिदान दिवस का आयोजन, विभिन्न जयंतियां मनाने एवं राष्ट्रीय पर्वों पर आयोजन करने लगी जिससे बच्चों में देश प्रेम की भावना, सदाचार की भावना, दूसरे बच्चों के प्रति सहानुभूति आदि गुणों का विकास होने लगा।


शत् - प्रतिशत परीक्षा परिणाम -

बच्चों की प्रतिभा को निखारना और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए अपने शिक्षण में सहायक शिक्षण सामग्री TLM का निर्माण और उनके माध्यम से बच्चों को नवाचारी प्रयोगों से पढ़ाने का प्रयास किया तथा उनकी उपलब्धियों को जांचने के लिए खेल-खेल में आकलन करना और सफल बच्चों को पुरस्कृत करना यही कारण है कि मेरे विद्यालय का परीक्षा परिणाम सदैव शत् प्रतिशत रहता है।


पर्यावरण संरक्षण -

पर्यावरण संरक्षण बच्चों को अपने पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए अपने विद्यालय के किनारे किनारे हर बच्चे के जन्म दिवस पर एक नया वृक्ष लगवाना शुरू किया जिससे मेरे विद्यालय में फलदार वृक्ष एवं फूलदार वृक्ष तैयार हो गए हैं। बच्चों को जंगल के महत्व, जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया। उनको संरक्षण पर कविता कहानी नाटक आदि के माध्यम से जागरूक किया।

जन सहभागिता भौतिक संसाधनों की पूर्ति -

मेरे द्वारा स्थानीय समुदाय के आर्थिक सहयोग से बच्चों के लिए फर्नीचर, स्मार्ट टीवी, पंखे, बाउंड्री वॉल, भवन, कापी पेन, स्कूल बेग, जूते-चप्पल, टाई, बेल्ट, च्यवनप्राश, फर्शीकरण, समतलीकरण आदि कार्य किए और वर्तमान में यह कार्य निरंतर रूप से जारी है।


प्रतियोगी परीक्षाओं में बच्चों का उत्कृष्ट प्रदर्शन -


बच्चों द्वारा ओलंपियाड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सफलता का परचम लहरा रहे हैं। साथ अन्य संस्थाओं द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं एवं आयोजन मे बेहतर प्रदर्शन कर स्कूल को गौरवान्वित कर रहे हैं।


मेरे प्रयासों का परिणाम -


1. मेरे विद्यालय में प्रत्येक वर्ष नामांकन बढ़ने लगा। 2. बच्चों की पढ़ाई के प्रति रुचि जागृत हुई। 3. बच्चों में नैतिकता और इमानदारी एवं शारीरिक मानसिक बौद्धिक विकास हुआ। 4. बच्चों के अंदर नेतृत्व क्षमता और आत्म विश्वास का विकास हुआ। 5. प्रतियोगिता परीक्षा के प्रति रुचि जागृत हुई। 6. खेल भावना का विकास हुआ। 7. अविभावकों का विद्यालय के प्रति विश्वास बढ़ा। 8. विद्यालय का आनंदमय, आकर्षक भौतिक वातावरण का निर्माण हुआ।

उपलब्धियां / सम्मान

(1) राज्यस्तरीय आचार्य सम्मान-2008, (2) जिला स्तरीय शाला सिद्धि उत्कृष्टता पुरस्कार, (3) जिला स्तरीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार -2017 (4) जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान (5) राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा हमारा घर हमारा विद्यालय/डीजिलेप में उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मान (6) सत्य मेव जयते USA अमेरिका द्वारा एक्सीलेंस अवार्ड (7) शिक्षाविद गिजूभाई सम्मान भोपाल (8) नवोदय क्रांति नेशनल अवार्ड (9) अरविंदों सोसायटी द्वारा सम्मानित (10) रोटरी क्लब धार (11) डॉ. भीराराव अंबेडकर अवार्ड इटारसी (12) दैनिक विनय उजाला इंदौर सहित शासन-प्रशासन, देश, प्रदेश, अंतरराष्ट्रीय पर कई प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित

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