परोपकार
एक मछुआरा अपने पुत्र के साथ समुद्र किनारे रहते थे।एक दिन मछुआरा समुद्र में मछली पकड़ने के लिए चले गए और कभी वापस नहीं लौटे। मछुआरा के पुत्र अपने पिताजी के लिए बहुत दुखी था एक दिन वह समुद्र किनारे बैठे हुए थे कुछ समय पश्चात उन्होंने देखा कि नाव समुद्र के भंवर में फंस रहा है वह नाव डूबने ही वाला था,इसे देखकर मछुआरा के पुत्र एक पल भी विलंब ना करते हुए नाव को लेकर उन लोगों को बचाने के लिए चले गए और सभी को सकुशल किनारे तक ले आए जिसमें उसके पिताजी भी था पुत्र की परोपकार की भावना अपने पिताजी से फिर से मिला दिया।
शिक्षा :-हमें निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा व सहायता करनी चाहिए।
✍️पुष्पेंद्र कुमार कश्यप सक्ति
आप सभी विधार्थी इसी प्रकार परोपकार टॉपिक पर एक एक कहानी निर्माण कर भेजे।
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