“कागज ,मिट्टी, से रचनात्मक कार्य"
कागज रचना ज्ञान,को बाँटें |
झूमर मेंढक खिलौना तितलियां ,नाच नचाता मोर||
बच्चों में कौशल का ,हुआ बहुत विकास|
भीषण संकट काल में, काम किया है खास|
।।कार्य का विवरण ।।
सीखना सिखाना जब एक जुनून बन जाती है , तब कागज का एक टुकड़ा भी बहुत कुछ कह जाती है।
इस कोरोना महामारी के दौर में जब सभी स्कूल बन्द है ऐसे में बच्चो को पढ़ाना एक कठिन चुनौती का कार्य रहा है। ऐसे में क्या किया जाए इस सोच के साथ सर्वप्रथम घर पर ही शैक्षिक विडियो बनाकर बच्चो को भेजना पश्चात ऑनलाइन ,ऑफलाइन कक्षाएं प्रारंभ की गई तो देखा गया ज्यादा बच्चे रुचि नहीं ले रहे थे। तब मैंने देखा कि कुछ बच्चे गली सड़क में कागज से खिलौना बनाकर खेल रहे थे तभी मेरे मन में एक विकल्प आया और इस विप्पत्ति आपदा काल को अवसर में बदलने के लिए मैंने कुछ नया करने का सोचा । जिसमे खर्च कम हो और बहुत ही आकर्षक व रुचिकर के साथ साथ जीवन उपयोगी भी हो और अधिक से अधिक बच्चे नियमित रूप से जुड़े । इसलिए कोर्स के साथ मैंने रचनात्मक कार्य को शिक्षण में शामिल किया।
इसके अन्तर्गत कागज से रचनात्मक कार्य जैसे *झूमर, हवाई जहाज, पानी जहाज, मेंढ़क*, तरह तरह के फूल, तितली , पतंग ,कार्टून्स ,लिफाफा, एवम् अन्य सजावट के सामान आदि बनाना अपने शिक्षक मित्रो के मदद से सिखाया और मिट्टी से मूर्ति निर्माण कला , नवरात्रि में थाली सजावट कार्यक्रम , मा दुर्गा का झाकी प्रस्तुतीकरण, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता, गांधी जयंती पर स्वक्षता कार्यक्रम,महनदी प्रतियोगिता , बाल सभा का कार्यक्रम, इसका उद्देश्य कागज और मिट्टी से रचनात्मक कार्य सीखने के साथ साथ उनका प्रयोग शिक्षण में सहायक शिक्षण सामग्री के साथ पाठ को रोचक बनाने, कहानी बोलने तथा दैनिक जीवन में उनका उपयोग आदि बच्चो ने सीखा। इस नये कार्य का सबसे अच्छा फायदा यह हुआ की बच्चो में रचनात्मक कौशल का विकास हुआ। जो बच्चे ऑफलाइन कक्षा पर ध्यान नहीं दे रहे थे वे भी नियमित रूप से ध्यान देने लगे एवं अपनी इच्छा से जुड़ने लगे।
इस प्रकार कोरोना काल के पूर्व भी मेरे द्वारा इस तरह की नवाचारी गतिविधि किया जा रहा था , वर्तमान में और भविष्य में भी निरंतर प्रयास किया जाता रहेगा ।
शिक्षक मित्र
पुष्पेंद्र कुमार कश्यपसहायक शिक्षकशासकीय प्राथमिक शाला सकरेली बासंकुल केंद्र सकरेलीविकासखंड शक्तिशैक्षणिक जिला शक्ति जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़
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