जानिए SDM के कौन-कौन से कार्य होते हैं?
1. राजस्व सम्बन्धी कार्य-
SDM का सबसे महत्वपूर्ण कार्य राज्य के भूमि अभिलेखों के सभी ब्यौरों का देख रेख करना, भूमि का सीमांकन एवम् म्यूटेशन कार्य SDM की अनुमति से ही किया जाता है।
2- प्रमाणपत्र संबंधी कागज़ात जारी करना –
SDM पर अत्यधिक कार्यभार होता है वह नागरिकों के लिए जरूरी प्रमाणपत्र जारी करता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग को प्रमाणित वैधानिक प्रमाण पत्र ज़ारी करता है। अचल संपत्तियों के दस्तावेजों का पंजीकरण करना भी SDM का ही दायित्व होता है।
3- निर्वाचन सम्बन्धी कार्य –
SDM का सबसे महत्वपूर्ण कार्य निर्वाचन के समय उप प्रभागीय क्षेत्र में होने वाले चुनाव को पारदर्शिता पूर्ण आयोजित कराना विधानसभा चुनाव के समय इन्हें सर्वोच्च शक्ति प्राप्त होती है। SDM ही राज्यों में लोकसभा और विधानसभा के सदस्यों का चुनाव करवाते हैं। निर्वाचन के समय मतदाताओं की पहचान कर मतदाता सूची जारी करवाने का दायित्व भी इन्ही का काम होता है।
4- मजिस्ट्रेट सम्बंधित कार्य–
SDM दंड प्रक्रिया सहिंता 1973 के तहत धारा निवारक का संचालन करते हैं। SDM चाहे तो शादी के बाद 7 साल के अंदर किसी भी महिला की मौत होती है तो वह इस विषय पर खुल के पूछताछ करने के लिए स्वतंत्र होता है
5- विवाह पंजीकरण संबंधित कार्य –
SDM द्वारा प्रभागीय क्षेत्र के अंतर्गत होने वाले समस्त विवाहों का पंजीयन करवाने का कार्य इन्ही के हाथो में होता है। विवाह संबंधी पंजीयन एक निश्चित समय सीमा के अंतर्गत करवाना अनिवार्य होता है।
6- अवशिष्ट सम्बंधित कार्य:-
एसडीएम के द्वारा अन्य अनेक कार्य किए जाते हैं जिसके अंतर्गत आपातकालीन संबंधी घटनाओं से जानमाल की रक्षा करने हेतु उचित उपाय करना। यातायात व्यवस्था प्रभावित क्षेत्र में बनाए रखना किसी घटना में मृत्यु होने पर मुआवजा प्रदान करना प्रभावी स्तर पर कर्मचारियों पर नियंत्रण रखना एवं अन्य अनेक ऐसे कार्य हैं जो वह समय-समय पर निर्वहन करता है।
7- उपप्रभागीय मजिस्ट्रेट –
उप मंडल मजिस्ट्रेट सहायक संग्राहक और राजस्व सहायक के रूप से नामित होता हैं। SDM के ऊपर प्रतिदिन
राजस्व सम्बंधित कार्यों की भी ज़िम्मेदरियाँ भी होती हैं।
Nitin Shakya
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