बस्तर की बेटी ने अंग्रेज़ी में दिया जवाब, संयुक्त संचालक भी रह गए हैरान – बदल रहा है बस्तर
घाटी के नीचे बसे बिनता गांव में शिक्षा की गूंज, बालिका ने अंग्रेज़ी में जवाब देकर बस्तर का सिर किया ऊँचा
बस्तर जिले के दूरस्थ विकासखंड लोहंडीगुड़ा के माध्यमिक शाला बिनता में उस समय एक अनोखा दृश्य सामने आया जब संयुक्त संचालक (शिक्षा), बस्तर संभाग राकेश पांडे निरीक्षण के लिए पहुँचे। यह विद्यालय जगदलपुर से लगभग 70 किलोमीटर दूर एक घाटी के नीचे स्थित है, जहाँ पहुंचना जितना कठिन है, वहाँ गुणवत्ता की शिक्षा देना उतना ही चुनौतीपूर्ण।
निरीक्षण के दौरान श्री पांडे ने एक छात्रा से अंग्रेज़ी में संवाद किया। सबको आश्चर्य हुआ जब वह बालिका पूरे आत्मविश्वास और स्पष्ट उच्चारण के साथ हर प्रश्न का अंग्रेज़ी में उत्तर देने लगी। उसकी बेबाक शैली और भाषा पर पकड़ देखकर संयुक्त संचालक ने न केवल उसकी प्रशंसा की, बल्कि विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों की मेहनत को भी सलाम किया।
संयुक्त संचालक श्री राकेश पांडे ने कहा:
“अंदरूनी इलाकों को लेकर जो सोच है कि यहाँ के बच्चे पिछड़े होते हैं, वह अब बदल रही है। यह बालिका इसका जीवंत उदाहरण है। बस्तर अब बदल रहा है। यहाँ की बेटियाँ भी अब नई ऊँचाइयों को छू रही हैं।”
इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी बलीराम बघेल भी मौजूद थे।
*निरीक्षण में दिखी शिक्षक की भूमिका*
संयुक्त संचालक ने हायर सेकेंडरी स्कूल बिनता में गणित के "समांतर श्रेणी" का पाठ स्वयं समझाया और बच्चों से संवाद किया।
इसके अलावा वे बिनता संकुल के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के सुबह की प्रार्थना सभा में भी सम्मिलित हुए। उन्होंने प्राथमिक शाला के बच्चों को भी पढ़ाया, जिससे विद्यार्थियों में उत्साह की लहर दौड़ गई।
निष्कर्ष
यह घटना सिर्फ एक बालिका की नहीं, बल्कि बस्तर की बदलती तस्वीर और शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बावजूद यहाँ के छात्र और शिक्षक मिलकर गुणवत्ता की शिक्षा की एक नई कहानी लिख रहे हैं।
यह कहानी हर शिक्षक, हर विद्यार्थी और हर ग्रामीण स्कूल के लिए एक प्रेरणा है — कि अगर लगन और समर्पण हो, तो कोई भी क्षेत्र पिछड़ा नहीं रह सकता।
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