प्राथमिक शाला बड़ेपारा के शिक्षकों की अनोखी पहल: बच्चों की नियमित उपस्थिति के लिए कर रहे नवाचार
नवाचार को ग्रामीणों ने सराहा, 15 अगस्त को शिक्षकों का पंचायत करेगी सम्मान
बस्तर जिले के बस्तर विकास खण्ड के सबसे दुरस्त अंचल के शासकीय प्राथमिक शाला बड़ेपारा चेराकुर संकुल केंद्र मांदलापाल ब्लॉक बस्तर में बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक प्रेरणादायक और रचनात्मक नवाचार देखने को मिल रहा है। शाला के प्रधान पाठक शकमलोचन पाण्डे और सहायक शिक्षक राजेश देवांगन की अनोखी पहल के चलते अब विद्यार्थी नियमित रूप से विद्यालय आ रहे हैं।
बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के उद्देश्य से दोनों शिक्षकों ने एक रोचक योजना शुरू की है — जो छात्र पूरे महीने अधिकतम दिन स्कूल आते हैं, उन्हें पुरस्कार स्वरूप ‘पहाड़ा किताब’ भेंट की जाती है। यह न केवल बच्चों में गणितीय दक्षता बढ़ा रही है, बल्कि उपस्थिति के प्रति उनमें उत्साह और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित कर रही है।
शिक्षकों ने बताया कि पहले कई बच्चे विद्यालय अनियमित रूप से आते थे, लेकिन जब से यह योजना लागू की गई है, तब से अधिकांश बच्चे पूरे महीने नियमित आ रहे हैं। बच्चों को जब पुरस्कारस्वरूप किताबें मिलती हैं, तो उनमें गर्व की अनुभूति होती है और वे अगली बार फिर पुरस्कार पाने के लिए प्रेरित होते हैं।
अभिभावकों ने भी इस पहल की सराहना की है। उनका कहना है कि अब बच्चे स्वयं समय पर स्कूल जाने की जिद करने लगे हैं और पढ़ाई में रुचि बढ़ी है।
15 अगस्त को पंचायत करेगी शिक्षकों का सम्मान
शाला परिवार को ग्राम पंचायत की ओर से 15 अगस्त को सम्मानित करने की घोषणा सरपंच आनन्द बघेल ने की है उन्होंने बताया कि 54 बच्चे दर्ज है प्रतिदिन 50 बच्चे से अधिक उपस्थित रहते हैं
संकुल के अन्य शालाओं में भी नवाचार को लागू करवाएंगे
इस सबंध में
शाला के इस नवाचार की संकुल समन्वयक देवेंद्र सोनी ने भी सराहना करते हुए कहा कि यह पहल अन्य विद्यालयों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकती है, साथ ही बच्चों में परस्पर प्रतियोगी भावना का भी विकास होगा। इस तरह के नवाचार सभी शालाओं में भी लागू करने की अपील की है
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