*सरकारी( प्राथमिक शाला सकरेली )स्कूलों में आपका स्वागत है*
*अभिभावकों* से अनुरोध है वे *सरकारी स्कूल* में अपने बच्चों को *प्रवेश* दिलाएं। 8 वीं कक्षा तक कोई *प्रवेश* या *मासिक* फीस नहीं है । *उत्तम शिक्षण* है । *योग्य शिक्षक* उपलब्ध हैं । *छत्तीसगढ़ पाठ्यक्रम* , *अच्छे भवन* , *पर्याप्त फर्नीचर* , *निशुल्क यूनिफार्म* , *पुस्तकें*, *साईकिल*, *छात्रवृति*, *मिड डे मील*,साप्ताहिक परीक्षा, साप्ताहिक गतिविधि आधारित शिक्षा, व्वशायिक शिक्षा, प्रतिवर्ष शैक्षिक भ्रमण,सहायक सामग्री से पढ़ाई, बाल फिल्म का प्रदर्शन , सांस्कृतिक मंच और वार्षिक उत्सव का आयोजन, *आपके घर के निकट* ही हैं इसलिए कोई *वाहन शुल्क* नहीं।
आपके पास ज्यादा पैसा है तो *सरकारी स्कूल* में डोनेशन* दे दें तो और *अधिक सुधार* आ जायेगा।
एक बार *हम पर*, *हमारे स्कूलों* पर *विश्वास* करके तो देखें। *पुरानी पीढ़ी* भी इन *सरकारी स्कूलों* में पढ़ी है । *क्या वह किसी से कम है।* 9 वीं कक्षा के बाद *मामूली फीस* है । *अभिभावकगण* बेवजह सरकार पर दवाब बना रहे हैं कि निजी स्कूलों पर फीस कम करने को कहे । सरकार ने तो उनके सामने *सर्वसुविधायुक्त सरकारी स्कूलों* में प्रवेश का विकल्प दे रखा है । यदि अभिभावक निजी स्कूलों की *कार्यप्रणाली* से खुश नहीं है तो हमारे *शासकीय स्कूलों* में उनका *स्वागत* है । हम *बड़े -बड़े विज्ञापन अखबार* में नहीं देते । *अपनी प्रशंसा स्वयं नही करते। सरकारी स्कूलों का नेटवर्क देश के छोटे से छोटे गांव में है। पूरी पारदर्शिता है इसलिए हमारे स्कूलों की आलोचना कोई भी कर सकता है। अखबार के पन्नों में केवल हमारी बुराई ही छपती है पर आप केवल एक बार सेवा का अवसर दें तो आप हमारी अच्छाइयों से भी परिचित हो जाएंगे।* आज भी देश के करोड़ों बच्चे सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी हैं , जो निजी स्कूलों से अधिक ही हैं ।
*नए सत्र से हम भी कंप्यूटर शिक्षा शुरू करने जा रहे हैं।
प्रधानपाठक एवं समस्तशिक्षक गण
शासकीय प्राथमिक शाला सकरेली बा
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