संवेदनशीलता की मिसाल: छात्रा की ड्रेस देख ठिठके अधिकारी, अपने हाथों से दिया यूनिफॉर्म
बस्तर जिले के बस्तर विकास खंड में शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक राकेश पांडेय ने बुधवार की सुबह एक ऐसा कार्य किया, जो लंबे समय तक लोगों के दिलों में याद रखा जाएगा।
सुबह 9:45 बजे के करीब जब वे राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने रास्ते में ग्राम बलेंगा की कुछ छात्राओं को स्कूल जाते देखा। वे तुरंत रुके और बच्चियों से बातचीत कर स्कूल की गतिविधियों की जानकारी ली। बच्चियों ने बताया कि स्कूल में शिक्षक नियमित रूप से आते हैं और प्रतिदिन प्रार्थना, सुक्ति वाचन और समाचार पत्र पाठ जैसी गतिविधियाँ होती हैं।
इसी दौरान उनकी नजर एक छात्रा सुमन पर पड़ी, जिसकी यूनिफॉर्म पुरानी थी। जब उन्होंने इसका कारण जानना चाहा तो बच्ची कुछ बोल न सकी। पांडेय जी ने इस स्थिति को गंभीरता से लिया और तुरंत स्कूल पहुँचकर प्रधान अध्यापक से चर्चा के बाद स्वयं अपने हाथों से सुमन को नई ड्रेस प्रदान की। इस मानवीय कदम ने छात्रा के चेहरे पर मुस्कान ला दी।
संयुक्त संचालक वहीं रुके और प्रार्थना सभा में शामिल हुए। उन्होंने शिक्षकों से वृक्षारोपण की जानकारी ली और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा:
"पौधा लगाना केवल पर्यावरण संरक्षण नहीं, बल्कि समाज और भविष्य के लिए एक पुण्य कार्य है। इसे हर छात्र अपने जीवन का हिस्सा बनाए।"
निरीक्षण के दौरान प्रभारी प्राचार्य एवं भृत्य अवकाश पर पाए गए, सहायक संचालक राजेश कर्मा भी थे
उच्च अधिकारी की यह पहल दर्शाती है कि एक अधिकारी केवल शासन-प्रशासन का अंग नहीं होता, बल्कि संवेदना, सहानुभूति और प्रेरणा का स्रोत भी हो सकता है
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