हमें किसी खास समय का इंतजार नहीं करना चाहिए बल्कि अपने हर समय को खास बनाने की पूरी तरह से कोशिश करनी चाहिए।
।। हमारे शिक्षा प्रहरी ।।
विजय कुमार दिवाकर
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला टेमर
ब्लॉक सक्ती
जिला जांजगीर चम्पा छत्तीसगढ़
आज हम आपको ऐसे शिक्षक के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने कोरोना कैसे विषम परिस्थिति में भी हार नहीं माने हैं वह इस संकट काल में लगातार बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए प्रयासरत है श्री दिवाकर जी द्वारा अप्रैल माह से आज पर्यंत तक लगातार ऑनलाइन शिक्षा बच्चों को उपलब्ध करा रहे हैं इसके साथ-साथ बच्चों को शैक्षणिक शिक्षा देने के लिए उनके द्वारा अतुलनिय प्रयास पारा टोला जैसे कक्षा का भी संचालन करके किया जा रहा है और इनके द्वारा बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए अपने शाला ग्राम टेमर में शिक्षक मित्र नियुक्त कर इनके द्वारा शिक्षा प्रदान किया जा रहा है।
श्री विजय दिवाकर जीद्वारा अपने बच्चोंशाला में को पढ़ाने के लिए सुंदर-सुंदर टी एल एम का निर्माण भी किया गया है तथा जिला स्तरीय t.l.m. प्रदर्शनी गणित विषय में प्रथम स्थान भी प्राप्त किया जा चुका है इनके शाला चारों तरफ से हरियाली से भरा पड़ा है तथा शक्ति ब्लॉक का एकमात्र ऐसा ग्राम है जो स्वयं के खर्चे से स्मार्ट साला संचालित है जहां लैपटॉप द्वारा बच्चों को गणित के साथ-साथ अन्य विषय को शिक्षा प्रदान किया जाता है ।
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला टेमर में विजय दिवाकर जी द्वारा किचन गार्डन पीलसीकेंद्र का गठन आदि द्वारा शिक्षा प्रदान किया जा रहा है पूर्व में उनके साला में ब्लॉक स्तरीय tlm प्रदर्शनी का आयोजन किया जा चुका है वर्तमान में श्री दिवाकर जी एससीआरटी में डीआरजी पर भी काम कर रहे हैं तथा यूट्यूब के माध्यम से हजारों युवकों को इस लॉकडाउन में कक्षा छठवीं से कक्षा बारहवीं तक निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराया जा रहा है तथा समय-समय पर उनके द्वारा बच्चों को आ रही परेशानियों में उनके द्वारा मदद किया जा रहा है।
सफलता की कहानी
*1- विद्यालय की परिचय
*2- विद्यालय की स्थानीय परिवेश
*3-स्व निर्मित गणित ,विज्ञान ,अंग्रेजी प्रयोगशाला
*4- PLC केंद्र की स्थापना
*5- बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान...
*6- किचन गार्डनिंग ....
*7- स्काउट प्रशिक्षण
*8-डिजिटल क्लास में डिजिटल तकनीक से शिक्षा
*9-जिला स्तर में कबाड़ से जुगाड़ TLM प्रतियोगिता में दुसरा स्थान
*10- विकास खंड स्तर में कबाड़ से जुगाड़ TLM प्रतियोगिता में प्रथम स्थान
*11--चुनौतियों के समाधान और योजना
*12-- प्रविधियों ,गतिविधिओ एवं अन्य नवाचार के परिणाम
उक्त 12 बिंदु पर स्कूल की सफलता की कहानी .......को शिक्षक विजय कुमार दिवाकर की जुबानी से उल्लेखित करने की प्रयास निम्नानुसार की गयी है
*1- विद्यालय की परिचय
छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर चाम्पा जिले के ऐतिहासिक एवं सबसे बड़ा तहसील सक्ति के अन्तर्गत सर्वाधिक सब्जी उत्पादन करने वाले गांव ,,टेमर ,, इस अंचल के प्रसिद्ध ग्राम है क्षेत्रफल के दृष्टि से भी विकासखंड का सबसे दूसरा बड़ा ग्राम ,,टेमर { TEMAR }है जो राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक से २०० मीटर की दुरी से लगा हुआ है
इस ग्राम टेमर में हमारा स्कूल- शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय टेमर ,नाम से यह स्कूल संचालित है
हमारा विद्यालय की स्थापना आज से लगभग 50 वर्ष पूर्व हुई थी उस समय खपरैल से बनी हुई छत के निचे 3 कक्ष और बरामदे में बैठ के अध्यन अध्यापन का कार्य होती थी ,
समय बहुत परिवर्तन शील है आज शासन की योजना से सत्र 2005 में नई पक्का शाला भवन का निर्माण हो गया , अब जन समुदाय और शिक्षको की प्रयास से विदयालय का स्तर में काफी सुधार आ गया है
अब हमारे विद्यालय में 7 शिक्षको की स्टाफ है सभी शिक्षक समय पर आना जाना करते है और अपनी अपनी दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी से कर रहे है सभी शिक्षको की अथक प्रयास से आज यहाँ दर्ज संख्या बहुत अच्छी स्थिति में है आज की स्थिति में दर्ज संख्या 200के करीब है और सभी छात्र छात्राओ की कक्षा में उपस्थिति भी 95 प्रतिशत रहती है प्रत्येक सत्र परीक्षा परिणाम सफलता भी शत प्रतिशत रहती है
इस टेमर ग्राम में ,एक शासकीय हाई स्कूल भी है, 3 प्राइवेट स्कूल भी संचालित है , 3 शासकीय प्राथमिक स्कूल है और हमारा एक शासकीय मिडिल स्कूल भी इस ग्राम में संचालित है जिसकी सफलता की कहानी की एक छोटी सी दस्तावेज आपके हाथ में है जो हमारे लिए सौभाग्य की बात है की अल्प सुविधा में रह कर भी हमारे शिक्षको के मेहनत और प्रयास से इस विद्यालय को सिंचित करने की एक छोटी से प्रयास की गयी है हलाकि यह कोई बहुत बड़ा भारी उपलब्धि या बड़ी सफलता तो नहीं है लेकिन हमारे शिक्षको ने इस स्कूल को शून्य स्तर से आज की स्तर में लाकर जो खड़ा किये है जो हमारे लिए एक मिशाल और कामयाबी अवश्य है जिसकी गाथा आपके हाथो में है इसके लिए हमारा शाला परिवार आपको धन्यवाद ज्ञापित करती है
*2- विद्यालय की स्थानीय परिवेश
वर्ष 2011 की जन गणना के अनुसार लगभग 5000 की आबादी है
यहाँ कृषि कार्य प्रमुख है , और हरी सब्जी लगाने की कृषि कला यहाँ के लोगो में भरी हुई है यहाँ पटेल समुदाय के निवासी अधिक है साक्षरता की दृष्टि से सभी लोग शिक्षित है लगभग 250 लोग सरकारी सेवा में सेवारत है विशेषत: इनमे से 100 लोग भारतीय सेना आर्मी में अपनी सेवा दे रहे है यहाँ के लोगो में देश भक्ति और धार्मिक भावनाऐ आस्था कूट कूट के भरी हुई है यह ग्राम संतो का ग्राम है यहाँ प्रसिद्ध भागवद कथा वाचक आचार्य भरत दुबे जी , एवं आचार्य राजेंद्र शर्मा जी, का जन्म., निवास , का स्थान यही ग्राम टेमर है और इन संतो की प्रारम्भिक शिक्षा भी हमारे स्कूल में ही सम्पन्न हुआ यहाँ के लोग शारीरिक और मानसिक रूप से मेहनतशील लोग है
लोक कला के रूप में यहाँ के , देवी जसगीत ,सुआ गीत ,पंथी नृत्य ,गौरा पूजन गीत और काली पूजन कार्यक्रम,नवधा भक्ति बहुत प्रसिद्द है
एवं यहाँ ठाकुर देवता की पूजा , तिशाला पूजा पारम्परिक रूप से मनाया जाता है
यहाँ भी कुछ आर्थिक कमजोर वर्ग के लोग भी जीवन यापन कर रहे जिसमे शिक्षा का अभाव देखने को मिलती है जो मजदूरी कार्यो पर निर्भर रहते है और शहर की तरफ मजदूरी की तलाश में भी जाते रहते है इसका प्रभाव हमारे विद्यालय पर भी देखने को मिलती है विद्यालय भी इसी समाज का एक लघु हिस्सा है तो ओ वह
भी इन चुनौतिओं से प्रभावित होता है
पुराना समय की शिक्षा पद्धति और आज के परिवेश को जोड़ कर तुलनात्मक रूप से सोचा जाए तो काफी परिवर्तन नजर आती है आज मानवीय सवेदना सिमित रह गया है भौतिक संसाधन बढ़ गया फीर भी शैक्षणिक गुणवत्ता सरकारी स्कूल में अभी भी पिछड़ी हुई नजर आती है ऐसे विषम परिस्थिति में हमारे स्कूल के कर्मठ शिक्षको ने अपनी मेहनत और लगन से काफी अच्छी स्थिति में इस स्कूल की शिक्षा स्तर को सुधारने की प्रयास किये है , ओ पुराने समय के दिनों को सोच के मन में चिंता और आँख में आसू आ जाती है जिसे शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है फीर भी मै विजय कुमार दिवाकर शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला टेमर { गणित शिक्षक} अपनी पुरानी माहौल को आज के माहोल से जोड़ के देखने की कोसिस करता हु और स्कूल के बच्चो के प्रति अपनी प्यार और जिम्मेदारी को निभाने की कोसिस किआ ,
जिंदगी के लंबे चालीस बरस कैसे बीत गए, बड़ा अजीब लगता है। यूं महसूस होता है कि अरे ये अभी-अभी तो सन् 75-80 था। मन गीली साबुन की तरह छूटकर पूरे चालीस बरस पीछे चला जाता है। वाकई ये बरस फूलों की खुशबू पर सवार थे। भीनी-भीनी और हौले-हौले चलती हवाओं में खुशबू और वक्त रंग-बिरंगी तितली बन गया था। उसके परों पर ये बरस केसर की क्यारियों में धुलते रहे। ये बरस न बोझ बने न चट्टान की तरह काटने पड़े, मुस्कुराहटों, लोरियों, अपनेपन के मोरपंख से रास्ता बनाते रहे।
हालांकि ये बरस आसान नहीं थे। ये वक्त के कठोर और चट्टानी चुनौतियों पर उगी हुई हरी घास थी। ये घास आश्वस्त करती थी कि अभी संभावनाओं के फूल, उम्मीदों की तितलियां, होठों पर मुस्कुराहट के अंकुर फूटेंगे बे आवाज और रातरानी की तरह ठेठ अंधेरे में खुशबुओं के उजास बिखरेंगे और दिन की तमाम तपीश और त्रासदियां तिरोहित होकर रातरानी की गंध में समा जाती थीं। जिंदगी बड़ी अजीब है। कठोर भी और बच्चे की मुस्कुराहट और किलकारी भी।
मैं शिक्षक बनकर बच्चों के बीच आ गया था। पहली ही बार उन क्यारियो के रास्तों के कठोर घुमाओं से गुजरते हुए लू-लपट के बीच जीर्ण-सी इमारत के परिसर में आ गया था। मुझे आश्चर्य हुआ था कि मुझे जरा-सा भी परायापन, अनजानापन, अपरिचय महसूस ही नहीं हुआ था। इमारत में उसके पटाव में, उजालदानों में कबूतर गुटूर गूं कर रहे थे। फटी टाटपट्टियों पर बच्चे बैठे पट्टियों पर लिख रहे थे। उस दिन मुझे ऐसा क्यूं लगा था कि मैं यहीं से कहीं गया था और फिर अपनों के बीच लौटा हूं। शायद यही अपनापन मेरे अंतस से उमड़-घुमड़कर बाहर आ गया था, मैं उन्हीं गुटूर गूं और किलकारियों में समा गया था। एक शिक्षक की जिंदगी का यह पहला दिन था जो पगडंडी बनकर सरपट भागने लगा था। एक अल्हड़ बालक की तरह... मैं उन्हीं का हिस्सा हो गया था।
एक अध्यापक बच्चों को क्या दे सकता है? क्या आश्वासन दे सकता है? एक खूबसूरत दुनिया का सपना दे सकता है। आंखों के फैले बियाबान में दूर कहीं टिमटिमाती रोशनी का ख्वाब दे सकता है। देने को उसके पास क्या है।
कठोर दुनिया से टकराकर चूर-चूर होती उम्मीदें, तिड़कते-बिखरते सपनों को निरंतर जोड़ते हुए बच्चों की उम्मीदों को थपकियां दे सकता है। हर बार बच्चों के टूटते सपनों को एक आशा की डोर से बांधकर दूर गगन में उड़ाता है। पूरे 20 बरस बच्चों की किलकारियों में रहा, मासूम और भोलेपन की दुनिया में रहा।
उनकी निर्दोष आंखों की चमक में रहा, कभी उनके उदास और आंसुओं से भरी पलकों में रहा। वे होठ जब मुस्कुराते थे तो लगता था तपते रेगिस्तान में ठंडी हवा का झोंका आ रहा है। वे कुछ कहते थे मैं सुनता था, उन अबोध शब्दों में कितना अपनापन, कितनी बड़ी दुनिया समाई होती थी।
किताबों के पाठ और कविताएं, अक्षर-अक्षर, शब्द-शब्द शहद के मानिंद हो उठते थे। वाकई वह कक्षा सिर्फ कक्षा नहीं होती थी। वह मुस्कुराहट और उमंग से भरी डलिया होती थी, जो किसी उत्सव की तैयारी का पता देती थी। और आज 20 बरस से लंबी किलकारियों, हंसते-खेलते, मुस्कुराते बच्चों की दुनिया में जी रहा हूं। जब बच्चे स्कूल से कुछ सिख कर विदा लेते है तब कितना सूना और सन्नाटा-सा मैं अपने चारों तरफ पाता हूं।
उन शिक्षकों, शिक्षिकाओं के द्वारा दिए गए मान-सम्मान को उससे ज्यादा अपनेपन को महसूसता हूं जिन्होंने मुझे अपना समझा जैसे रिश्तों की डोर से बंधे रहे, एक पारिवारिक वातावरण में सामाजिक जवाबदारियों में रहे। उन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने नागरिकों ने बेहद अपना समझा और निरंतर मान-सम्मान दिया। उनके प्रति आभार के कुछ शब्द कहकर 'अभिव्यक्त' नहीं किया जा सकता।
एक घर परिवार जैसे वातावरण में खुद को समन्वित करके स्कूल में अध्ययन अध्यापन के कार्य में खुद तल्लीन करते हुए मुझे अपार हर्ष होती है मुझे लगता है यही स्कूल की बगिया मेरी स्वर्ग है जिसे मुझे ज़िंदा रहते हुए मिल रही है
*3- --स्व निर्मित गणित विज्ञान अंग्रेजी प्रयोगशाला
संस्था में गणित विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण किआ गया है यहाँ गणित और विज्ञान से सम्बंधित लगभग 200 TLM है जिनका प्रयोग शिक्षक अपनी कक्षा अध्यापन के समय करते आ रहे है जिसके फलस्वरूप कक्षा का शैक्षणिक वातावरण रुचिकर और आकर्षक हो जाती है जिससे सभी बच्चों की उपस्थिति भी अच्छी रहती है और बच्चे उत्साह के साथ मन लगाकर पढ़ते भी है प्रयोगशाला पूरा बाल केन्द्रित है जहा बच्चे अपनी सुविधा अनुसार वर्क शॉप में स्वयं करके सीखते है जहा बच्चे खुद अपनी हाथो से कुछ चीजे या प्रयोग करके सीखते है तो बच्चो के मानस पटल पर एक स्थाई समझ विकसित होती है इसी उद्देश्य से हमारे शाला में शिक्षको और बच्चो की सहयोग से मिल जुल कर एक गणित विज्ञान अंग्रेजी प्रयोगशाला का निर्माण किया गया है जहा अंग्रेजी के बहुत से सहायक शिक्षण सामाग्री ,गणित विज्ञान के सहायक शिक्षण सामाग्री का प्रदर्शन और उस पर शैक्षणिक अनुप्रयोग शिक्षको के मार्गदर्शन में बच्चे स्वयं कर के सीखते है जिससे विद्यार्थियो के अन्दर एक वैज्ञानिक अनुसंधान , खोजिय और तार्किक गुणों का विकास होती है
प्रयोग शाला में गणित के ज्यामिती क्षेत्रमिति द्विविमीय त्रिविमीय से सम्बन्धित सभी प्रकार के TLM है विज्ञान से सम्बंधित TLM, अंग्रेजी के TLM हमारे प्रयोगशाला में सुसज्जित है जिसका सीधा लाभ बच्चो को मिल रही है
*4---- PLC केंद्र की स्थापना
हमारे स्कूल में विकास खंड स्तरीय प्रोफेसनल लर्निंग कम्युनिटी केंन्द्र की स्थापना की गयी है जहा विकासखंड के अधिकाँश सक्रीय शिक्षको ने अपनी TLM योगदान दिए और हमारे स्कूल के सभी शिक्षको के योगदान से इस स्कूल में विशेष रूप से आदर्श PLC केंद्र की स्थापना में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान किये पीएलसी केंद्र संचालन के लिए मुख्य मार्गदर्शक के रूप में आदरणीय श्री प्रदुम्न शर्मा जी {ब्यख्याता डाइट कालेज जांजगीर } और आदरणीय श्री शैलेष देवांगन जी { विकास खंड समन्वयक सक्ति } का विशेष योगदान रहा एवं पीएलसी केंद्र संचालक श्री विजय कुमार दिवाकर {शिक्षक मिडिल स्कूल टेमर } के प्रयास से पीएलसी का संचालन एव रख रखाव अच्छे से सम्पन्न हो रही है ,
कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता में पुरे विकास खंड से सभी सक्रीय शिक्षको ने अपनी अपनी मेहनत से बहुत ही अच्छा TLM का निर्माण करके प्रदर्शनी में इस स्कूल में लगाए थे जिसमे प्रथम स्थान पर हमारे स्कूल के शिक्षक विजय कुमार दिवाकर द्वारा निर्मित TLM रहा
हमारे पीएलसी केंद्र का टेलीग्राम सोशल मीडिया ग्रुप बनाया गया है साथ की खुद का एक वेबसाइट ब्लॉग भी बनाया गया है जिसमे पुरे विकासखंड के सभी सक्रीय शिक्षक पीएलसी केंद्र के मेम्बरशिप है और सभी सक्रीय रूप से कार्य कर रहे है जिनमे शैल पांडे जी, संजीव सूर्यवंशी जी , पुष्पेन्द्र कौशिक जी, पुष्पेन्द्र पटेल जी ,और भी बहुत से शिक्षक सक्रीय रूप से जुड़े हुए है पीएलसी केंद्र के माध्यम से सीधे बच्चो को उनके विषय आधारित अवधारणा को समझने में बहुत लाभदायक है
*5- बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान...
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हमारे स्कूल में बालिकाओ के प्रति विशेष क्लास लगाई जाती है उनके स्वास्थ्य सम्बंधित और स्वयं सुरक्षा हेतु कराते प्रशिक्षण भी नियमित रूप से लगाई जाती है ,सभी बालिका कराते प्रशिक्षण में भाग लेते है
साथ बालिकाओ को क्राफ्ट वर्क और किचन पाककला भी सिखाई जाती है जैसे आचार बनाना,रशगुल्ले , गुलाब जामुन बनाना,केक निर्माण आदि की भी अलग से कोर्स कराया जाता है
*6- किचन गार्डनिंग ....
बड़े बच्चे लोग बागवानी की कार्य भी अच्छे से सिख रहे है शाला स्तर में ही लगभग 3000 वर्ग फ़ीट में सब्जी बागवानी मौसमी सब्जिया उगाई जाती हैं जैसे मूली ,आलू,सेमि, अमरुद, धन्या, लाल भाजी मेथी ,भिन्डी, कद्दू ,कुम्हड़ा बहुत मात्रा में लगाई जाती है जिसका उपभोग मध्यान्ह भोजन में किया जाता है और सभी बच्चे पौष्टिक भोजन से लाभान्वित हो रहे है स्कूल परिसर के चारो तरफ सभी शिक्षको के सहयोग से कांटेदार तारो से घेरा लगा कर सब्जी बाड़ी लगाया गया है एवं सेवा निवृत्त प्रधान पाठक के दान स्वरूप स्कूल में पानी मोटर पंप की ब्यस्था की गयी जिससे स्कूल को हर समय स्वच्छ ताजा पानी उपलब्ध रहती है
*7-- स्काउट प्रशिक्षण
शाला के अधिकांश बच्चों ने स्काउट प्रशिक्षण में भाग लेकर बेहतरीन प्रदर्शन किये है सांस्कृतिक कार्यक्रमो एवं शासकीय शिविर में भी स्काउट के बच्चे पुरे निस्वार्थ सेवा भाव से कार्य करते रहे है ,
गणतंत्र दिवसों में विकाश खंड स्तर में भी अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे है
स्काउट के छात्रो को उनके गणवेश हमारे शाला के स्काउट प्रभारी श्री मोहन प्यारे पटेल जी एवं प्रधान पाठक श्रीमती ललिता बघेल जी के द्वारा प्रदान की गयी है
*8--डिजिटल क्लास में डिजिटल तकनीक से शिक्षा
डिजिटल क्लास मिडिल स्कूल टेमर..*सक्ती,*
*_गणित शिक्षक विजय कुमार दिवाकर द्वारा स्वयं के लैपटॉप और प्रोजेक्टर के माध्यम एक छोटी सी प्रयास किया गया,शाला मे कक्षा 8 वीं में गणित विषय के प्रथम अध्याय ,वर्ग और घन ,के अंतर्गत संख्याओ के वर्ग की अवधारणा को लैपटॉप में प्रेजेंटेशन बना कर बच्चों को सिखाया गया, कक्षा के लगभग सभी स्टूडेंट संख्याओ की वर्ग निकलना सिख गए_*
संख्याओ के वर्ग निकालने की सरलतम क्रियाविधि एवं TLM,नवाचारी प्रयोग निम्नानुसार चित्रो और वीडियो के माध्यम से दिखाया गया है
सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी -आदरणीय सुश्री मोनिका गुप्ता जी,एवं श्रीमती नीलिमा बडगे मेडम जी के द्वारा ,,,डिजिटल क्लास मिडिल स्कूल टेमर का निरिक्षण करते हुए प्रसंशा ब्यक्त किये ...साथ में शैक्षिक समन्वयक श्री चंद्रा सर, एवं डिजिटल क्लास टीचर विजय दिवाकर ,संकुल प्रभारी श्री मोहन प्यारे पटेल जी,प्राथमिक प्रधान पाठक श्री फनेद्र दर्शन जी,श्रीमती उमा कुर्रे जी,श्रीमती याद कुमारी पटेल जी,श्रीमती नेहा केसरवानी जी,श्रीमती सुलोचना मरावी जी,श्रीमती दिव्या बंजारे जी ,सुश्री अंजू यादव जी एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे
इस तरह से हमारे स्कूल में डिजिटल क्लास स्टार्ट हुई और समय समय पर बच्चो को आधुनिक तरीके से पढाई कराया जाता है
*9-जिला स्तर में कबाड़ से जुगाड़ में दूसरा स्थान {गणित मॉडल के क्षेत्र में }
जिला स्तरीय कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता डाइट जांजगीर
जांजगीर जिला के प्रत्येक विकास खंड से चयनित 5 प्रतिभागी शिक्षको ने दिनांक 4 जनवरी 2020 को डाइट कालेज जांजगीर में अपनी कबाड़ से जुगाड़ TLM के माध्यम से अपनी अपनी शैक्षणिक गतिविधि कलाँ का प्रदर्शन किये लगभग 50 नवाचारी शिक्षक शिक्षकाओ ने अपनी अपनी विषय गणित विज्ञान पर आधारित TLM का निर्माण करके जिला स्तरीय कार्यशाला में कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता में अपनी सहभागी सुनिश्चित किये , कार्यक्रम की शुभारम्भ मुख्यातिथि जिला शिक्षा अधिकारी श्री तोमर जी एवं डाइट की प्राचार्य मेडम जी के द्वारा माँ सरस्वती की पूजा से प्राम्भ हुई, जिला शिक्षा अधिकारी श्री तोमर जी ने सभी शिक्षको को प्रेरित करते हुए बताया की TLMके माध्यम से कक्षा अध्यापन रुचिकर बन जाता है और शिक्षक और छात्र सभी सक्रीय होकर पठन पाठन करते है जिससे छात्रो में जल्दी और अच्छा समझ विकसित होती है,एवं अनुपयोगी वस्तुओ का सदुपयोग कैसे करे,वेस्ट से बेस्ट कैसे बनाये ,कबाड़ से जुगाड़ करके TLM कैसे बनाये इस सम्बन्ध में श्री तोमर साहब ने अपनी उद्बोधन में सभी नवाचारी शिक्षको को प्रेरित किये,साथ ही डाइट के प्राचार्य मेडम जी ने सभी प्रतिभागी शिक्षको को शुभकामनाये प्रदान की और सभी अथितिगणो डाइट के पुरे टीम,समग्र शिक्षा जांजगीर के पुरे टीम ने पुरे प्रदर्शनी का अवलोकन किये,
विषय विशेषज्ञ की निर्णयाक टीम के सभी मेंबर ने प्रत्येक TLM का निरीक्षण किये और लर्निंग आउटकम पर आधारित सभी शिक्षको से TLM के सम्बन्ध में गतिविधि कराया गया और मूल्यांकन किया गया , मूल्यांकन के उपरान्त परिणाम की घोषणा की गयी ,जिसमे प्रथम स्थान पर श्री शैलकुमार पांडे जी (विज्ञान शिक्षक पूर्व माध्यमिक आश्रम अमलडीहा,सक्ति) , द्वितीय स्थान पर श्री विजय कुमार दिवाकर(शिक्षक गणित,पूर्व माध्यमिक शाला टेमर, सक्ति),तृतीय स्थान पर श्री संजीव सूर्यवंशी जी(शिक्षक गणित,पूर्व माध्यमिक शाला नंदौरकलां ,सक्ति)को प्राप्त हुआ सक्ति से पुष्पेन्द्र कौशिक जी एवं पुष्पेन्द्र पटेल जी के द्वारा निर्माण किया गया TLM भी उत्कृष्ट और सराहनीय रहा अन्य ब्लॉक से श्री दिलीप लहरे जी,श्री भूषण जी,श्री रत्नाकर जी,श्री दिलचंद जी ,अर्चना शर्मा जी के द्वारा बनाया गया TLM उत्कृष्ट और सराहनीय रहा,एवं सभी प्रतिभागी शिक्षक शिक्षकाओ की TLM वास्तव में बहुत शानदार रही बहुत मेहनत से सभी गुरुजनो ने अपना TLM के साथ भागीदारी निभाया सभी का TLM का अपना एक विशेष महत्व और विशेषता रही सभी की TLM छात्रहित में बहुउपयोगी था,सभी विजेताओ को शील्ड मोमेंटो से सम्मानित किया गया ,एवं सभी प्रतिभागी शिक्षको को प्रशस्ति पत्र से सम्मानित करने की घोषणा की गयी,एवं जिला से 2 नवाचारी शिक्षक प्रथम स्थान पर श्री शैल पांडे जी (विज्ञान) द्वितीय स्थान श्री विजय कुमार दिवाकर जी (गणित)को राज्य स्तर के लिये चयन किया जहाँ ये दोनों SCERT RAIPUR समग्र शिक्षा विभाग में जाकर अपनी TLM का प्रेजेंटेशन देंगे, सभी विजेताओ को समग्र शिक्षा जांजगीर,एवं डाइट कालेज जांजगीर के टीम द्वारा बधाई शुभकामनाये प्रकट की गयी,
*10-विकासखंड स्तर में कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान {गणित मॉडल के क्षेत्र में }
विकास खंड स्तरीय TLM प्रदर्शनी ,मिडिल स्कूल टेमर ,सक्ति
आज दिनांक 18 नवंबर2019 को हमारे संकुल केंद्र टेमर अंतर्गत मिडिल एवं प्राथमिक शाला टेमर प्रांगण में जिला शिक्षा अधिकारी आदरणीय श्रीमती मिता मुखर्जी के मुख्य आतिथ्य में ,एवं डाइट कालेज जांजगीर के ब्यख्याता आदरणीय श्री प्रदुम्न शर्मा जी के अध्यक्षता में ,विकाश खंड शिक्षा अधिकारी आदरणीय श्री कामता प्रसाद राठौर जी ,सहायक विकाश खंड शिक्षा अधिकारी आदरणीय श्री शैलेश देवांगन जी ,सहायक प्राध्यापक श्री चंद्रा जी ,ब्यख्याता आदरणीय श्री गोपेश साहू जी ,सरपंच श्रीमती शांति बाई थान सिंह कवर जी, जनपद सदस्य श्रीमती शिव देवी रथ राम पटेल जी की विशिष्ट आतिथ्य में राष्ट्रिय विज्ञान आविष्कार कार्यक्रम के तहत कबाड़ से जुगाड़ प्रतियोगिता एवं गणित विज्ञान सहायक शिक्षण सामग्री का विकास खंड स्तरीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था ,कार्यक्रम की शुभारम्भ जिला शिक्षा अधिकारी महोदया के द्वारा माँ सरस्वती के पूजन से हुई ,बच्चो के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद जिला शिक्षा अधिकारी महोदया श्रीमती मुखर्जी मेडम जी एवं सभी अतिथियो के द्वारा साथ में डाइट कालेज जांजगीर श्री प्रदुम्न शर्मा जी के टीम द्वारा पुरे प्रदर्शनी का विस्तार से अवलोकन किया गया एवं सभी शिक्षक शिक्षिकाओं से उनके कबाड़ से जुगाड़ सहायक शिक्षण सामग्री पर चर्चा करते हुए शिक्षको से प्रस्तुतिकरण भी लिया गया इन सभी शिक्षकों ने लर्निंग आउटकम पर आधारित प्रस्तुतीकरण करते हुए TLM के बारे में डाइट के टीम को बताने का प्रयास किये ,कबाड़ से जुगाड़ कार्यक्रम के तहत सक्ति विकास खंड के सभी शिक्षकों ने अपनी अपनी ऊर्जा शक्ति के साथ पुरे सक्रियता से TLM निर्माण करके आज के प्रदर्शनी में अपनी कला अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किये है जिस पर हमारे शैक्षणिक जिला सक्ति के जिला शिक्षा अधिकारी ने पुरे TLM प्रदर्शनी का स्वयं अवलोकन करके प्रसंशा ब्यक्त करते हुए पुरे सक्ति विकाश खंड के सभी गुरुजनो शिक्षक शिक्षिकाओ को हार्दिक शुभकानाए प्रकट की एवं छात्र छात्रों के सर्वांगीण विकास में पुरे राष्ट्र के निर्माण में गुरु की अहम् भूमिका को बताते हुए इस कार्यक्रम की प्रसंसा ब्यक्त किये , साथ ही हमारे डाइट कालेज जांजगीर के टीम श्री प्रदुम्न शर्मा जी,श्री गोपेश साहू जी ,श्री चंद्रा जी ,विकाश खंड शिक्षा अधिकारी श्री के पी राठौर जी ,कार्यक्रम के मुख्य निर्देशक सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी श्री शैलेश देवांगन जी के द्वारा प्रदर्शनी का आकलन किया गया,कबाड़ से जुगाड़ प्रदर्शनी को लर्निंग आउटकम पर फोकस करते हुए सभी शिक्षकों को सुझाव दिया गया कि अपनी शैशणिक गतिविधि में लर्निंग आउटकम को प्राथमिकता देने की अपील किया गया ,एवं सभी के मॉडल प्रोजेक्ट को मिडिल स्कूल टेमर के संग्रहालय में प्रदर्शनी के लिए ब्यस्थित रूप से सजाने के लिए निर्देशित किया गया ,ताकि पुरे जिले भर के शिक्षक विद्यार्थी बच्चे इस टेमर स्कूल के संग्रहालय (लैब )में भ्रमण के रूप में आकर प्रोजेक्ट मॉडल से अपना ज्ञान विकसीत कर सके एवं गणित विज्ञान की कठिन अवधारणा को इस प्रोजेक्ट के माध्यम बच्चे सिख सके इस हेतु पुरे शैक्षणिक जिला सक्ति के लिए हमारे मिडिल स्कूल टेमर को एक आदर्श विद्यालय के रूप में चिन्हाकित करने हेतु सभी शिक्षकों से अपील किया गया ,ताकि यह स्कूल सभी बच्चो के लिए गणित विज्ञान के अवधारणाओ को सिखने के लिए एक आदर्श केंद्र के रूप में कार्य कर सके इस हेतु सभी गुरुजनो एवं समन्वयक से सहयोग की अपेक्षा रखा गया है
,
इस प्रतियोगिता में शिक्षक विजय कुमार दिवाकर को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ,
दुसरा स्थान शैल कुमार पांडे जी को प्राप्त हुआ
आज के इस विकाश खंड स्तरीय कार्यक्रम में पुरे सक्ति विकासखंड के सभी शिक्षकों छात्र छात्रों ने पुरे उत्साह के साथ सुबह से दूर दूर से आये और अपनी अपनी स्टाल में अपनी शैक्षणिक समाग्रीओ का प्रदर्शनी लगाए सभी का उत्साह देख कर डाइट के टीम ने और विकास खंड के अधिकारियो ने ,जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रसंशा करते हुए सभी की उज्वल भविष्य की शुभकामनाये प्रकट की ;
हमारा टेमर संकुल एवं मिडिल प्राथमिक स्कूल टेमर उक्त कार्यक्रम की आयोजक की भूमिका में रही है इस दृस्टि से हमारे संकुल परिवार की तरफ से पुरे विकास खंड के उन सभी गुरुजनो बच्चो को धन्यवाद जिन्होंने आज के प्रदशनी में अपनी प्रतिभा को दिखाने हेतु उपस्थित हुए थे;
आज के इस कार्यक्रम में सभी शैक्षिक समन्वयको ,संकुल प्रभारिओ ने अपनी अपनी संकुलो से शिक्षकों को प्रेरित करते हुए प्रदर्शनी में शामिल होने की जो मार्गदर्शन दिए थे उसके लिए हमारा टेमर संकुल परिवार सभी शैक्षिक समन्वयको को धन्यवाद ज्ञापित करती है ,
आज के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में संकुल केंद्र प्रभारी श्री मोहन प्यारे पटेल जी ,प्राथमिक प्रधान पाठक श्री फणेन्द्र दर्शन जी , मिडिल स्कूल प्रधान पाठक श्रीमती ललिता बघेल जी , श्रीमती उमा कुर्रे जी ;श्रीमती याद कुमारी पटेल जी ,श्रीमती सुलोचना मरावी जी ,अंजू यादव मेडम जी,श्री धनेश पटेल जी आप सभी के मेहनत लगन से ही इतना बड़ा कार्यक्रम सफल हुआ आप सभी को विशेष धन्यवाद
एवं हमारे संकुल केंद्र टेमर के सभी 5 मिडिल एवं 11 प्राथमिक स्कूलों के समस्त स्टाफ को भी हृदय से धन्यवाद आप सभी के अथक प्रयास से सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ आज का कार्यक्रम संपन्न हुआ ,
नवाचारी शिक्षक श्री शैल पांडे जी ,श्री संजीव सूर्यवंशी जी , श्री पुष्पेंद्र कौशिक जी ,मदन जायसवाल जी ,प्रेम राठौर जी ,प्रकाश राठौर जी ,श्रीमती निशा गुप्ता जी,मुकेश सोनी जी , श्रद्धा यादव जी ,श्रीमती पूनम साहू जी ,श्री कान्त जी ,श्री कांशी राम पटेल जी , अलका मेडम जी,श्रीमती लक्ष्मी राठौर जी , संकुल केंद्र टेमर के समस्त आदरणीय शिक्षक शिक्षिकाओं ,स्काउट के छात्र छात्राऐ आप सभी को शाला परिवार की तरफ से बहुत बहुत धन्यवाद आभार सदर नमन ;
कार्यक्रम की संचालन श्री विजय दिवाकर जी एवं धनेश पटेल जी ने किआ
*11--चुनौतियों के समाधान और योजना
सामाजिक चुनौतियाँ विद्यलायींन शिक्षा पर सीधा असर डालती है जैसे कम उम्र में शादी या फिर कक्षा 8 वी या १2 वी पास या फ़ैल होते ही शादी कर देना जिससे वे विद्यार्थी अपनी शिक्षा का पूरा सदुपयोग नहीं कर पाता या फिर किसी सरकारी जॉब से विमुख हो जाता है
निर्धन परिवार के लोग बच्चो को शाळा में न भेज कर काम काज में मजदूरी में या गाय बकरी चराने में लगा देते है जिससे बच्चे का शिक्षा के प्रति लगाव टूट जाता है और फिर अशिक्षा और अज्ञानता की एक नयी समस्या उत्पन्न होने लगती है ,कई पालक लोग अशिक्षित है जिसके वजह से उनके बच्चे भी विद्यालय में तुलनात्मक रूप से शिक्षा के क्षेत्र में कमजोर साबित हो रहे है क्योकि इनके पालक इतनी जयदा निष्क्रियता दिखाते है कि बच्चो को नियमित स्कूल भेजने में भी सहयोग नहीं देते थे इस तरह बहुत से चुनौतियाँ का सामना करना पड़ रहा था
परन्तु इसके लिए हमारे विद्यालय टीम ने कार्ययोजना बना कर बच्चो के माध्यम से और विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जागरूकता लाने का प्रयास किया गया जैसे कि
१ - घर घर जाकर संपर्क किया गया
२- शिक्षा का महत्व बताया गया
३- श्लोगन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगो को विद्यालय
में जोड़ने का प्रयास किया गया
4 विद्यालय में कंप्यूटर लेपटॉप प्रोजेक्टर माइक की ब्यस्था शिक्षकों के द्वारा किया गया जिससे बच्चे शाला के तरफ आकर्षित होने लगे
5 - कक्षा में सर्वाधिक बार आने वाले विद्याथी को और उसके माता पिता को उपहार देने की योजना बनाई गयी जिससे कक्षा में विद्यार्थीओ की उपस्थिति बढ़ने लगी
6 आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को शासन की असंगठित मजदुर छात्रवृति योजना से जोड़ा गया जिससे उनको लाभ हुआ और पढ़ने की इच्छा जागृत हुई
7 - ग्राम के ही सज्जनो के द्वारा विद्यालय को पंखा दान स्वरुप दिया गया जिससे शाळा में सुविधा बढ़ने लगी और बच्चे मन लगा कर पढ़ने लगे
8 - विद्यालय के प्रधान पाठक के द्वारा दान स्वरुप पानी पम्प बोर मशीन लगवाया गया
9 - शिक्षको के सहयोग से पानी पाइप नल कनेक्शन लगवाया गया
10 - शिक्षको के सहयोग से प्राथमिक स्तर के बच्चो को जूता ,बेल्ट ,idcard टाई बच्चो को निशुल्क दिया गया जिससे बच्चे शाला की तरफ आकर्षित होने लगे और कक्षा में उपस्थिति बढ़ती गयी
११- शाला परिसर के चारो तरफ स्वयं शिक्षकों ने धन राशि दान देकर कांटे दार तार से घेरा लगवाया और शाला में वृक्षारोपण किया गया बहुत से फुल पेड़ पौधे आज विद्यालय की शोभा बढ़ा रही है
१२ -खेल कूद का आयोजन , फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिससे बच्चो का शाला के प्रति रुझान बढ़ता गया
१३ पाठ्यक्रम के अनुसार योजना बनाकर पढाई कार्य निरंतर चलती है
14 शाला त्यागी बच्चे नहीं है
15 सभी बच्चे अनुशासित रहते है शांत वातावरण में अध्यापन होती है
16 सभी अभ्यास कार्य छात्रो के साथ सरलतम रूप में कराया जाता है
17प्रयेक माह बच्चो के मूल्याकन लिया जाता है
18 विषय में कमजोर बच्चो को उनके स्तर दक्षता अनुरूप सरलतम तरीके से अतिरिक्त रूप से क्लास लिया जाता है
19 वार्षिक परीक्षाफल में सभी बच्चे उत्तीर्ण होते है
20 जनभागीदारी समुदाय से स्कूल को पंखे दरी आदि दान स्वरूप प्राप्त हुई है
21 शासन के सभी सरकारी योजनाओं का लाभ छात्रो को पूरा पूरा मिल रही है जैसे छात्रवृत्ति ,गणवेश ,मध्यान्ह भोजन आदि
२२ स्कूल स्तर में बुक सभी शिक्षको ने जुगाड़ करके एक पुस्तकालय का निर्माण किये है जहा प्रेरक पुस्तके भरी हुई है
23 पुरे स्कूल के सभी कक्ष शैक्षणिक सजावट प्रिन रिच वातावरण से भरी हुई है
24 हमारे स्कूल से शिक्षक श्री फनेंद्र दर्शन जी श्री मोहन प्यारे पटेल जी ,स्व.श्रीमती मनीषा एक्का जी को मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरूस्कार से कलेक्टर के शुभ हाथो से सम्मानित किया जा चूका है साथ ही शिक्षक विजय कुमार दिवाकर को उत्कृष्ट शिक्षक के रूप में जिला कलेक्टर द्वारा सम्मानित किया जा चूका है जो हमारे स्कूल समाज की बहुत बड़ी उपलब्धि है साथ ही विभागीय खेल के क्षेत्र में श्री मोहन प्यारे पटेल जी जिला स्तर के खेल में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त कर चुके है एवं हमारे स्कूल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े हुए शिक्षक श्री धनेश पटेल जी मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरूस्कार से भी सम्मानित हो चुके है हमारे पीएलसी केंद्र से जुड़े हुए सक्रीय शिक्षको में श्री शैल पांडे जी जो कि राज्यपाल से सम्मानित शिक्षक है ,श्री संजीव सूर्यवंशी जी जो नवाचारी गतिविधिओ में महारत हासिल कर चुके है एव श्री पुष्पेन्द्र कौशिक जी जो की लर्निंग आउटकम के क्षेत्र में विशेष ज्ञान रखते है साथ ही शैक्षिक समन्वयक श्री कीर्ति कुमार चंद्रा जी प्रधान पाठक श्रीमती ललिता बघेल जी जो की विज्ञान TLM और प्रिंट रिच निर्माण के क्षेत्र में बहुत योगदान दिए है ,स्टाफ के शिक्षक श्रीमती सुलोचना मरावी जी जिनकी गणित TLM काफी प्रसनीय है एवं अंग्रेजी TLM में विशेष सहयोग देने वाली शिक्षिका सुश्री अंजुलता यादव जी इन सभी का सहयोग हमारे पीएलसी केंद्र को मिलता रहता है जिससे हमारे स्कूल की गुणवत्ता में काफी सुधार आ चुकी है
*12-- प्रविधियों ,गतिविधिओ एवं अन्य नवाचार के परिणाम
शाला में गणित विज्ञान अंग्रेजी प्रयोग शाला लैब का निर्माण किया गया है जिसमे गणित के बहुत से मॉडल सहायक शिक्षण सामाग्री सुसज्जित है इसी तरह विज्ञान अंग्रेजी के भी मॉडल सहायक शिक्षण सामग्री सुसज्जित है जिसे शिक्षकों और छात्रों ने मिलकर अंजाम दिए है
कक्षा में अध्यापन के दौरान प्रोजेक्टर लैपटॉप का सदुपयोग किया जाने लगा जिससे बच्चे रूचि कर माहौल में पढ़ने लगे ,
पुरे विद्यार्थीओ को ४ समूहों में विभाजित किया गया जो कि इस प्रकार है
सत्यम
शिवम्
सुंदरम
मधुरम
प्रत्येक समूह में लगभग 40 -40 विद्यार्थी जुड़े हुए है जो अपनी अपनी लीडरशिप के अनुसार कार्य करते है जो बागवानी से लेकर सहायक शिक्षण सामाग्री निर्माण एवं खेलकूद से लेकर शा ला की सफाई ,स्वच्छता अभियान ,जागरूकता रैली में भी अपनी सक्रीय भूमिका निभाते है जिससे समाज सेवा के रूप में भी हमारे बच्चे ग्राम से जुड़े हुए है
शिक्षा गुणवत्ता ........हमारे विद्यालय से प्रतिवर्ष परीक्षा फल शत् प्रतिशत बच्चे सफल होते है और यहाँ से पढ़ कर निकले हुए पुराने स्टूडेंट में अब तक 100 लोग आर्मी विभाग में सेना के जवान में पदस्थ है , 20 लोग पुलिस विभाग में पदस्थ है , 1 MBBS डॉक्टर है ,2 वन विभाग में कार्यरत है ,10 पुराने स्टूडेंट अब तक शिक्षक की जॉब से जुड़े हुए है,
एवं 400 से अधिक विद्यार्थी इस संस्था से उत्तीर्ण होकर स्नातक एवं स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्राप्त चुके है और प्राइवेट क्षेत्रो में अपनी सेवाएं दे रहे है
इस तरह हमारे यहाँ से उत्तीर्ण छात्र छात्राए समाज के अलग अलग क्षेत्रो में अपनी पहचान बना कर हमारा स्कूल का नाम रोशन कर रहे है इन सभी का श्रेय हमारे स्कूल के सभी शिक्षको को जाता है ,
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थैंक्स सर जी
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