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 जैवमंडल 


" बायोम के समूह को जैवमंडल कहते है ।"


"पृथ्वी तथा उसके पर्यावरण के उस भाग को जिसमें जीवधारी रहते है अथवा जो जीवन को सुचारू रूप से चलाने में समर्थ है जैव मंडल कहलाते है ।"


जैवमंडल वृहद पारिस्थितिक तंत्र है और जटिल पारिस्थितिक तंत्र भी 

यह स्थल मंडल ,जल मंडल वायु मंडल के अंतर्संबंध से निर्मित संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई का समूह होता है।

जीवन पृथ्वी के जल स्थल एवं वायु सभी जगह विद्यमान हैं।

वायुमंडल में अधिकांश जीव उसके निचले भाग नहीं पाए जाते हैं क्योंकि इस भाग में जिओ के विकास तथा उनके संवर्धन के लिए आवश्यक दशाए  मौजूद है।


नासा ने वायुमंडल में 15 किलोमीटर ऊंचाई तक जीवाणु की उपस्थिति का पता लगाया है एवं महासागर में 9 किलोमीटर अंदर तक जिवो की उपस्थिति दर्ज की गई है।

स्थलीय भागों में लगभग 5 किलोमीटर गहराई तक जीवन संभव का पता लगाया गया है।



जैविक समुदाय

विभिन्न प्रजातियों की जनसंख्या जो एक ही क्षेत्र में रहती है तथा एक दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करती है जैविक समुदाय कहलाती है।

किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र का विकास जैविक अजैविक घटकों के अंतर संबंधों से होता है।

कई जैविक समुदाय मिलकर बायोम का निर्माण करती है।


बायोम


पारिस्थितिकी तंत्र के समूह को बायोम कहते हैं।

पृथ्वी पर पेड़ पौधों तथा जीव जंतुओं सहित सभी प्रमुख पारिस्थितिक तंत्र बायोम कहलाते हैं । 

एक क्षेत्र में अनेक समुदायों का जाल ही बायोम कहलाता है।

यह एक जैविक कटिबंध है सभी पौधे तथा जंतु पर्यावरण में संयुक्त क्रिया और प्रतिक्रिया द्वारा परस्पर संबंधित है समान जल वायविक स्थितियों में भी कुछ समुदाय चरम अवस्था में पहुंचते हैं और कुछ अनुक्रमण की विभिन्न अवस्थाओं में एक साथ विकृत हो सकते हैं।


पारिस्थितिकी संगठन का स्तर

अणु-परमाणुओं के समूह को अणु कहते हैं।

कोशिका -जीवन की सबसे छोटी इकाई।

उत्तक -कोशिकाओं का समूह।

जीव -सभी सजीव जीव जंतु।

जनसंख्या -एक ही तरह के जीव का सामान क्षेत्र में रहना।

समुदाय -जनसंख्या के समूह।

पारिस्थितिकी तंत्र -समुदाय तथा आसपास के निर्जीव घटक।

जय मंडल -सभी पारिस्थितिकी तंत्र का समूह।


लेखक 

कमल किशोर कश्यप

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