मेरी सफलता की कहानी
छत्तीसगढ़ राज्य के जांजगीर चाम्पा जिले के अकलतरा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला तरौद में सन्2005 में मेरी पदस्थापना हुई थी। कुछ वर्ष बाद अध्यापन व्यवस्था के तहत मुझे विकासखण्ड के विभिन्न शालाओं में कार्य करने के असवर मिला।
सन् 2016 में शिक्षकों की कमी के कारण अध्यापन व्यवस्था के लिए मुझे मेरी मूल शाला शासकीय प्राथमिक शाला देवकिरारी से प्राथमिक शाला मुड़पार में संलग्न किया गया था। वहाँ मुझे कक्षा दूसरी को अध्यापन कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। जैसा कि मैंने पहले ही बताया था कि इस शाला में शिक्षकों की कमी थी अतः इस कक्षा के विद्यार्थियों का ज्ञान शून्य था क्योंकि इन्हें पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक उपलब्ध नहीं थे। मुझे अध्यापन हेतु स्कूल के बरामदे को दिया गया था जो जर्जर और टूटा फूटा था वहाँ जो ब्लैक बोर्ड बना है वह पूरी तरह से घिस चुका था। मेरे मन मे तरह तरह के सवाल उठ रहे थे मैं घबरा रही थी सोच रही थी कि क्या मैं ऐसी शाला में काम कर पाऊंगी और यह मेरे लिए एक बड़ी चुनौती भी थी जिसका सामना मुझे करना था क्योंकि अब तक मैंने जहां जहाँ कार्य किये वहां सर्व सुविधाएं उपलब्ध थी लेकिन अब मेरा नाता जर्जर और सुविधाविहीन शाला के उन छात्रों से था जिनका पठन पाठन से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं बन पाया थ जो केवल खेलने और मनोरंजन करने के उद्देश्य से शाला आया करते थे।
ऐसी स्थिति में उन छात्रों को पठन पाठन से जोड़ना मेरे लिए चुनौती थी और मेरा उद्देश्य भी था कि मैं उनको बेहतर शिक्षा प्रदान करूँ। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु ऐसी शैली विकसित करना जो छात्रों के मन के अनुकूल हो और जो उनको आकर्षित कर अध्ययन में रुचि विकसित कर सकने में समर्थ बना पाए जो उन्हें खेल तथा मेरे लिए शिक्षा प्रदान करने का साधन बने और वे खेल के माध्यम से हो पाठगत विषयवस्तु को बिना डर भय के सीख जाए और जिसका प्रभाव उनके मस्तिष्क पर स्थायी हो।
मैं उनके साथ विनम्र व्यवहार कर उनके मन को जीत लिया बच्चे बिना डर भय के मुझसे अपनी समस्या को बताने लगे। सबसे पहले काम यही किया मैंने वहाँ।
अध्यापन लिए मैंने नवाचार का मार्ग चुना जिसके माध्यम से मैंने उनके मन में पठन पाठन के प्रति रुचि जागृत की।इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए मैंने कक्षा में साज सज्जा की फ्लेक्सि बनवाकर चिपकाई, क्रिएटिव कार्नर बनाई, प्रिंटरीच वातावरण तैयार की। खुद भी वाल पेंटिंग की ताकि कक्षा का वातावरण बच्चों को आकर्षित करे।
विषयवस्तु को रोचक बनाने के लिए खेलविधि , रोलप्ले, नाट्य शैली, क्राफ्ट वर्क, गीत ,कविता कहानी का निर्माण, स्वयं के खर्च से पाठ की समझ बनाने के लिये टी.एल.एम. का निर्माण, मोबाइल टेलीविजन( मनोज लाकरा सर जी हरियाणा द्वारा प्रदत्त) का प्रयोग जैसी गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान की जिसका प्रभाव शीघ्र ही परिलक्षित भी हुआ। इस तरह अपने नवाचार के माध्यम से उनको प्रोत्साहित कर सीखने की ओर आगे बढ़ाया जिसमें मुझे सफलता मिली।
मेरा अगला लक्ष्य इस शाला को कॉन्वेंट स्कूल जैसा स्वरूप प्रदान करना था जिसके लिए एक बड़ी राशि की आवश्यकता थी।
किंतु स्वयं के व्यय से बच्चों को टाई, बेल्ट जूते मोजे एवं स्वेटर उपलब्ध करवाई। इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच सत्यमेव जयते यूएसए के फाउंडर आदरणीय ओम वर्मा जी ने न केवल आगे बढ़कर स्वयं मुझे आर्थिक सहायता प्रदान किये अपितु समय समय पर मेरा हौसला अफजाई भी करते रहते है। कुछ सहयोग मारवाड़ी महिला मंच अकलतरा द्वारा भी प्राप्त हुआ था।
प्रार्थना सभा को मनोरंजक बनाने के लिए मैंने स्वयं के व्यय से पी. टी. ड्रम खरीदा। ब्लैक बोर्ड के स्थान पर ग्रीन बोर्ड व्हाइट बोर्ड उपलब्ध करवाई।इस प्रकार मैंने प्राथमिक शाला मुड़पार में कॉन्वेंट स्कूल का ढांचा तैयार किया।
बच्चों के मानसिक विकास के साथ साथ शारीरिक विकास हो इसके लिए बच्चों को खेल सामग्री उपलब्ध करवाई जिससे छात्रों का सर्वांगीण विकास हो सके।
छात्रों में राष्ट्र प्रेम की भावना के विकास एवं भारतीय संस्कृति एवं परम्परा से उनको अवगत कराने के उद्देश्य से शाला में महापुरुषों की जयंती, दिन विशेष (जैसे जल दिवस, मृदा संरक्षण दिवस, पर्यावरण दिवस, रक्तदान दिवस, आदि) बालदिवस, या अन्य त्यौहारों राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सवों के अवसर पर विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमें छात्र बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है। कार्यक्रम उपरांत बच्चों प्रोत्साहित करने के लिए स्वयं के व्यय से उनको पुरस्कार प्रदान करती हूं।
कक्षा के बच्चों का जन्मदिन मानना माह भर में जिस जिस बच्चे का जन्मदिन आता है उन सभी का जन्मदिन मनाया जाता है एवं उनको उपहार प्रदान किया जाता है।
शाला में उपस्थिति एवं दाखिला बढ़ाने के लिए जरूरी था अभिभावकों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ना जिससे वे अपने बच्चों को शाला भेजे एवं शिक्षा के महत्व को जाने व समझे। बच्चों के प्रति माताओं को जागरूक करने के लिए मैंने एवं पहल शुरू की माह भर में जो छात्र पढ़ाई स्वच्छता एवं क्रिएटिविटी में अच्छा प्रदर्शन करता/ करती उनके माताओ को सम्मानित करती इससे माताएं अपने अपने बच्चों के शिक्षा एवं स्वच्छता के प्रति जवाबदेही हुए। शाला में मातृ पितृ सम्मेलन का बीबी आयोजन किया जाता है जिससे माता एवं पिता दोनों अपने बच्चों के शिक्षा के लिए जागरूक बने।
ग्रामवासियों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्वच्छता रैली निकाली एवं स्वच्छता के महत्व को ग्रामवासियों को बताई एवं अपने आस पास को स्वच्छ रखने की सभी से अपील भी किया गया।
पालको को शाला में बच्चों के अध्ययन , गृहकार्य के अलावा और पढ़ाई की जानकारी के लिए फीड बैक प्रपत्र भरकर पालको से हस्ताक्षर करवा कर लाने की परपंरा शुरू की यह कार्य वर्ष भर शाला दिवस तक चलता रहा।
इसके अलावा शाला में होने वाले विभिन्न प्रकार के परीक्षा में बच्चों के प्रदर्शन से पालको को अवगत कराने के लाये ओपन डे का आयोजन किया जाता है जिससे पालको एवं बच्चों को उन्होंने कहाँ पर गलतियां की एव उनका प्रदर्शन कैसा है इसकी जानकारी पालको को होती है।
इस प्रकार मैंने अपने गतिविधि आधारित शिक्षण पद्धति के माध्यम से अंग्रेजी जैसे कठिन विषय को भी आसान बनाया और जिसके परिणाम स्वरूप मेरे छात्र अंग्रेजी में वार्तालाप कर पाने में सक्षम हो पाए है।
नेशनल ह्यूमेन वेलफेयर कॉउंसिल ने मुझे विभिन्न प्रकार के अवार्डों जैसे प्राइड ऑफ इंडिया, इंडियाज ग्रेट लीडर्स अवार्ड, भारत श्री, प्रेरणा अवार्ड से सम्मानित किए है। अंतर्राष्ट्रीय मंच जैसे सत्यमेव जयते यूएसए के फाउंडर ओम वर्मा जी एवं यूगांडा (अफ्रीका) आदर्श शिक्षा एवं संस्कार के संस्थापक अंतर्राष्ट्रीय समाज सेवक डॉ सोडान सिंह तरार जी द्वारा मेरे कार्यों को सराहना करते है व मुझे सम्मानित भी किये है। राज्य स्तर पर मेरे कार्यो के लिए मुझे मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है।
अब स्थान्तरित होकर शाला शासकीय प्राथमिक शाला खिसोरा में आ गयी हूँ। जहाँ मुझे पुनः नई शुरुआत करनी है और मैं इसके लिए कटिबद्ध भी हूँ। बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करने हेतु।
आप सभी का मुझे भरपूर सहयोग मिला एव सदा मुझे प्रोत्साहित किये उसके लिए आप सबका हृदय से आभार। साथ ही प्रार्थना है कि आप सभी का साथ यूं ही बना रहे।धन्यवाद
अर्चना शर्मासहायक शिक्षक
शासकीय प्राथमिक शाला खिसोरा
विकासखण्ड अकलतरा
जिला जांजगीर चाम्पा छत्तीसगढ़
मो. , 8518989171
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