कर्ज माफी
कोई परेशान है सास बहू के रिश्तो से, किसान परेशान हैं कर्ज की किस्तों से.....................................................
नैसर्गिक रूप से छत्तीसगढ़ को प्रकृति से कृषि का वरदान मिला है। कृषि छत्तीसगढ़ की संस्कृति भी है और यहां की पहचान भी है।छत्तीसगढ़ के किसानों को और यहां की अर्थव्यवस्था को कृषि आधारित नीतियों के जरिए ही मजबूत बनाया जा सकता है।इस मूलमंत्र को ध्यान में रखकर ही राज्य में गठित नई सरकार ने किसानों के हित में कृषि ऋण माफी और 25 ₹100 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का लक्ष्य रखा है।
दरअसल धान और किसान ऐसे भी सा है जिसका छत्तीसगढ़ के घर घर से ताल्लुक रखता है राज्य में 1,00000 करोड़ के बजट के लगभग 25 से 30 प्रतिशत हिस्सा खेती किसानी से संबंधित है। जब भी छत्तीसगढ़ में धान की अच्छी फसल आई है किसानों में खुशहाली आई है और वहां की अर्थव्यवस्था में उछाल मारी है। किसानों के संबंध में यह कहा जाता है कि भारतीय किसान कर्ज में पैदा होता है कर्ज में ही जीता है और कर्ज में ही उसका मौत हो जाता है, हम ने ठाना है किसानों को कर्ज की स्थिति में वह बाहर कर खुशहाल जीवन की राह सुनिश्चित कराना है।
राज्य में गठित नई सरकार ने शपथ लेने के 2 घंटे के भीतर किसानों के हित में बड़े फैसले लिए इससे खेती छोड़ चुके लगभग एक लाख से ज्यादा किसान फिर अपने खेत की ओर लौटे। प्रदेश में धान के रकबे में लगभग 3 लाख एकड़ की बढ़ोतरी हुई प्रदेश में पहली बार व्यापक ऋण माफी योजना पर सरकार ने सफलतापूर्वक अमल किया लगभग 1900000 किसानों का अल्पकालीन ऋण माफ किए पिछले 15 वर्षों से लंबित 300 करोड रुपए का बकाया सिंचाई कर माफ किया इन कार्यों से किसानों की क्रय शक्ति बढ़ी और बाजार भी चमका, इससे देशव्यापी मंदी के प्रभाव से राज्य अछूता रहा। अर्थशास्त्रियों के नजर में कर्ज माफी बड़ी कामयाबी है।17 दिसंबर 2018 को राज्य शासन द्वारा कृषकों की अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया इसके तहत प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से 30 नवंबर 2018 तक लिए गए अल्पकालीन कृषि ऋण माफ किया गया इस योजना के अंतर्गत 13.4 6 लाख कृषकों का 5260.50 करोड़ रुपये कृषि ऋण माफ किया गया।
राज्यों में कर्ज माफी का दौर 2014 से चल रहा है अब तक केवल 9 राज्यों में कर्ज माफी की किया जा चुका है जिसमें दो हजार अट्ठारह उन्नीस में छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश राजस्थान में कर्ज माफी किया गया है।
कृषि के लिए सिंचाई कितना महत्व है यह बताने की आवश्यकता नहीं कृषि का प्राण ही सिंचाई है सिंचाई के साधनों में वृद्धि किए बिना किसानों के बेहतर कल्पना निरर्थक है।तत्कालिक सरकार द्वारा ना तो सिंचाई के साधन का विस्तार किया नाही कृषि फसल का समर्थन मूल्य बढ़ाया राज्य गठन के समय छत्तीसगढ़ का कुल सिंचाई क्षमता 1328000 हेक्टेयर थी कांग्रेस सरकार द्वारा 2002-,03 मैं 2.33 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता की वृद्धि की पूर्व सरकार द्वारा 15 वर्षों के अंतराल में कोई वृद्धि नहीं किया गया। कांग्रेस सरकार के आते ही सिंचाई क्षमता में वृद्धि और समर्थन मूल्य बढ़ाया गया राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण के लिए नरवा का विकास फार्म किया जा चुका है जिससे जन खाती नरवा का पुनः उद्धार होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि कर्जमाफी एक दुष्चक्र समस्या है इसका निदान आवश्यक है यदि कर्जमाफी से किसान का आर्थिक विकास होता है तथा उसका स्थिति में सुधार होता है। सरकार को किसानों के ऋण व्यस्तता से दूर करने के लिए दीर्घकालीन नियम नीति बनाने होंगे और किसानों को भी कर्ज केवल उसके कृषि कार्यों के लिए लेने होंगे अन्य कार्यों के लिए नहीं।
पुष्पेंद्र कुमार कश्यप सहायक शिक्षक
शासकीय प्राथमिक शाला सकरेली बा
मोबाइल नंबर 7566870487
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