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लालच बुरी बला

 



      एक गांव में एक राजा के दो बेटे थे एक का नाम मोहन एक का नाम सोहन फिर दोनों की शादी कर दी गई। मोहन की पत्नी का नाम उर्मिला और सोहन की पत्नी का नाम सुशीला मोहन की पत्नी उर्मिला सीधी साधी और दयालु थी पर सोहन की पत्नी सुशीला घमंडी थी।उर्मिला को सीधी साधी जान के उसके परिवार के लोग उसे दुख देते थे वह दुख को सहन करते करते थक गई वह 1 दिन बेबस होकर घर से बाहर जंगल की तरफ चली गई रास्ते में उसे शेर का गुफा मिला शेर वहां उस वक्त नहीं था उर्मिला उस गुफा में ही रुक गई।थोड़ी देर बाद शेर गुफा में वापस आ गया शेर को पता चल गया कि गुफा में कोई है शेर को उर्मिला रोते हुए देख बोली मेरी मामा मुझे आप लेने क्यों नहीं आते बताओ क्यों नहीं आते शेर ने कहा मेरा मुंह कैसा है उर्मिला बोली मेरी ही जैसा है सेन ने कहा मेरा काम कैसा है और मेरा ना कैसा है और मेला बोली मैरिज ऐसा ही है शेर वाला मैं किसके जैसा हूं उर्मिला बोली आप बिल्कुल मेरे जैसे ही हो मेरे प्यारे मामा शेर को यकीन हो गया कि वह उर्मिला का मामा है शेर बोला गुफा के अंदर खाना है तुम जाकर खा लो और  उर्मिला ने खाना खा लिया। उर्मिला आराम से वहां से गई फिर वह उठी और शेर से बोली कि उसे वापस घर जाना होगा तब शेर बोला अंदर एक बड़ा संदूक है उसमें गहने हैं तुम उसे पहन लो यह मेरी तरफ से तुम्हारे लिए है उर्मिला ने संदूक खोला उसमें चमकते दमकते गाने भरे हुए थे उसने वह निकालकर पहन लिया फिर वह जाने वाली थी कि शेर बोला इतना घना लेकर तुम जाओगे तो कोई उसे चुरा लेगा इसलिए मैं तुम्हें गांव की सीमा तक छोड़ देता हूं तू मेरी पीठ में बैठ जाओ उर्मिला शेर की पीठ पर बैठ गई और गांव की तरफ चली गई गांव में जाने के बाद सब उसकी तारीफ करने लगे जब वह घर गई तो उसके परिवार के लोग भी उससे अच्छे से पेश आने लगे उसकी देवरानी सुशीला उसे देखने के बाद खुद भी जंगल जाने का सोचा।जब वह जंगल गई तो उसे भी गुफा मिला वह वहीं रुक गई थोड़ी देर बाद शेर आ गया सुशीला बोली मेरे प्यारे मामा आप मुझे लेने क्यों नहीं आते शेर बोला कि मेरा मुंह कैसा है सुशीला बोली बहुत भयानक बड़े बड़े दांत और खूंखार आवाज शेर बोला मेरी आंख और मेरे कान कैसे हैं सुशीला बोली आंखें एकदम डरावनी और कान बड़े-बड़े शेर बोला मैं कैसे दिखता हूं।सुशीला बोली शेर जैसे खतरनाक और डरावना शेर बोला हां ठीक है अंदर गुफा में खाना रखा है जाओ और खा लो सुशीला ने यह पेट भर के खाना खा लिया वह खाना खा कर सो गई शेर ने सोचा यह मेरी जैसी नहीं मैं उसके जैसे नहीं दिखता हूं तो मैं इसका मामा कैसे हो सकता हूं यह सोचकर शेर ने उसे खा लिया उसके परिवार के लोग उसे ढूंढने लगे पर सुशीला नहीं मिली वह शेर के पेट में जा चुकी थी



सुशीला उर्मिला से जलकर शेर के पास गई लेकिन वह प्यार की भाषा नहीं जानती थी और शेर कब खाना बन गई इसलिए कहते हैं कि लालच बुरी बला है।

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