प्रमुख लोकोक्तियां एवं उनके अर्थ
नेकी और पूछ पूछ :- बिना कहे ही भलाई करना
काला अक्षर भैंस बराबर :- निरक्षर होना
छाती पर मूंग दलाना:- कोई ऐसा काम होना जिससे आपको व दूसरों को कष्ट पहुंचे
अधजल गगरी छलकत जाए थोड़ी विद्या या कूड़ेदान को पाकर वाचाल जो जाना
अपनी करनी पार उतरनी:- जैसा करना वैसा भरना
अंधों में काना राजा :-ज्ञानियों में अल्पज्ञ की मान्यता होना
अपना हाथ जगन्नाथ :- अपना किया हुआ काम लाभदायक होता है
आगे नाथ न पीछे पगहा :-पूर्ण स्वतंत्र होना
आ बैल मुझे मार जानबूझकर :-झगड़ा मोल लेना
अक्ल बड़ी की भैंस : बुद्धि शारीरिक शक्ति से श्रेष्ठ होती है।
अटका बनिया दे उधार : जिस बनिये का मामला फंस जाता है, वह उधार सौदा देता है।
अति भक्ति चोर के लक्षण : यदि कोई अति भक्ति का प्रदर्शन करे तो समझना चाहिए कि वह कपटी और दम्भी है।
अधजल/अधभर गगरी छलकत जाय : जिसके पास थोड़ा धन या ज्ञान होता है, वह उसका प्रदर्शन करता है।
अधेला न दे, अधेली दे : भलमनसाहत से कुछ न देना पर दबाव पड़ने पर या फंस जाने पर आशा से अधिक चीज दे देना।
अनदेखा चोर बाप बराबर : जिस मनुष्य के चोर होने का कोई प्रमाण न हो, उसका अनादर नहीं करना चाहिए। ।
अनमांगे मोती मिले मांगे मिले न भीख : संतोषी और भाग्यवान् को बैठे-बिठाये बहुत कुछ मिल जाता है परन्तु लोभी और अभागे को मांगने पर भी कुछ नहीं मिलता।
अपना घर दूर से सूझता है: अपने मतलब की बात कोई नहीं भूलता। या प्रियजन सबको याद रहते हैं।
अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत : काम बिगड़ जाने पर पछताने और अफसोस करने से कोई लाभ नहीं होता।
अभी दिल्ली दूर है : अभी काम पूरा होने में देर है।
अमीर को जान प्यारी, फकीर/गरीब एकदम भारी : अमीर विषय-भोग के लिए बहुत दिन जीना चाहता है. लेकिन खाने की कमी के कारण गरीब आदमी जल्द मर जाना चाहता है।
अरध तजहिं बुध सरबस जाता : जब सर्वनाश की नौबत आती है तब बुद्धिमान लोग आधे को छोड़ देते हैं और आधे को बचा लेते हैं
अशर्फियों की लूट और कोयलों पर छाप /मोहर : बहुमूल्य पदार्थों की परवाह न करके छोटी-छोटी वस्तुओं की रक्षा के लिए विशेष चेष्टा करने पर उक्ति।
अशुभस्य काल हरणम् : जहां तक हो सके, अशुभ समय टालने का प्रयत्न करना चाहिए।
अहमक से पड़ी बात, काढ़ो सोटा तोड़ो दांत : मूर्खों के साथ कठोर व्यवहार करने से काम चलता है।
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GK best
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