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पूर्व शिक्षक ओम प्रकाश ध्रुव: संघर्ष से सफलता तक, सेवा समाप्ति के बाद होटल व्यवसाय की नई राह

 पूर्व शिक्षक ओम प्रकाश ध्रुव: संघर्ष से सफलता तक, सेवा समाप्ति के बाद होटल व्यवसाय की नई राह







शिक्षकीय नवाचार के लिए सम्मानित ध्रुव, अब बने आत्मनिर्भर उद्यमी


भोण्ड। बस्तर विकासखंड के ग्राम सिवनी निवासी श्री ओम प्रकाश ध्रुव, जो प्राथमिक शाला छेपड़ापारा झारतरई, संकुल केंद्र लामकेर में सहायक शिक्षक के रूप में कार्यरत थे, ने सेवा समाप्ति के बाद हार नहीं मानी। डीएड योग्यता न होने के कारण 09 जनवरी 2025 को शिक्षकीय सेवा समाप्त होने के बावजूद, उन्होंने आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ाया और नगर पंचायत बस्तर में होटल व्यवसाय की शुरुआत की।


विद्यालय में नवाचार से बढ़ी उपस्थिति, ग्रामवासियों ने किया सम्मानित


अपने 11 माह की शिक्षकीय सेवा के दौरान श्री ध्रुव ने विद्यालय में उपस्थिति बढ़ाने हेतु अभिनव प्रयास किए। उन्होंने "स्टूडेंट ऑफ द मंथ" और "पेरेंट ऑफ द मंथ" कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें सर्वश्रेष्ठ उपस्थिति दर्ज कराने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को सम्मानित किया जाता था। इससे विद्यालय में उपस्थिति दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और अभिभावकों की सहभागिता भी बढ़ी। उनके इस प्रयास को देखते हुए ग्रामवासियों ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया।

सेवा समाप्ति के बाद कठिन दौर, पर आत्मविश्वास नहीं खोया

शिक्षकीय सेवा से पृथक होने के बाद श्री ध्रुव मानसिक रूप से आहत थे, लेकिन उन्होंने परिस्थितियों के आगे घुटने नहीं टेके। लामकेर संकुल एवं सालेमेटा-2 के शिक्षकों के सहयोग से उन्होंने होटल व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया। इस अवसर पर संकुल के शिक्षकों ने उनकी हौसलाअफजाई की और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

शिक्षक से उद्यमी बनने तक—संघर्ष और साहस की अनूठी मिसाल

शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार करने वाले श्री ओम प्रकाश ध्रुव का यह परिवर्तनशील सफर कई लोगों के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि संकटों से हारने के बजाय, उन्हें अवसर में बदला जा सकता है। उनकी यह यात्रा बस्तर क्षेत्र में संघर्ष और आत्मनिर्भरता की प्रेरणास्रोत बनी हुई है।

पूर्व शिक्षक का हौसला बढ़ाने पहुँचे शिक्षक

पूर्व शिक्षक ओम प्रकाश ध्रुव को प्रोत्साहित करने एवं उनके नए सफर की शुभकामनाएं देने हेतु छत्तीसगढ़ संयुक्त शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शैलेन्द्र तिवारी, संकुल प्राचार्य चरण कश्यप, समीर मिश्रा, संकुल समन्वयक धर्मेंद्र अग्रवाणी, संतोष अग्रवाणी, शिक्षक राकेश शर्मा, नज़ीर खान, दुर्गा शंकर तिवारी, तरुण ध्रुव, मंजुला दास, विमला पाण्डेय, झरना अग्रवाणी, नेहा कश्यप, पार्वती ध्रुव, गौरी पोर्ते, देव कुमार नाग, ललिता धामगए, संगीता सोरी, सोनामनी बघेल, ईश्वर बंजारे, खिलावन जैन, नम्रता मंडावी, दुर्गेश मिश्रा, उमा राज सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

परिवार का समर्थन: माँ और पत्नी बनीं प्रेरणा स्रोत

श्री ध्रुव की पत्नी और माँ उनके इस नए व्यवसाय में सहयोग और समर्थन करते हुए नजर आ रही हैं। उनकी पत्नी ने कहा,

परिस्थितियों से घबराने की जरूरत नहीं है, हमें उनका डटकर मुकाबला करना चाहिए।


वहीं, उनकी माता जी का कहना है,

"बेटे की नौकरी जाने का अफसोस नहीं है, बल्कि खुशी इस बात की है कि आज वह अपने नए कार्य से संतुष्ट है।"

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