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पर्यावरण/environment

 पर्यावरण/environment



"हमारे चारों ओर के वातावरण को पर्यावरण कहते हैं।"

"हम और हमारे चारों ओर के वातावरण को पर्यावरण कहते हैं।"


"जैविक अजैविक घटकों से निर्मित वातावरण को पर्यावरण कहते हैं।"


"जैविक अजैविक घटकों से निर्मित वातावरण को पर्यावरण कहते हैं ।"


पर्यावरण के प्रकार


1 भौतिक पर्यावरण

भौतिक पर्यावरण निम्न प्रकार के होते हैं

  • स्थल मंडलीय पर्यावरण
  • वायुमंडलीय पर्यावरण
  • जलमंडल पर्यावरण


2 जैविक पर्यावरण

  • जैविक पर्यावरण निम्न प्रकार के होते हैं
  • वनस्पतिक पर्यावरण
  • जंतु पर्यावरण


पर्यावरण के घटक


1 भौतिक या अजैविक  संघटक -इसमें इस थल वायु और जल एवं उनके उपसन घटकों को सम्मिलित किया जाता है।

2 जैविक संघटक -इसमें पादप सन घटक मनुष्य समेत जंतु संघ घटक तथा सूक्ष्म जीव घटक है।

3 ऊर्जा  संघटक -इसमें सूर्य ऊर्जा तथा भूतापीय ऊर्जा सम्मिलित है।


जलमंडल

जलमंडल पृथ्वी के तल का सर्वाधिक महत्वपूर्ण भाग है। पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से ढका हुआ है।

जल मंडल के अंतर्गत सभी प्रकार के जल संसाधन जैसे महासागर नदिया झील तालाब भूजल जलवाष्प आदि आते हैं।

पृथ्वी पर जल की अधिकता के कारण ही इसे नीला ग्रह कहा जाता है।

पृथ्वी पर संपूर्ण जल का 96.5% हिस्सा महासागरीय जल है।

भारत में विश्व की 17% से अधिक आबादी है जबकि विश्व का मात्र 4% नवीकरणीय जल संसाधन एवं 2.4% क्षेत्र इसके पास है।

भारत में नदियां तथा नहरों के अतिरिक्त अन्य जल स्रोतों का कुल क्षेत्र 7 मिलियन हेक्टर है।


स्थल मंडल


स्थलमंडल संपूर्ण पृथ्वी के क्षेत्रफल का 29% है स्थलमंडल भू पृष्ठ पर पाए जाने वाले ठोस शैल पदार्थों की परते हैं।

पृथ्वी के अंदर तीन मंडल पाए जाते हैं भूपर्पटी, मैंटल ,कोर

पृथ्वी के क्षेत्रफल तथा जल क्षेत्रफल का अनुपात 3: 7 है।


वायुमंडल



वायुमंडल विभिन्न गैसों का एक आवरण है जो पृथ्वी के चारों ओर से घेरे हुए है तथा गुरुत्वाकर्षण बल के द्वारा पृथ्वी से अबद्ध है ।संपूर्ण तल से 16 से 29000 किलोमीटर के बीच वायुमंडल की ऊंचाई का आकलन किया जाता है गैस जलवाष्प तथा धूल कणों से वायुमंडल बनी है।

वायुमंडल की परतें एवं संरचना


 क्षोभमंडल 

यह वायुमंडल की सबसे नीचे वाली परत है।

ऊंचाई विश्वत रेखा पर 11 किलोमीटर तथा ध्रुवों पर 8 किलोमीटर।

ऊंचाई के साथ तापमान घटता है प्रत्येक 165 मीटर 1 डिग्री सेल्सियस की कमी हो जाती है जिसे सामान्य ताप हास दर कहते हैं।

ऋतु तथा मौसम संबंधी सभी घटनाएं जैसे बादल आंधी वर्षा इसी मंडल में होती है।



समताप मंडल 

ऊंचाई 8 या 11 किलोमीटर से 50 किलोमीटर तक।

इस के निचले भाग में 20 किलोमीटर ऊंचाई तक तापमान में कोई परिवर्तन नहीं होता जिस कारण इसे समताप मंडल कहते हैं।

इसके ऊपर 50 किलोमीटर ऊंचाई तक तापमान में वृद्धि होती है जिसका कारण वहां उपस्थित ओजोन गैस है।

ओजोन परत सूर्य की  किरणों का अवशोषण करती है इसलिए इसे पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहते हैं।

ओजोन परत की मोटाई नापने के लिए डाबसन इकाई का प्रयोग किया जाता है।

यह मंडल वायुयान चालकों के लिए उत्तम मंडल होता है।


मध्य मंडल


ऊंचाई 50-90 किलोमीटर तक

इस मंडल में ऊंचाई के साथ तापमान तेजी से वृद्धि होती है।

आयन मंडल तापमान मंडल  का हीं भाग है।



आयन मंडल



यहां उपस्थित कार्ड विद्युत आवेशित होते हैं जिन्हें आयन कहते हैं इसलिए इस परत को आयन मंडल कहते हैं।

आयन मंडल की तीन परत है डी ई एफ

यह परते रेडियो तरंगों को परावर्तित कर पृथ्वी पर वापस भेज देता है।

संचार उपग्रह इसी स्तर में स्थित होते हैं।

ध्रुव पर लाल रंग का अरोरा की चमक इसी मंडल के कारण होती है।


बाह्य मंडल 


यह सबसे ऊपरी परत है।

किस मंडल में हाइड्रोजन तथा हिलियम गैस की प्रधानता है।

इस मंडल को वायुमंडल का सीमांत क्षेत्र कहा जाता है।



लेखक

कमल किशोर कश्यप

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