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शिक्षा के लिए समर्पित उत्कृष्ट शिक्षिका

शिक्षा के लिए समर्पित उत्कृष्ट शिक्षिका


नाम - श्रीमती तीरथ बाई गोंड सहायक शिक्षक एल बी 

विद्यालय का नाम - शासकीय प्राथमिक शाला सरहर 

विकासखंड - बम्हनीडीह 

जिला - जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ 

मो.- 7224012588




 मैंने गिनती पर कार्य किया मेरा टॉपिक है गिनती की दुनिया- आइये हम सब चलते हैं एक जादुई दुनिया में जी हां एक जादुई दुनियां जिसका नाम है गिनती की दुनिया इस गिनती की दुनिया में हम कई तरह के गणनात्मक खेल खेलना भी सीखेंगे और साथ ही गिनती करने के कई मानक और अमानक इकाइयों से भी परिचित होंगे। लेकिन इससे पहले मैंने सोचा की इस जादुई दुनिया से बच्चों को कैसे जोड़ा जाये उनको कैसे लेकर चले इस प्यारी दुनिया में तब ख्याल आया की बच्चे तो शाला प्रवेश के पूर्व ही इस दुनिया से परिचित होते हैं।  जानते हो कैसे । तो सुनो जब वे अपनी हाथों की उंगलियां गिनते हैं अपनी मां के रसोई घर के बर्तनों को, सब्जियां जैसे आलू प्याज टमाटर बैगन गोभी इत्यादि को देखकर उनको गिनने लगते हैं अपने छत की सीढ़ियां से लेकर अपने पापा के शर्ट की बटन को भी वे गिनने लगते हैं। इस प्रकार से बच्चे शाला प्रवेश के पूर्व ही गिनती की अमानक इकाइयों से तो पहले से परिचित होते हैं।  लेकिन शाला प्रवेश के बाद हमें उनको गिनने की मानक इकाइयों से परिचित कराकर  इस जादुई दुनिया से जोड़ना है ताकि वे  गिनती की मानक इकाइयों से भी परिचित होकर उनको  संख्यात्मक रूप में व्यक्त कर  सके इसके लिए हमें खेल-खेल में बच्चों को गिनने की प्रक्रिया सिखानी होगी इसके ही विभिन्न गतिविधि का प्रयोग करके हमें निरंतर बच्चों को इस  जादुई दुनिया से जोड़े रखना है। 


अब बात कर लेते हैं मेरी टॉपिक गिनती की दुनिया गिनती पढ़ने के पूर्व की गई तैयारियां मैं बच्चों का आकलन किया बच्चों के पूर्व ज्ञान का को पाठ से संबंधित योजना का निर्माण समग्र शिक्षा द्वारा मिले किट का उपयोग ELPS  पद्धति का उपयोग और टीएलएम का निर्माण से संख्या पूर्व अवधारणा सीखना इसलिए जरूरी है तुलना करना वर्गीकरण करना पैटर्न पहचाना ये अवधारणा अगर बच्चे नहीं समझ पाएंगे तो अमूर्त रूप से गिनती पर कार्य करने में दिक्कत होगी इसलिए संख्या पूर्व अवधारणा जरूरी है। ठीक ऐसे ही गिनती को अगर बच्चे नहीं सीखेंगे तो दैनिक जीवन में समस्या या कठिनाइयां महसूस होगी और अगर बच्चे संख्या से परिचित नहीं होंगे तो आने वाले आगे की जो गणितीय कौशल है जैसे की जोड़ और घटाओ बहुत ही कमजोर हो जाएगी। तो चलिए इस इसी के साथ गिनती की दुनिया के सैर पे ले चलती हूं। तो सबसे पहले मैंने बच्चों को उनके पूर्व ज्ञान से जोड़ने का प्रयास किया है मैंने बातचीत के माध्यम से जानने का प्रयास किया है। ELPS पद्धति से मूर्त से अमूर्त की और बाल गीत के माध्यम से सिखाते है तो बच्चे बहुत जल्दी सीखते हैं। ठीक वैसे ही मैंने पहले और दूसरी कक्षा के लिए मिले हुए किट का प्रयोग करके पहली बार दूसरी कक्षा को साथ बैठ कर किया जैसे मैंने प्लास्टिक के अलग-अलग फलों को गिनना था और कांचे  को गिनना था। कंकड़ की मदद से गिनना। मोती माला की मदद से गिनती। कंकड़ की  मदद से संख्या नाम बोलना और लिखना। बाल गीत के माध्यम से मात्रा सीखना और आकलन करना । संख्या पहचान और कम से जमाना अमूर्त रूप से संख्या लेखन और पहचान TLM के माध्यम से बच्चे क्रमबद्ध रूप से गिनती सीखने का प्रयास करते हैं। कक्षा एक और दो के बच्चे को जितना ठोस वस्तुओं के साथ कार्य करेंगे बच्चों को उठाना कम समय में गिनती को सिखा सकते हैं। ELPS पद्धति एक कारगर पढ़ती है जिसके माध्यम से आसानी से कम समय में अधिगम प्राप्त कर सकते हैं। 



मेरा मानना है कि आगे बच्चों को गिनती  की  समझ विकसित हो गई तो आप बहुत ही आसानी से अन्य गणितीय संक्रियाओं पर कार्य कर सकते हैं।

           



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