हमारे शिक्षा सारथी
नवाचार अपनाने के लिए आवश्यक है नए प्रयोगों को सीखना, समझना और स्वीकार करना…...
कोई ना छूटे इस बार...... खाली कवर ज्ञान का भंडार.... शिक्षा जीवन का आधार .... खाली कवर ज्ञान का भंडार ||
पढ़ई तुंहर पारा में रोचक सहायक शिक्षण सामग्री और गतिविधियों के माध्यम से रूचिपूर्वक अध्यापन कराने वाली शिक्षा सारथी कु कंचन कु स्वेता
विकासखण्ड -बलौदा ,जिला - जांजगीर चांपा (छत्तीसगढ़)
शिक्षक के रूप में हम चाहते हैं कि विद्यार्थी अपनी शिक्षा से यथासंभव सर्वश्रेष्ठ परिणामों को हासिल करें | इससे उन्हें अपने जीवन में मौकों और अनुभवों को हासिल करने के लिए अंतदृर्ष्टि और अवसर प्राप्त होंगे | हो सकता है कई परिवार के बच्चे पहली बार स्कूल जाते हैं, जो कि उनके लिए रोमांचक और चुनौतीपूर्ण दोनों होता है | कक्षा का वातारण रूचिपूर्ण और रचनात्मक हो ये केवल एक शिक्षक की प्रतिभा पर निर्भर करता है | इससे बच्चे जानने के लिए और उद्धेश्य पूर्ण शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्सहित होंगे | उनकी रुचि और रचनात्मकता को संवेग प्राप्त होता है , उन्हें स्कूल जाते रहने और सार्थक शिक्षा को हासिल करने के लिए प्रोत्साहन प्राप्त होगा |
शिक्षकों को विद्यार्थियों के लिए कक्षा के वातावरण को ज्यादा रचनात्मक तरीके से उपयोग में लाने के लिए बहुत अवसर हैं, जिससे उनकी रुचि को प्रेरित कर सके और उनके अनुभव को बढ़ावा दिया जा सकता है | इन विचारों को विज्ञान के किसी विषय पर भी लागू कर सकते है |
जांजगीर - चांपा जिले के विकासखंड बलौदाके ग्राम पंचायत कमरीद की कु स्वेता कु कंचन ने एक शिक्षा सारथी के रूप में एक ऐसा उदाहरण हमारे समाज के सामने प्रस्तुत किया है , जिसकी तुलना हम कक्षा अध्यापन कार्य करा रहे शिक्षक से कर सकते हैं | जिस प्रकार एक शिक्षक अपनी कक्षा में विषय वस्तु से संबंधित प्रत्येक सामग्री को उपलब्ध कराने का प्रयास करता है, जिससे बच्चों की जिज्ञासाओं को शांत किया जा सके उसी प्रकार अपनी छोटी-छोटी कक्षा में दोनों शिक्षक सारथी ने ऐसे सहायक सामग्रियों का उपयोग किया , जिनसे उनके विद्यार्थियों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते गई और साथ ही उनकी विद्यार्थी मन में उत्पन्न होने वाली जिज्ञासाओं को वह शांत कर सकी |
अपने कक्षा अध्यापन में स्वेता और कंचन के द्वारा विभिन्न प्रकार के विषय संबंधित पाठ्यवस्तु संबंधित सहायक शिक्षण सामग्री का उपयोग अध्यापन में किया जाता है | वह बताती हैं कि इससे विद्यार्थियों को समझाने में और सिखाने में बहुत आसान हो जाता है और वे स्वयं से ही इस प्रकार की शिक्षण सामग्री निर्मित करने लगते हैं | यदि हम अपने इस फुर्सत के पल में बच्चों को कुछ नया सिखाते जाएं तो, यह पल स्वयं में बहुत बहुमूल्य हो जाते हैं और बच्चे आजीवन अपने इस अनुभव को याद रखेंगे | साथ ही अपने आने वाले भविष्य में अपने भावी पीढ़ी के साथ साझा करेंगे | इसीलिए इन्होंने अपने आसपास के विद्यार्थियों को स्कूलों के संचालन न होने के कारण अध्यापन तथा खेल- खेल में अनेक रोचक गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा देने का कार्य प्रारंभ किया जिससे बच्चे व्यस्त भी हो जाए और कुछ सीखते भी जाएं |
लॉकडाउन में शिक्षा सारथी के रूप में किये गये कार्यों के विषय में चर्चा करते हुए कु कंचन और स्वेता डीरही ने बताया कि हम अपने कार्यों का निष्पादन किस प्रकार से बेहतर रूप में प्रस्तुत कर सके | मोहल्ला क्लास के सफल संचालन में स्वेता और कंचन के शिक्षक श्री पुष्पेंद्र कश्यप जी जो कि एक सक्रिय शिक्षक भी ने उनकी हर कदम पर सहयोग किया | स्वेता और कु कंचन ने एक ऐसा माहौल तैयार किया जिससे बच्चे स्वयं से रूचि पूर्ण अध्यापन कार्य कर सकें |
हमारे राज्य भर के युवा इस कोरोना जैसे आपातकाल की स्थिति में स्वप्रेरित होकर शिक्षा सारथी के रूप में विद्यार्थियों के पढ़ाने हेतु स्वयं से आगे आ रहे है | यह शायद हमारे संस्कार , परिवेश तथा हमारी शिक्षा ही है, जो अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराने हेतु सभी के सामने प्रकट हुई है | इस विकट स्थिति में स्वयं से आगे हाथ बढ़ाने वाले ही हमारे राज्य के सच्चे नायक हैं और हमारी स्कूल शिक्षा विभाग ऐसे युवाओं का सादर आभार प्रस्तुत करती है, जो आज हमारे साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार हैं |
सहायक सामग्री का निर्माण
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