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अपठित गद्यांश/ unseen passage

                 अपठित गद्यांश 02


निर्देशः - नीचे दिये गये अवतरण को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा प्रश्नों के उत्तर गद्यांश में वर्णित तथ्यों के आधार पर दीजिए-


भारतवर्ष पर प्रकृति की विशेष कृपा रही है यहाँ सभी ऋतुएँ अपने समय पर आती हैं और पर्याप्त काल तक ठहरती है। ऋतुएँ अपने अनुकूल फल फूलों का सष्जन करती हैं धूप और वर्षा के समान अधिकार के कारण यह धरती शस्य श्यामला हो जाती है। जहाँ का नगाधिकाज हिमालय कवियों को सदा से प्रेरणा देता आ रहा है और यहाँ की नदियाँ मोक्षदायिनी समझी जाती रही हैं। यहाँ कृत्रिम धूप और रोशनी की आवश्यकता नहीं पड़ती। भारतीय मनीषी जंगल में रहना पसन्द करते थे। प्रकृति प्रेम के कारण ही यहाँ के लोग पत्तों में खाना पसन्द करते हैं। वृक्षों में पानी देना एक धार्मिक कार्य समझते हैं। सूर्य और चंद दर्शन निंत्य और नैमित्तिक कार्यों में शुभ माना जाता है। यहाँ पशु-पक्षी, लत्ता, गुल्म और वृक्ष तपोवनों के जीवन का एक अंग बन गए थे।


01. उपयुक्त गद्यांश निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?


(अ) हिमालय के महत्व से. 

(ब  प्रकृति प्रेम से 


(स) ऋतु-वर्णन से


(द) वृक्षारोपण से


उत्तर-


02. इस गद्यांश में 'शस्य श्यामला' से क्या तात्पर्य है?


(अ) हरी-भरी घासों वाली


(ब हरी-भरी फसलों वाली


(स) श्यामल वृक्षों वाली


(द) हरे-भरे वन प्रदेश वाली


उत्तर-


03. भारतीय मनीषी जंगल में रहना क्यों पसन्द करते थे?

 (अ) इसलिए कि वे सन्यास ले लेते थे

(ब इसलिए कि जंगल में फल, फूल, कंदमूल अधिक मिलते थे

(स) इसलिए कि जंगल में वे निर्द्वन्द्व रहते थे

 (द) इसलिए कि वे प्रकृति प्रेमी थे


उत्तर-


04. 'गुल्म' का क्या तात्पर्य है?


(अ) फूल


(स) फल


(ब) झाड़


(द  गुच्छा

उत्तर-

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