बोलती बाल दीवार पत्रिका के माध्यम से शिक्षा देती शिक्षिका
FLN आधारित गतिविधि
मेरा नाम श्रीमती शबीना बानो खान है मैं शासकीय प्राथमिक शाला कोटगढ़ संकुल बरगवां विकासखंड अकलतरा जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षक( एल बी) के पद पर पदस्थ हूं ।हमारी शाला में मेरे और बच्चों के द्वारा मिलकर एक नवाचार किया गया है उसके बारे में बताना चाहती हूं उसका नाम है
बोलती बाल दीवार पत्रिका
इस पत्रिका की शुरुआत सबसे पहले रचनात्मक लेखन कौशल से हुई जिसमें प्रत्येक सप्ताह बच्चों को थीम आधारित लेखन कार्य करवाया गया जैसे हरेली होली दिवाली दशहरा चूहा बिल्ली कुत्ता पर कहानी का निर्माण मेरे सपनों का एक साल मेरी मां की दिनचर्या गणतंत्र दिवस पुस्तकालय मेरी दिनचर्या इन सभी टॉपिक पर कक्षा 1 से 5 तक के सभी बच्चों के साथ लेखन करने के पहले चर्चा की जाती थी इसके बाद बच्चों को लिखने के लिए कहा जाता था कक्षा पहली के बच्चे चित्रात्मक लेखन करते थे लेखन करने के बाद बच्चे अपना अपना नाम वह कक्षा लिखकर जमा करते थे बच्चों के द्वारा किए गए लेखन को सबसे पहले चार्ट पेपर पर लगाकर दीवार पर लगाया गया चूकि धीरे-धीरे लेखन के प्रति बच्चों की रुचि बढ़ती गई मेरी शाला में 157 दर्ज है जिसमें से 100 से 130 बच्चे प्रतिदिन शाला आते हैं बच्चों के लेखन कार्य को देखते हुए मैंने सोचा सभी बच्चों के लेखन को दीवार पत्रिका में प्रदर्शित किया जाए ताकि सभी बच्चे एक दूसरे से सीखे सीखाए चाहे वह चित्रात्मक कहानी लेखन हो या शब्द से कहानी का निर्माण करना इसके लिए मैंने एक बरामदे की दीवार पर जहां पर बच्चे खाना खाते हैं उसे दीवार पर बच्चों के लेखन को बच्चों की मदद से लगा दिया पूरी दीवार बच्चों के लेखन कार्य से भर गई सभी बच्चे बहुत खुश हो गए अब बच्चे स्वयं से चित्र कहानी कविता लिखकर दीवार पत्रिका में लगाने लगे हैं लेखन के प्रति बच्चों में रुचि बढ़ी इस दीवार पत्रिका का नाम बच्चों और मैंने मिलकर बोलती बाल दीवार पत्रिका रखा है।
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