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मोरल कहानी -चतुर कौवा

                       मोरल कहानी -चतुर कौवा


गर्मी का दिन था और एक कौवे को बहुत प्यास लग रही थी। पानी की तलाश में कौआ चारों तरफ देखने लगा।, उसने एक घड़ा देखा, और उस घड़े के अंदर झांका। परन्तु घड़ा खाली था, केवल तल पर थोड़ा सा पानी भरा था। बार बार पानी पीने के लिए अपना चोंच अंदर डालता पर पानी तक उसका चोंच नही पहुँचता था हालाँकि, उसने उम्मीद नहीं खोई आस-पास देखने लगा, ताकि समस्या का समाधान हो सके। उसे घड़े के पास कंकड़ का ढेर मिला। कौवा एक-एक करके कंकड़ ले गया और उन्हें घड़े में डालने लगा, कंकड़ अंदर जमा हो गए, पानी का स्तर बढ़ गया और धीरे-धीरे किनारे पर पहुंच गया। इस प्रकार कौर ने पानी पी लिया।।

शिक्षा : आवश्यकता आविष्कार की जननी है।

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