पढ़ाई तुहर द्वार
इस समय पूरा देश कोविड-19 के प्रभाव से अछूता नहीं है इस समय देखा जाए तो सर्वाधिक प्रभाव शिक्षा पर पड़ा है। छत्तीसगढ़ समूचे देश में सर्वाधिक साक्षरता दर में पिछड़े हुए राज्य है और वर्तमान कोरोनावायरस के दौर में राज्य की शिक्षा संस्थान बंद है जिससे राज्य के सभी वर्ग के विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में क्या ईशिक्षा एक विकल्प है और क्या छत्तीसगढ़ राज्य के अनुकूल है। मूलभूत पक्षों को समझना आवश्यक होगा।
पढ़ाई तुहर द्वार योजना क्या है
देश में लॉकडाउन के चलते हर चीज बंद हैं, ऐसे में पढ़ाई करने वाले छात्रों का समय बहुत ज्यादा खराब हो रहा है, इसलिए छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा एक नया वेब पोर्टल की शुरूआत की है, जिसका नाम है पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल (Chattisgarh Padhai Tuhar Dwar Portal)। इसकी मदद से बच्चे घर बैठे ही अपनी पढ़ाई शुरू कर पाएंगे।इस पढ़ई तुंहर पोर्टल के जरिए छात्रों को ई-क्लास के जरिए पढ़ाया जाएगा इसमें वीडियो लेसन,पढ़ाई से सबंधित खेल और होमवर्क जैसी सुविधाएं भी मौजूद होंगी, पोर्टल की वजह से बेवजह वक्त जाया करने वाले छात्रों के समय़ का इस्तेमाल बिलकुल सही ढंग से हो पाएगा।
पढ़ाई टूहर द्वार योजना के आधिकारिक रूप से शुरुवात 15 अगस्त 2020 को हुई है।
पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल पर
उपलब्ध कराई गयी सुविधाएं
- साइट पर शिक्षकों के द्वारा ई-क्लास दी जाएगाी।
- पोर्टल पर ऑनलाइन ही स्टडी मटेरियल, वीडियो लेसन, अकेडिमक खेल जैसी सुविधाओं के साथ साथ होमवर्क करने में भी मदद मिल पाएगी।
- साइट पर अध्यापकों को घर से ही पढ़ाने का मौका मिलेगा, वंही छात्र भी घर बैठे ही पढ़ पाएंगे।
- ई-क्लास के जरिए पीछे छूटा सिलेबस कवर कराया जाएगा
- Padhai Tuhar Dwar Portal के लाभ
- पोर्टल के जिरए बच्चो के समय का उचित इस्तेमाल हो सकेगा
- लॉकडाउन में स्कूल बंद होने के बावजदू भी पढ़ाई कर सकेंगे
- छात्र अपना सिलेबस वक्त रहते ही खत्म कर पाएंगे।
- साइट के माध्यम से सभी स्टडी मटेरियल ऑनलाइन होगा जिसकी वजह से कभी देख पाना और स्टडी कर पाना संभव होगा,
- ई-क्लास के होने की वजह से हर पाठ्यक्रम को बार बार देख का सीखा जा सकेगा।
- किसी सवाल का जवाब देने के लिए शिक्षकों का सपोर्ट होगा।
- पोर्टल पर वीडियों कॉन्फ्रेंस के जरिए छात्रो को पढ़ाया जाएगा। जिससे छात्रों को भी एक बेहतर अनुभव मिलेगा और इस तरीके से पढ़ाी में रूचि बनी रहेगी।
छत्तीसगढ़ पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल विद्यार्थी पंजीकरण प्रक्रिया | Online Student Registration @cgschool.in
राज्य के वह छात्र जो ऑनलाइन पढ़ाई कर अपने सिलेबस को जल्द से जल्द खत्म करना चाहते हैं तो यह पंजीकरण प्रक्रिया फॉलो करें।
- सबसे पहले आपको Chattisgarh Padhai Tunhar Dwar कि आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। जिसके होमपेज पर ही आपको कई विक्लप दिखाई देंगे।
- होमपेज पर आपको छात्र के लिए पंजीकरण करना है, इसलिए पहले छात्र वाले विक्लप को चुन लें। सहायता के लिए नीचे दिए चित्र का इस्तेमाल करें
- अब क्लिक करते ही आपके सामने एक नया पेज खुलेगा जिस पर आपसे कुछ साधारण सी जानकारी पूछी जाएगी। जानकारी कुछ इस प्रकार होगी जैसी आपको नीचे चित्र में दिखाई दे रही है। यह सारी जानकारी आपको दर्ज करनी होगी।
- जानकारी पूरी तरह दर्ज करने के बाद आपको नीचे की तरफ पंजीयन करें का विक्लप दिखाई देगा, जिसे चुनना होगा, सहायता के लिए आप ऊपर का चित्र देख सकते हैं। इसके बाद आपका पंजीकरण हो जाएगा और आप होम पेज पर लॉग इन कर साइट की सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
छत्तीसगढ़ पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल में शिक्षक पंजीयन प्रक्रिया
प्रदेश के जितने भी शिक्षक छात्रों को पढ़ाने के लिए और देश के विकास में हाथ बटाना चाहते हैं, वह पोर्टल पर पंजीकरण कराने का य तरीका फॉलो कर सकते हैं।
- सबसे पहले आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। साइट पर जाते ही आपको उसके होम पेज पर कुछ विक्लप दिखाई देंगे।
- क्योकि आप शिक्षक है और पढ़ाने के लिए पंजीकरण करा रहे हैं तो आपको “शिक्षक पंजीयन” का विकल्प पर क्लिक करना होगा । सहायता के लिए नीचे दिए चित्र की मदद लें
- इस विक्लप पर क्लिक करते ही आपके सामने एक नया पेज खुल जाएगा। इस पेज पर आपको एक फॉर्म दिखाई देगा जिसमें अपनी जानकारी दर्ज कर अपना पासर्वड भी बनाना होगा। सहाया के लिए चित्र देखें।
- आपको फॉर्म के बिलकुल नीचे पंजीयन का विक्लप दिखाई देगा। आपको इस विक्लप पर क्लिक करना है। सहायता के लिए ऊपर दिए चित्र भी देख सकते हैं।
- पंजीकरण हो जाने के बाद आप साइट के होम पेज के जरिए ही लॉग इन कर पढ़ाना शुरू कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ पढ़ई तुंहर दुआर – अब घर बैठ के पढ़ें
केंद्र सरकार द्वारा 21 दिन का पूरे देश में लॉकाडाउन किया गया था, जो आगे भी बढ़ाया गया ह, इस लॉकडाउन में सभी शैक्षणिक संस्थाओं को भी बंद कर दिया गया था। जिसके चलते बच्चों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हो रहा है, इन छात्रों की पढ़ाई में कोरना के चलते अब और नुकसान न हो इसलिए ही इस पोर्टल की शुरूआत की गई है।
Chattisgarh Padhai Tunhar Dwar Portal का इस्तेमाल करने के लिए इस पर खुद का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। रिजस्ट्रेशन करने के बाद ई-क्लास से लेकर, अकैडमिक खेलों तक सारी सुविधाओं का लाभ उठा पाना संभव होगा।पोर्टल के जरिए स्कूली छात्र अपने सिलेबस को बड़ी आसनी से कवर कर पाएंगे जो अभी बहुत पीछे चल रहा है। पोर्टल पर कक्षा 1 से लेकर 12 वी और कॉलेज के सभी विषयों की पढाई कर पाना संभव होगा। अब तक पढ़ई तुंहर दुआर पोर्टल पर करीब 2456443 बच्चों का और 205825 शिक्षकों का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। अब प्रदेश सरकार की यही कोशिश होगी कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इस पर जोड़ा जाए ताकी सभी ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अपने समय का उचित इस्तेमाल कर पाएं।
पोर्टल पर जा कर कोई भी छात्र एंव शिक्षक अपना रजिस्ट्रेशन स्वंय करा सकता है। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन में किसी तरह की कोई समस्या ना आए इस बात का ध्यान हम रखेंगे, और आपको पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया बताएंगे।
छत्तीसगढ़ में पढ़ाई तुहार द्वार के समक्ष चुनौतियां
- असिमित सूचना प्रौद्योगिकी का विस्तार
पहले ही राज्य साक्षरता में पिछड़ी होती है तो स्थानीय निवासी नवीन विचारों सूचना प्रौद्योगिकी व तकनीकी को सहज रूप से नहीं अपना पाते हैं और यह शिक्षा प्रणाली की सबसे बड़ी चुनौती होती है छत्तीसगढ़ के हर व्यक्ति के पास मोबाइल या कंप्यूटर जैसे साधनों इंटरनेट के पहुंच में ना हो पाना जो कि छत्तीसगढ़ जैसे बड़े और तकनीकी रूप से कम कौशल वाले राज्य में एक जटिल व्यवहारिक समस्या है।
- सुदृढ़ नेटवर्क एवं बिजली पहुंच की कमी
छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्र अभी भी बिजली के अभाव से जूझ रहे हैं जो कि इंटरनेट या कंप्यूटर शिक्षा प्रणाली का आधार है जिससे यह समस्या और भी गंभीर हो जाता है।
- कौशल युक्त शिक्षकों की कमी
पढ़ाई टूहर द्वार में उच्च गुणवत्ता ,उच्च कौशल युक्त शिक्षक की आवश्यकता होती है क्योंकि यह प्रणाली व्यावहारिक शिक्षा प्रणाली से काफी जटिल होती है तथा इस शिक्षा प्रणाली से सुचारू संचालन के लिए उच्च क्षमता वाले तकनीकी अधोसंरचना को विकसित करने की आवश्यकता होती है जो कि काफी महंगा होता है।
- सभी विद्यार्थियों के सीमा से बाहर होना
इन तमाम पहलुओं पर नजर डालने के बाद हम कह सकते हैं कि छत्तीसगढ़ जैसे बड़े विकासशील और विविधता वाले राज्य में इस शिक्षा प्रणाली को हर छात्र तक पहुंचा पाना आव्यवहारिक लगता है, क्योंकि अभी भी राज्य के 39 प्रतिशत जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करती है।
पढ़ाई टूहर द्वार में शिक्षकों का योगदान
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पढ़ाई टूहार द्वार योजना का शुभारंभ किया गया जिसमें सभी शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाने का निर्देश दिया गया। शिक्षकों द्वारा बच्चों को इस ऑनलाइन प्लेट फार्म से पढ़ाने के लिए सबसे पहले खुद प्रशिक्षित होकर बच्चों को घर-घर जाकर बच्चों का सीजी school.in में पंजीयन कराना सिखाया फिर ऑनलाइन कैसे क्लास अटेंड किया जाए बताया गया।
फार्म में ऑनलाइन क्लास अटेंड करने वाले विद्यार्थी की संख्या कम थी फिर धीरे-धीरे बढ़ने लगा फिर भी ऑनलाइन क्लास में बच्चों के सामने बहुत बड़ी बाधा थी सभी बच्चों के पास मोबाइल उपलब्ध नहीं था जिसके कारण सभी बच्चे आलम शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रहे थे। इसी तारतम्य में शिक्षकों द्वारा पढ़ाई तूहार द्वार के लिए निम्न नवाचार के माध्यम से बच्चों को जोड़े रखने का सतत प्रयास किया।
पारा टोला क्लास का शुभारंभ, फ्रीकॉन्फ्रेंसकॉल की शुरुआत, मिजिकाल गुरुजी शंका समाधान के लिए, मोबाइल शैक्षिक क्लिनिक, गूगल फार्म से बच्चों का आकलन व अन्य कार्य।
बच्चों को विभिन्न तरीकों से शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न शैक्षिक मॉडल की शुरुआत किया गया जिसमें सर्वप्रथम पारा टोला कक्षा जो शिक्षकों द्वारा शैक्षिक रूप से प्रारंभ किया गया जिसे सरगुजा बस्तर बलरामपुर आदि जिलों में सर्वप्रथम शिक्षकों द्वारा इस योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना में कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए शिक्षकों द्वारा स्वैच्छिक रूप से पारा टोला क्लास का सफल संचालन किया जा रहा है आज राज्य के लगभग सभी जिलों में आप लाइन कक्षा संचालित हो रहा है जिसमें अक्टूबर माह से बच्चों का आकलन भी किया जा रहा है।
नीति आयोग ने सराहा पढ़ाई टूहर द्वार को
छत्तीसगढ़ शासन के ऑनलाइन ऑफलाइन शिक्षा का सराहना नीति आयोग ने किया है क्योंकि छत्तीसगढ़ एक पूरे देश में ऐसा राज्य है जहां शिक्षा का कार्य स्कूल कॉलेज बंद होने के बाद भी किया जा रहा है शिक्षकों द्वारा मोटरसाइकिल गुरुजी, सिनेमा वाले बाबू, सिनेमा वाले दीदी, आदि नाम से छत्तीसगढ़ में शिक्षा बच्चों को घर घर उपलब्ध कराया जा रहा है।
"पढ़ाई टूहर द्वार" ई शिक्षा का दूसरा पहलू
ई शिक्षा तकनीकी उपलब्धता पर आधारित है।जहां एक और विद्यार्थी को दूरसंचार के तरीकों से जोड़कर इसे प्राप्त किया जा सकता है तो वहीं पर विद्यार्थी इन गतिविधियों में शामिल होकर अध्ययन कर रहे हैं और उसे व्यवहारिक रूप से समझ पा रहे हैं। इसका परीक्षण करना सरल नहीं है।कई संदर्भों में कंप्यूटर मोबाइल इंटरनेट के दुरुपयोग भी विद्यार्थियों के मस्तिष्क एवं उनके समझने की क्षमता को प्रभावित करता है। परंतु दृढ़ इच्छाशक्ति सरकारी या जन सहयोग से ई शिक्षा प्रणाली को राज्य में सुव्यवस्थित रूप से स्थापित किया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में पढ़ाई टूहर द्वार की संभावनाएं
छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दशकों से संचार तकनीकी ने भी अभूतपूर्व प्रयास किए हैं। छत्तीसगढ़ में केंद्र पर आयोजित डिजिटल इंडिया, भारत नेट, डिजिटल लाइब्रेरी जैसे अभिनव प्रयास पहले ही जारी है। इससे राज्य में ई शिक्षा पढ़ाई टूहर द्वार की संभावनाओं को और अधिक बल मिल रहा है।साथ ही साथ राज्य सरकार की समुचित प्रयास हों जिनमें छत्तीसगढ़ संचार क्रांति योजना निशुल्क मोबाइल वितरण कार्यक्रम भारत नेट इत्यादि के परिणाम स्वरूप आज राज्य के दूरस्थ व पिछड़े क्षेत्र संचार क्रांति को बढ़ावा मिल रहा है।
सरकारी प्रयास के परिणाम स्वरूप सरकारी स्कूलों व पिछड़े क्षेत्रों आधुनिक की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय सूचना केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं तथा प्राथमिक शाला स्तर से छात्रों को कंप्यूटर मोबाइल शिक्षा का ज्ञान दिया जा रहा है।वर्तमान परिदृश्य में देखें तो वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण ने हमें राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों के प्रयास को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव श्री आलोक शुक्ला जी द्वारा जो शिक्षक लगातार ऑनलाइन क्लास पारा टोला क्लास बोल तू के बोल आदि कक्षा संचालित कर रहे हैं उन्हें सत सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया जिससे शिक्षकों के योगदान को प्रोत्साहन मिला जिसके कारण शिक्षक इसको भी नौ के दौर में भी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नित नए प्रयोग कर रहे हैं। वर्तमान में ऑनलाइन क्लास हुआ ऑफलाइन क्लास के असेसमेंट कार्य के लिए भी फरवरी माह में शिक्षकों को सत सम्मान पत्र देने की घोषणा किया गया है। इन सभी कारणों से विदित होता है कि पढ़ाई तू हर द्वार योजना का सफल क्रियान्वयन होने की अपार संभावना है है।
शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव श्री आलोक शुक्ला ने शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे 1 माह तक छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिला में जिला के आला अधिकारियों के साथ पारा टोला क्लास का निरीक्षण किया गया और उनके इन प्रयासों को सराहना किया गया। की शिक्षा क्षेत्र में अभिनव प्रयासों को करने के लिए प्रेरित किया है राज्य सरकार द्वारा संचालित योजना पढ़ाई टूहर द्वार नामक योजना उल्लेखनीय है।जिसमें छात्रों को उनके निवास स्थान में ही इंटरनेट या लाइव वीडियो के जरिए अध्यापन कराया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों के प्रयास को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव श्री आलोक शुक्ला जी द्वारा जो शिक्षक लगातार ऑनलाइन क्लास पारा टोला क्लास बोल तू के बोल आदि कक्षा संचालित कर रहे हैं उन्हें सत सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया जिससे शिक्षकों के योगदान को प्रोत्साहन मिला जिसके कारण शिक्षक इसको भी नौ के दौर में भी बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए नित नए प्रयोग कर रहे हैं। वर्तमान में ऑनलाइन क्लास हुआ ऑफलाइन क्लास के असेसमेंट कार्य के लिए भी फरवरी माह में शिक्षकों को सत सम्मान पत्र देने की घोषणा किया गया है। इन सभी कारणों से विदित होता है कि पढ़ाई तू हर द्वार योजना का सफल क्रियान्वयन होने की अपार संभावना है है।
शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव श्री आलोक शुक्ला ने शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए पूरे 1 माह तक छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिला में जिला के आला अधिकारियों के साथ पारा टोला क्लास का निरीक्षण किया गया और उनके इन प्रयासों को सराहना किया गया।
निष्कर्ष
28 जुलाई 2020 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी डिजिटल शिक्षा पर भारत रिपोर्ट में राज्य और संघ राज्य क्षेत्रों की शिक्षा विभाग द्वारा घर पर बच्चों के लिए सुलभ एवं समावेशी शिक्षा सुनिश्चित करनेतथा उनके सीखने के क्रम में आने वाली बाधाओं को दूर करने हेतु अपनाए गए अभिनव तरीकों का वर्णन किया गया जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य के पढ़ाई toohar द्वार को भी उल्लेख भी उल्लेखनीय बताया गया है।
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