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बचत

                  

                              




              एक गांव में एक किसान रहता था वह कृषि कार्य करके जीविकोपार्जन करते थे। एक वर्ष किसान को बहुत ही कम अनाज प्राप्त हुआ  क्युकी उस वर्ष अच्छा वर्षा न होने के कारण अकाल पड़ा गया।अनाज केवल दस माह ही  खाने के लिए था। किसान बहुत चिंतित था। किसान की चिंता को देखकर उसकी पत्नी ने कहा आजकल आप बहुत चिंतित नजर आ रहे हो ऐैसा क्यों? किसान ने पत्नी से कहा कि इस वर्ष  बहुत ही कम अनाज प्राप्त हुआ है जो पूरे वर्ष के लिए पर्याप्त नहीं है। 

                               समय बीतता गया एक वर्ष पूरे हो गए और अनाज पूरे वर्ष के लिए पूर्ती हो गया। इसे देखकर किसान ने अपनी पत्नी से कहा  ऐसा कैसे हुआ, पत्नी ने जवाब दिया मैंने खाना बनाने के पहले जितना चावल निकालता था उसमें से दो मुट्ठी निकाल कर वापस कोठी में रख देता था। दो दो मुट्ठी बचाने के कारण पूरे वर्ष अनाज की पूर्ति हो गया। 

शिक्षा:- हमें जीवन में बचत की आदत डालनी चाहिए।



 पुष्पेन्द्र कुमार कश्यप सक्ती छत्तीसगढ़

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