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पंडवानी

                             पंडवानी 



                                  तीजन बाई 


  • महाभारत के पांडवों की कथा का छत्तीसगढ़ी लोक रूप पंडवानी है पनवानी  का मूल आधार प्रधान और देवारों की पंडवानी गायकी महाभारत की कथा और सबल सिंह चौहान की दोहा चौपाई महाभारत है इसमें मुख्य नायक भीम है।
  • बनवाने के लिए किसी विशेष अवसर ऋतु या अनुष्ठान की आवश्यकता नहीं होती।
  • पांडवानी में एक मुख्य गायक एक हुंकार भरने वाला रागी तथा वाद्य पर संगत करने वाले लोग होते हैं जो आमतौर पर तबला ढोलक हारमोनियम और मजीरा से संगत करते हैं मुख्य गायक स्वयं तंबूरा एवं करताल बजाता है।
  • पंडवानी की दो शाखाएं हैं वेद मति और कापालिक
  • कापालिक शैली में कथा गायक गायिका के स्मृति में या कपाल में विद्यमान होती है। कापालिक शैली है व्हाट्सएप परंपरा पर आधारित है कापालिक शैली के विख्यात गायिका तीजन बाई शांति बाई उषा बाई बारले।
  • वेदमती में शास्त्र सम्मत गायकी की जाती है वेद मति शैली का आधार है शास्त्र अर्थात खड़ी भाषा में सबल सिंह चौहान के महाभारत जो पद्य रूप में है।
  • वेदमाती शैली के गायक वीर आसन पर बैठकर पंडवानी गायन करते हैं इसके प्रमुख गायक झाड़ू राम देवांगन पुनाराम निषाद पंचराम रेवाराम वेदमाती शैली के कलाकार है झाड़ू राम देवांगन महाभारत के शांति पर्व को प्रस्तुत करने वाले सर्वश्रेष्ठ कलाकार है।

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