कोरो ना
कोविड-19 महामारी की शुरुआत आधिकारिक तौर पर जनवरी 2020 चीन के वुहान शहर से हुई जो आज वैश्विक महामारी का रूप ले लिया है। इससे सभी प्रकार के गतिविधियां प्रभावित हुई है विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक आपातकाल घोषित करते हुए विश्व के अधिकांश देशों में इसके संक्रमण को स्वीकार कर लिया है। इस महामारी का अब तक कोई प्रभावी इलाज या टीके का खोज नहीं हुई है।निरंतर वैक्सीन के चरण दर्ज चरण प्रयोग किए जा रहे हैं लेकिन किसी भी देश के वैक्सीन को वैश्विक मान्यता नहीं दी गई है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि आज संपूर्ण जीव जगत के लिए यह त्रासदी बनकर सामने आई है।
ऋषि-मुनियों ने कहा है"पहला सुख निरोगी काया"अर्थात जीवन में पहला सुख अगर है तो वह निरोगी शरीर है।
- नामकरण
यह एक rna वायरस है जो उत्परिवर्तन और पुनर संयोजित होकर नए उप भेदों को उत्पन्न करने में सक्षम है फार्म हमें इस महामारी को आई स्थाई नाम नोबेल कोरोनावायरस का अस्थाई नाम दिया गया एवं सार्स वायरस परिवार से समानता के कारण इसे सार्स कोव-2 नाम दिया गया।अमेरिका के राष्ट्रपति ने चीन के ऊपर दोषारोपण करते हुए इसे चीनी व वहान वायरस नाम दिया गया जिसे डब्ल्यूएचओ ने अस्वीकार करते हुए कोविड-19 नाम दिया गया है।
आफत में डाला है दुनिया कोलोग तेरा नाम से डर रहे हैं।तुझ से संक्रमित होने वालेअनगिनत लोग मर रहे हैं।
- वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
वैश्वीकरण की इस दुनिया में विश्व के सभी अर्थव्यवस्था एक दूसरे से जुड़ी है। अतः यदि कोई भी बड़ी अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है तो उसका असर पूरे विश्व पर पड़ता है कोरोनावायरस के कारण कुछ ऐसी ही स्थिति देखी जा रही है क्योंकि इसके कारण अमेरिका और चीन की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देश में रहने वाले दुनिया के दो तिहाई लोगों को अभूतपूर्व आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है।
अमेरिका में 2008 में आई मंदी जितना प्रभाव इस वैश्विक महामारी के कारण देखने को मिल रहा है। ज्ञातव्य है कि अमेरिकी बाजार में 12% से अधिक गिरावट आई है।
एडीबी के अनुसार पूरी दुनिया को 0.1 जीडीपी से 0.4 % जीडीपी का नुकसान हो सकता है।
लॉकडाउन के कारण 1.5% जीडीपी में गिरावट आई है|
- वैश्विक गरीबी में वृद्धि
इस महामारी में सर्वाधिक निम्न आय वर्ग या गरीब को प्रभावित किया है इनके लिए रोजगार के अवसर समाप्त हो गए। अमेरिका जहां 3.5 करोड़ लोग बेरोजगार हो गए वहीं भारत में आठ करोड़ प्रवासी मजदूर को इस महामारी के कारण शहर से अपने रोजगार छोड़कर अपने ग्रामीण क्षेत्र में चले गए।
- राजनीतिक प्रभाव
वैश्विक महामारी के दोषारोपण में चीन को केंद्र में रखा गया और धीरे-धीरे विकसित देश आरोप-प्रत्यारोप को बढ़ाते हुए गंभीर मतभेद की स्थिति में पहुंच चुका है। चीन व अमेरिका शीत युद्ध की स्थिति में पहुंच चुका है वहीं अमेरिका संरक्षण वादी नीति के तहत नए वैश्विक संबंध स्थापित कर रहा है।
- मनोवैज्ञानिक प्रभाव
कोरोनावायरस के कारण सामाजिक संपर्क आदि में ना जाने के कारण मनुष्य डिप्रेशन में पहुंच चुका है। साथ-साथ आर्थिक स्थिति में एकाएक कमी आने से आत्महत्या की घटना बढ़ रही है।
- कोविड-19 नियंत्रण हेतु अंतरराष्ट्रीय प्रयास
कोविड-19 के नियंत्रण हेतु विश्व के सभी वैज्ञानिक पीके के निर्माण में लगा हुआ है लेकिन उनके द्वारा किया गया प्रयास निरर्थक होते नजर आ रहे हैं। कोविड-19 का कोई अंतरराष्ट्रीय सीमा नहीं है तथा कोविड-19 महामारी ने सभी देशों की अंतर संबंध तथा कमजोरियों को उजागर किया है अतः इस महामारी से लड़ने के लिए पारदर्शी, मजबूत, व्यापक स्तरीय तथा विज्ञान आधारित वैश्विक प्रतिक्रिया के साथ एकजुटता की भावना की आवश्यकता है।
- कोविड-19 के नियंत्रण हेतु केंद्र व राज्य सरकार का प्रयास
आत्म निर्भर भारत अभियान 12 मई 2020
भारत सरकार द्वारा आई इस मंदिर से निपटने के लिए वित्त मंत्री की अध्यक्षता में वित्तीय कार्यवाही बल का गठन किया गया। 12 मई 2020 को सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा जिसके बिंदु निम्न है
(1)कोरोनावायरस के संक्रमण के इलाज में लगे डॉक्टर पैरामेडिकल कर्मियों को ₹5000000 प्रति परिवार का बीमा कवर दिया जाएगा।
(2) 80 करोड़ परिवार को अतिरिक्त 5 किलो गेहूं आवाज के साथ साथ 1 किलो दाल 3 महीने मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा।
(3) जरूरतमंद लोगों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड रुपए की घोषणा की गई है।
(4) प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत 8.69 करोड़ किसान को अप्रैल के पहले सप्ताह में दो 2000 के अनुग्रह राशि की घोषणा किया गया।
(5) कर्मचारियों को भविष्य निधि खाते से 75% जमा राशि अथवा 3 महीने के वेतन में जो कम हुए हैं उसे निकालने की अनुमति।
निष्कर्ष भारत सरकार को लगातार विकास की गति का अवलोकन करने की आवश्यकता है साथ ही चीन पर निर्भर भारतीय उद्योग को आवश्यक समर्थन एवं सहायता प्रदान करनी चाहिए।कोरोनावायरस जैसे गंभीर रोगों की पहचान प्रभाव प्रसार एवं रोकथाम पर चर्चा अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा की जानी चाहिए ताकि इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सके।
"घर पर रहे सुरक्षित रहे"
को - कोई
रो - रोड पर
ना -ना निकले
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