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दंडकारण्य का पठार

 दंडकारण्य का पठार






छत्तीसगढ़ मैदान के दक्षिण में दक्षिणी पठार या दंडकारण्य का पठार स्थित है इस पठार की औसत ऊंचाई 600 मीटर के लगभग है दक्षिण के पठार में कांकेर बस्तर और दंतेवाड़ा जिले आते हैं, यह क्षेत्र पठार पहाड़ी युक्त है ।


इसके मुख्य उपविभाग निम्न है

1 बस्तर का मैदान 

2 इंद्रावती बेसिन 

3 अबूझमाड़ की पहाड़ी


उत्तरी पठारी भाग में बस्तर जिले की बस्तर एवं कोंडागांव तहसील तथा कांकेर जिले के क्षेत्र आते हैं इंद्रावती के दक्षिण का भाग पठारी है जो बस्तर जिले के शेष भाग एवं दंतेवाड़ा जिले के दंतेवाड़ा एवं बीजापुर तहसील क्षेत्र में विस्तृत है क्षेत्र में स्थित बैलाडीला की पहाड़ियां अपने अयस्क हेतु प्रसिद्ध है।

बस्तर के पठार के पश्चिम में अबूझमाड़ पहाड़ियां का विस्तार नारायणपुर तथा बीजापुर क्षेत्र तक है यहां क्षेत्र सघन वनों का पहाड़ियो एवं घाटियों से सम्मिलित अत्यंत दुर्गम क्षेत्र है बस्तर का मैदान बीजापुर भोपालपटनम एवं कोटा तहसील क्षेत्र में विस्तृत है।

मुख्य विशेषताएं

कवर्धा तहसील के उत्तर भाग में नर्मदा की सहायक नदी बंजर का उद्गम हुआ है।

इंद्रावती नदी की घाटी बस्तर के पठार को उत्तर एवं दक्षिण भाग में भक्त करती है।

यह क्षेत्र वनाच्छादित पहाड़ियों वाला क्षेत्र होने के कारण पहाड़ी क्षेत्र में अधिक वर्षा होती है।

सिंचाई की अल्प सुविधा एवं न्यूनर कृषि उपयोग दर के कारण कृषि कार्य यहां पिछड़ा हुआ है यह अधिकांश मोटे अनाज उत्पादित किए जाते हैं।

यहां अधोसंरचना का पर्याप्त विकास नहीं हुआ है कृषि एवं खनिजों के उत्खनन यहां का मुख्य व्यवसाय है आर्थिक विकास के अभाव में या क्षेत्र वर्तमान में नक्सली समस्या से ग्रस्त है।

यहां अधिकांश भूमि पर वन फैले हुए हैं यहां के दर्शनीय स्थलों में देश के सबसे बड़े जलप्रपात चित्रकूट जलप्रपात कुटुमसर गुफा इंद्रावती एवं कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान एवं अनेक अभ्यारण मुख्य है। बस्तर के दशहरा की जहां विश्वव्यापी ख्याति है वही आदिवासी नृत्य गीत या था गौर ले जाकर मा एवं घोटूल जैसी संस्थाएं सदस्यों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे हैं। क्षेत्र गढ़वा या ढोकला शिल्प काष्ठ शिल्प आदि लोग शिल्प के लिए भी विश्व विख्यात है।

जगदलपुर के निकट इंद्रावती प्रसिद्ध चित्रकूट जलप्रपात बनाती है डंकिनी नदी पर सूरतगढ़ जलप्रपात भी इसी क्षेत्र में स्थित है।

यहां की मिट्टी लाल रेतीली  है जो कम उर्वरक है।

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