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 *फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास एक वरदान*

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फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास कीपैड फोन वाले बच्चों के लिए वरदान है क्योंकि इसके माध्यम से उन बच्चों को मिल रहा ज्ञान है ।

करने जा रही हूं मैं अपने विचारों का अर्पण टॉपिक है मेरा फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास समर्पण।

जब से फैला हमारे देश में कोरोनामहामारी,बंद हो गए तब स्कूल कॉलेज और दी गई हमको ऑनलाइनक्लास की जानकारी।

जब हम ऑनलाइन क्लास लिया करते थे तब कम बच्चे क्लास में जुड़ा करते थे।

कभी होती थी नेटपैक की समस्या उनके पास में,तो कभी होता नहीं था एंड्राइड मोबाइल कुछ बच्चों के पास में।

जहां थमा नहीं कोरोना महामारी,

वहां कुशल शिक्षाविदऔर तकनीकी कार्य कुशलता में पारंगत समर्पित शिक्षकों ने किए नई - नई तैयारी।

दिन रात मेहनत किया उन्होंने इसी आस में कि बिना एंड्राइड फोन वाले बच्चे कैसे जुड़ेंगे क्लास में ???????????

आज उनकी मेहनत है रंग लाई 

कि कीपैड वाले बच्चे भी अब फ्री कॉन्फ्रेंस में जुड़कर कर रहे हैं पढ़ाई।

जिनके अथक परिश्रम और खोज से फ्री कॉन्फ्रेंस ऐप (क्लास) जांजगीर जिले में आया ।जो सोचते हैं हमेशा बच्चों का हित जी....वे हैं तकनीकी कुशल शिक्षाविद श्री आर के जल तारे और श्री दीपेश पुरोहित जी....

जिनके द्वारा हमारे  जांजगीर   जिले में हुआ फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास का संचालन जी....वह हैं हमारे जांजगीर डाइट प्राध्यापक श्री यू के रस्तोगी जी,......

बच्चों के खातिर समर्पित हैं शिक्षक और स्वरुचि से करते हैं अपने ज्ञान का अर्पण,इसलिए नाम दिया गया इसको फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास समर्पण।

फिर जांजगीर समर्पण ग्रुप का विकास खंड स्तर पर विभाजन किया गया।और प्रत्येक विकासखंड में फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास के संचालन हेतु विकासखंड प्रभारियों का आयोजन किया गया।

फ्री कॉन्फ्रेंस ऐप के विषय में जिनके द्वारा दिया गया हम  सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण जी....

वे हैं हमारे विकास खंड प्रभारी श्री सुरेश पांडे और श्री मुकुंद कृष्ण पांडे जी........

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*मेरा फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास का अनुभव*

अब मैं फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास के गुण गा रही हूं।जो है मेरा अनुभव क्लास का वह बताने जा रही हूं।

जब से मैंने फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास शुरू किया हैं अब ज्यादा बच्चे जुड़ते हैं क्लास में और बच्चों ने क्लास में बहुत रुचि लिया है।

जब मैं क्लास लेती हूं,तब बच्चे स्वयं से सीखे यही सोच करउनको चुनौती देती हूं।

लेते हैं बच्चे चुनौती और पूरा करके दिखाते हैं।बढ़ता है बच्चों का आत्मविश्वास दोगुना जब वह खुद से पाठ पढ़ कर सुनाते हैं।

अब पालकों को नहीं होती है फोन रिचार्ज की समस्याऔर ना ही होते हैं नेट पैक को लेकर परेशान| फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास का अब पालक भी करते हैं गुणगान।

कहते हैं मैडम जी जब से फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास का चलन हुआ है

तब से हमारे बच्चों में एक नई ऊर्जा और इच्छाशक्ति का जन्म हुआ है।

जब कहते हैं हम बच्चों से क्यों बेटा खेलने नहीं जाना है????

तब कहता है बच्चा नहीं पापा पढ़ना है अभी मुझको कल क्लास में चैलेंज पूरा करके दिखाना है।

अब हर बच्चे स्वयं से पढ़ना लिखना सीख रहे हैं।घूमते फिरते नहीं है बच्चेअब हर बच्चे अपने अपने घरों में पढ़ते लिखते दिख रहे हैं।

अब तो पालकों के मन में बच्चों की पढ़ाई को लेकर ना है कोई चिंता और ना ही उठ रहा कोई सवाल है|

शिक्षक और पालक के दबाव के बिना स्वयं पढ़ रहे हैं बच्चे हर घर में यह फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास और लक्ष्यवेध का ही कमाल है।।

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*मेरी सफलता की कहानी फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास की मेहरबानी*

फ्री कांफ्रेंस समर्पण मंच सक्ती ने मुझे इतना सम्मान दिया मुझे

मेरी काबिलियत के दम पर नायक पद और संकुल ग्रुप लीडर के रूप में  एक नई पहचान दिया।

खुद के लिए मेहनत करना आसान होता है यह बात मैंने  है माना जी...पर दूसरों को मेहनत करने के लिए प्रेरित करना किसी चुनौती से कम नहीं होता यह बात मैंने एक ग्रुप लीडर बनने के बाद है जाना जी...

शुरुआत में मैंने जब  रगजा संकुल ग्रुप में क्लास लेने हेतु शिक्षकों से निवेदन कियाऔर कोई भी सकारात्मक परिणाम नहीं आया।

तब मैंने खुद को हारा हुआ और लाचार पाया।

पर जब मुझे नन्ही सी चींटी की सफलता की कहानी याद आया।

तब मैंने अपना हौसला बढ़ाया।

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती यह मैंने है मान लिया।और अपनी असफलता को चुनौती समझ कर सफल होने का ठान लिया।फिर मैंने संकुल ग्रुपसेसभी शिक्षकोंकानंबरलिखकरसुबह से लेकर शाम तक सभी शिक्षकों को बारी-बारी से फोन किया|

और फ्री  कॉन्फ्रेंस क्लास की खासियत बताकर उन सभी शिक्षकों को क्लास लेने के लिए प्रेरित किया|तब जाकर मुझे मेरी मेहनत का परिणाम मिला।

जब फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास के संचालन हेतु मुझे एक ही दिन में   बारह शिक्षकों का नाम मिला।

अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता एकता से सफलता हासिल होती है|संकुल ग्रुप है मालाऔर ग्रुप लीडर हैंधागा वहां केशिक्षक मित्र जहां के मोती हैं।

जिस प्रकार मोती धागे के बिना और धागा मोती के बिनाअधूरा होता है|ठीक उसी प्रकार शिक्षक मित्र के साथ और सहयोग से हीएक ग्रुप लीडर का कार्य पूरा होता है।

सभी शिक्षक मित्र जैसे-जैसे क्लास लेना शुरू किए फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास की खासियत और अपना अनुभव साझा करते हुए अन्य शिक्षकों को क्लास लेने हेतु प्रेरित किए|

इस प्रकार लक्ष्यवेध के नुस्खों का करते हुए पालन जी .….हमारे  रगजा संकुल में बेहतर ढंग से शुरू हुआफ्री कॉन्फ्रेंस क्लास का संचालन जी.....

जब रगजा संकुल से फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास की संख्या में बढ़ोतरी हुई|तब संकुल ग्रुप लीडर के रूप में मुझे सफलता हासिल हुई|

फ्री कॉन्फ्रेंस क्लास और समर्पण मंच की मेहरबानी कि आज लिख रही हूं मैं अपनी सफलता की कहानी।।

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श्रीमती हेमलता चंद्रा

सहायक शिक्षक( एलबी)

प्राथमिक शाला रगजापारा

संकुल केंद्र -रगजा

विकासखंड -सक्ती

जिला -जांजगीर चांपा(छ०ग०)

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