मेरी सफलता की कहानी
श्रीमती सुमन चौधरी
सहायक शिक्षक एल बी
प्रा. शा. मांझीपारा बेंगलूर
संकुल - कटेकल्याण
विकासखंड - कटेकल्याण
जिला - दन्तेवाड़ा
सफलता की कहानी मैं हमेशा से ही बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने का प्रयास करती हूं ।मेरा हमेशा यह प्रयास रहा है, कि मेरे संस्था के बच्चों का प्रदर्शन विकासखंड स्तर, जिला स्तर पर रहे ,और मेरे शाला के बच्चे उत्कृष्ट कार्य कर सम्मानित हो ,और मेरे संस्था के बच्चे सभी कार्यक्रमों में भाग लेते हैं, और सम्मानित भी होते हैं मेरे शाला के बच्चे नन्हे परिंदे नवोदय कोचिंग, नवोदय विद्यालय एवं एकलव्य विद्यालय में भी चयनित होकर गए हैं। मैं हमेशा से यह प्रयास करती हूं, कि अधिक से अधिक बच्चे चयनित होकर बाहर पढ़ने जाए और विकासखंड जिले का नाम रोशन करें।
कोरोना काल- कोरोना काल में भी मेरे द्वारा मोहल्ला क्लास में पठन - पाठन से लेकर कबाड़ से जुगाड़ सहायक शिक्षण सामग्री आदि का निर्माण कर बच्चों को रुचि कर शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया गया है । कोरोना काल में प्रशासन के द्वारा दिए गए विभिन्न योजनाओं के निर्देशों का पालन करते हुए बच्चों को शिक्षा से जुड़े रखा गया।
कोरोना काल के पश्चात- कोरोना काल के पश्चात शाला खुलने पर बच्चों के स्तर को सुधारने के लिए नित नए-नए प्रयास किए गए। जिससे मैं बच्चों को उपचारात्मक शिक्षा के माध्यम से उनके कक्षा अनुरूप ला सकूं।
मॉडल क्लासरूम- मेरी शाला मॉडल क्लास रूम के रूप में है। जिसका उपयोग बच्चों को अध्यापन कार्य सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे गीत, नृत्य ,कविता आदि के रूप में प्रोजेक्टर के माध्यम से सिखाया जाता है एवं यूट्यूब चैट जी पी टी एप आदि के माध्यम से बच्चों को शिक्षा दी जाती है।
अंगना में शिक्षा - अंगना में शिक्षा माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है ।जिसमें कक्षा पहली के बच्चों की माताओं का उन्मुखीकरण किया जाता है ,जो घर में रहकर बच्चों को घर एवं आस - पास की सामग्रियों के माध्यम से शिक्षा दे सके।
पढ़ई तिहार - पढ़ई तिहार कार्यक्रम का आयोजन कर बलवाड़ी के बच्चों की माताओं का उन्मुखीकरण किया जाता है। जिसके माध्यम से माताएं बच्चों की शाला पूर्व तैयारी कर सके।
समर कैंप - ग्रीष्मकालीन अवकाश में समर कैंप का आयोजन किया जाता है। जिसमें मैं स्वयं एवं मेरे संस्था के बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं एवं विकासखंड स्तर पर भी प्रदर्शन करते हैं और पुरस्कार से सम्मानित होते हैं।
स्वास्थ्य चिकित्सा खेलकूद - स्वच्छता की आदतें विकसित करवाती हूं ।पोषण संबंधी जानकारी बच्चों को देती हूं ।योग और व्यायाम प्रार्थना सभा में बच्चों की भागीदारी करवाती हूं। बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखती हूं ।बीमार बच्चों की पहचान कर उनकी प्राथमिक उपचार करवाती हूं ।बच्चों को खेलों के लिए प्रेरित करती हूं।
महिला सशक्तिकरण - रूढ़िवादी सोच को तोड़कर लड़के हो या लड़कियां सभी को समान शिक्षा प्रदान करती हूं ।शाला प्रबंधन समिति के गठन में महिला - पुरुष को समान दर्जा देती हूं ।मातृ दिवस का आयोजन कर माताओं को सम्मान प्रदान करती हूं।
शिक्षा के क्षेत्र में योगदान - मेरा हमेशा यह प्रयास रहता है ,कि बच्चों को बाल केंद्रीत शिक्षा दूं ।सभी बच्चे हर गतिविधियों में भाग ले और आगे बढ़े, विद्यार्थियों में जिज्ञासा को बढ़ाती हूं। नैतिक मूल्यों का संचार करती हूं ।आदर्श आचरण से प्रेरित करती हूं ।बच्चों की प्रतिभा को पहचान कर आगे बढ़ाने में सहायता करती हूं। बाल अधिकार लैंगिक समानता पर्यावरण संरक्षण एक पेड़ मां के नाम वृक्षारोपण करवाती हूं ,आदि जैसे विषयों पर शिक्षा प्रदान किया जाता है। शाला के सभी कार्यों में मेरे द्वारा सहयोग प्रदान किया जाता है, तथा शाला व्यवस्था को सुदृढ़ रखने का प्रयास किया जाता है।
पालक सम्पर्क - पालक संपर्क कर शाला में बच्चों की उपस्थिति शत् प्रतिशत रखने का प्रयास करती हूं, एवं शत् प्रतिशत उपस्थित बच्चों को माह के अंत में पुरस्कार से सम्मानित करती हूं।
नव प्रवेशी बच्चों का शाला में प्रवेश - पालक संपर्क कर नव प्रवेशी बच्चों को शाला में शत् प्रतिशत दर्ज करवाती हूं।
0 Comments